भारत के डिजिटल (अंकसंबंधी) रूपांतरण के मार्ग की बाधाएं विश्व विकास रिपोर्ट (विवरण) -2016 (Barriers to the Path of Digital Conversion of India: World Development Report – 2016 – Report and Committee)

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• रिपोर्ट में इस तथ्य पर प्रकाश डाला गया है कि विकासशील देशों में भारत आईटी सेवाओं का सबसे बड़ा निर्यातक और कुशल श्रमशक्ति से संपन्न है। हालांकि इसके बावजूद भारत अभी भी अपनी अर्थव्यवस्था के डिजिटल (अंकसंबंधी) रूपातंरण के मामले मेें चीन से काफी पीछे है।

• विश्व बैंक ने हाल ही में विश्व विकास रिपोर्ट ‘डिजिटल लाभांश’ में इस विषय में प्रकाश डाला है।

भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियाँ

• भारत में ‘डिजिटल पहुँच अंतराल’ और ‘डिजिटल क्षमता अंतराल’ दोनों ही उच्च स्तर पर हैं। रिपोर्ट के अनुसार, क्षमता अंतराल समग्र व्यावसायिक परिवेश और मानव संसाधन की गुणवत्ता के कारण है।

गुणवत्तायुक्त अवसंरचना में सुधार की धीमी गति: एक्सप्रेसवे , लॉजिस्टिक (सेना को टिकाने या हटाने की विद्या) , भंडारण, डाक वितरण प्रणाली और बिजली की विश्वसनीय आपूर्ति जैसी बुनियादी ढांचे से संबंधित सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार की धीमी गति डिजिटल (अंकसंबंधी) रूपांतरण के मार्ग की प्रमुख बाधा है।

• प्रौद्योगिकीय नवाचारों जैसे कि मोबाइल (चलनशील) मनी (मुद्रा) या राइड (सवारी) शेयरिंग (किसी वस्तु का अंश या मात्रा) सर्विस (सेवा) जैसे नवीन क्षेत्रों से संबंधित सेवाओं के प्रति भारतीय विनियामकों का जरूरत से ज्यादा सतर्क दृष्टिकोण डिजिटल स्टार्ट-अप कंपनियों (संघो) के नए बाजारों में प्रवेश और बेहतर प्रदर्शन करने के मार्ग की प्रमुख बाधा है।

कौशल और शिक्षा का निम्न स्तर: भारत की वयस्क आबादी का लगभग 25 प्रतिशत अभी भी पढ़-लिख पाने में सक्षम नहीं हैं जबकि चीन में यह आंकड़ा मात्र 5 प्रतिशत है।

शिक्षा की निम्न गुणवत्ता: हाल ही की एएसईआर (एनुअल स्टेट ऑफ ऐजुकेशन रिपोर्ट) (वार्षिक, राज्य, के, शिक्षांं, विवरण) के अनुसार ग्रामीण भारत में 16 वर्ष और उसे नीचे के 10 प्रतिशत बच्चे एकल अंको की संख्या की लगातार सटीक पहचान करने में सक्षम नहीं है।