नागर विमानन नीति (Civil Aviation Policy – Economy)

Doorsteptutor material for CTET-Hindi/Paper-1 is prepared by world's top subject experts: get questions, notes, tests, video lectures and more- for all subjects of CTET-Hindi/Paper-1.

सुर्ख़ियों में क्यों?

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में घरेलू विमानन क्षेत्र को बढ़ावा देेने और अनुकूल किराया प्रदान करने के लिए नागर विमानन नीति को मंजूरी दी है। इस नई नीति का उद्देश्य घरेलू विमान यात्रियों को विभिन्न लाभ प्रदान करना हैं।

नीति का उद्देश्य

§ भारत को वर्ष 2022 तक तीसरा सबसे बुड़ा नागरिक उड्डयन बाजार बनाना। वर्तमान में भारत नौवें स्थान पर हैं।

§ घरेलू टिकट का वर्ष 2015 में 8 करोड़ से वर्ष 2022 तक 30 करोड़ तक ले जाना। वर्ष 2022 तक घरेलू यात्री यातायात लगभग चार गुना करके 30 करोड़ तक लाना।

§ अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों वाले हवाई अड्डों को वर्ष 2016 में 77 से वर्ष 2019 तक 127 करना।

§ वर्ष 2027 तक कार्यो की मात्रा में 4 गुना की वृद्धि करके 10 मिलियन टन करना।

§ ढील, सरलीकृत प्रक्रियाओं और ई-गवर्नेंस (प्रशासन) के माध्यम से ईज (देखिए) ऑफ (के) डूइंग बिज़नस (कारोबार) को बढ़ावा देना।

§ नागरिक उड्डयन क्षेत्र में “मेक इन इंडिया” को बढ़ावा देना।

§ वर्ष 2025 तक गुणवत्ता प्रमाणित 3.3 लाख कुशल कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।

राष्ट्रीय नागर विमानन नीति की मुख्य विशेषताएं

§ नई नागर विमानन नीति की आधारशिला में निम्न सम्मिलित हैं-

§ प्रतियोगिता

§ उपभोक्ता

§ कनेक्टिविटी (भारत के भीतर और बाकी दुनिया के साथ)

§ निवेश (घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों से)

क्षेत्रीय संपर्क योजना

• किराये की उच्चतम सीमा: 30 मिनिट के लिए 1200 रुपये और घंटे भर की उड़ान के लिए 2500 रुपये।

• 50 करोड़ रुपये से 100 करोड़ रुपये की लागत से हवाई पट्ठियों⟋हवाई अड्डों का ‘नो (नहीं) फ्रिल’ (अतिरिक्त वस्तु) हवाई अड्डों के रूप में पुनरुद्धार।

• मार्ग प्रकीर्णन दिशा निर्देश (आरडीजी)

• नागरिक उड्डयन मंत्रालय दव्ारा हवाई यातायात मार्गों को 3 श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा।

5⟋20 नियम खत्म

• इस योजना की जगह ऐसी योजना लायी गयी है जो सभी को सामान अवसर देगी

• सभी एयरलांइस (हवाई जहाज़ की जनसमूह⟋सेवा) अब अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू कर सकती हैं, बशर्ते वे 20 विमान या कुल क्षमता के 20 प्रतिशत विमान, जो भी अधिक हो, घरेलू उड़ान के लिए परिचालन करें।

दव्पक्षीय यातायात अधिकार

• भारत सरकार सार्क देशों और दिल्ली से 5,000 किमी से परे स्थिति देशों के साथ पारस्परिक आधार पर “खुले आसमान” के प्रावधान को लागू करेगी। अर्थात ये देश उड़ानों और सीटों की संख्या के मामले में भारतीय हवाई अड्डों का असीमित उपयोग कर पाएंगे, जिससे इन देशों के साथ उड़ानों में वृद्धि होगी।

ईज ऑफ डूइंग बिज़नस

§ सभी विमानन संबंधी लेनदेन, शिकायत, आदि के लिए एकल खिड़की।

§ “ईज ऑफ डूइंग बिज़नस” पर अधिक ध्यान क्योंकि सरकार की योजना क्षेत्रीय उड़ानों की व्यवस्था को उदार करने की हैं।

§ भारतीय विमानन कंपनियां (जनसमूहों) देश में किसी भी गंतव्य के लिए विदेशी विमानन कंपनियों के साथ पारस्परिक आधार पर कोड (संकेत व्यवस्था) शेयर समझौते में प्रवेश करने के लिए मुक्त होंगी।

§ सभी क्षेत्रीय उड़ानों पर पहले से प्रस्तावित 2 प्रतिशत उपकर हटा दिया गया है। यह उपकर क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए धन इकठ्ठा करने के लिए प्रस्तावित किया गया था।

अवसंरचना का विकास

• भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के माध्यम से 50 करोड़ रुपये की अधिकतम कीमत पर हवाई पठ्ठियों की बहाली।

• सरकार चार हैली-हब विकसित करेगी। हेलीकाप्टर आपाताकालीन चिकित्सा सेवा भी चालू होगी

• राज्य सरकारों के साथ-साथ निजी क्षेत्र या पीपीपी मोड (रीति) के दव्ारा ग्रीनफील्ड (हराक्षेत्र) और ब्राउनफील्ड (भूरा क्षेत्र) हवाई अड्‌डों के विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा

• भविष्य में सभी हवाई अड्‌डों पर टैरिफ (श्रेष्ठ) की गणना ‘हाइबिड (दो भिन्न वस्तुओं के संयोग से बनी कोई वस्तु) टिल’ (दराज (ख़ज़ांची की) , जोतना) के आधार पर की जाएगी।

• कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बीच सामरिक साझेदारी विमानन क्षेत्र में कौशल की पहल को बढ़ावा देगी।

नई नीति में कमियाँ

संरचानात्मक सुधारों को नजरअंदाज किया गया

• नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संस्थागत क्षमता में सुधार लाने पर कोई दिशानिर्देश नहीं दिया गया है।

• नीति, नागरिक उड्डयन क्षेत्र को दीर्घावधि विकास के लिए आवश्यक संस्थागत बुनियादी सुविधायें भी प्रदान नहीं करती।

• नीति नागर विमानन महानिदेशालय, ब्यूरों (तथ्यों की जानकारी प्रदान करने वाला कार्यालय) ऑफ (के) सिविल एविएशन सिक्योरिटी, (नागरिक विमानचालक, सुरक्षा) स्वतंत्र नागरिक उड्डयन प्राधिकरण और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की विशेषज्ञता के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं देती।

• भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का पुनरुत्थान महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के हवाई अड्डों के बुनियादी ढांचे के बड़े पैमाने पर विकास के लिए एक मजबूत इकाई की आवश्यकता है।

अन्य कमियाँ

• एक घंटे की उड़ान के टिकट के लिए 2,500 रुपये और अगर टिकट की कीमतें इस निर्धारित दर से अधिक होती है तो निजी एयरलाइनों (हवाई जहाज की जनसमूह⟋सेवा) को सब्सिडी (आर्थिक सहायता) के प्रावधान से कीमतों का मनमाना निर्धारण हो सकता है और निजी एयरलांइस के मामलों में नौकरशाही के हस्तक्षेप से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।

• राष्ट्रीय नागर विमानन नीति में एयरलाइंस में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने पर कुछ नहीं बताया गया है।

• 5⟋20 नियम को समाप्त करने से भी विस्तार और एयरएशिया इंडिया जैसी नई एयरलाइंस को मदद नहीं मिलेगी क्योंकि संसाधनों की कमी के कारण तुरंत विस्तार कर पाना संभव नहीं होगा।

• हेलीकॉप्टर उद्योग के बारे में घोषणा से इसमें संरचनात्मक बदलाव आएगा, लेकिन इसकी सफलता पूरी तरह से नागर विमानन महानिदेशालय, ब्यूरों ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी और बुनियादी ढांचे के विकास पर निर्भर है।