Science and Technology MCQs in Hindi Part 18 with Answers

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1 जैव प्रौद्योगिकी विज्ञान को लाल, हरित, नील तथा श्वेत उप-विभागों में वर्गीकृत किया जाता है। इन उपविभागों के कार्यों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ लाल जैव प्रौद्योगिकी के अंतर्गत संपूर्ण अंग का विकास करने के लिये स्टेम (तना) सेल (कोशिका) का प्रयोग किया जाता है।

  • श्वेत जैव प्रौद्योगिकी के अंतर्गत नए रसायनों तथा ईंधनों का उत्पादन किया जाता है।
  • हरित जैव प्रौद्योगिकी के अंतर्गत जल जनित बीमारियों से बचाव के लिये दवाईयों का उत्पादन किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा⟋से सही है⟋ हैं?

अ) केवल 1 और 2

ब) केवल 2

स) केवल 1 और 3

द) 1,2, और 3

उत्तर: (अ)

व्याख्या:

  • लाल जैव प्रौद्योगिकी के अंतर्गत संपूर्ण अंग का विकास करने के लिये स्टेम सेल का प्रयोग किया जाता है। अत: कथन 1 सही है।
  • श्वेत जैव प्रौद्योगिकी के अंतर्गत नए रसायनों तथा ईंधनों का उत्पादन किया जाता है। अत: कथन 2 सही है।
  • हरित जैव प्रौद्योगिकी के अंतर्गत कृषि संबंधित शोध किये जाते हैं जैसे रोग प्रतिरोधक पौधे तथा दवाइयों की खोज तथा उत्पादन। नील जैव प्रौद्योगिकी के अंतर्गत जल जनित हानिकारक जीवाणुओं के फैलाव को नियंत्रित करना आता है।
Illustration: Science and Technology MCQs in Hindi Part 18 with Answers

2 राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी विकास रणनीति (2015 - 2020) के उद्देश्यों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ भारत को एक विश्व स्तरीय जैव-विनिर्माण केन्द्र के रूप में स्थापित करना है।

  • नए जैव प्रौद्योगिकी उत्पादों के निर्माण, अनुसंधान एवं विकास और व्यावसायीकरण के लिये मज़बूत बुनियादी ढाँचा बनाना।
  • भारत के मानव संसाधनों को वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा⟋से सही है⟋ हैं?

अ) केवल 1 और 2

ब) केवल 2

स) केवल 1 और 3

द) 1,2, और 3

उत्तर: (द)

व्याख्या: उपर्युक्त सभी कथन सही हैं।

राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी विकास रणनीति 2015 - 2020 की रणनीति के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • मानवता की भलाई के लिये ज्ञान और साधनों का उपयोग करने को बढ़ावा देना।
  • नए जैव-प्रौद्योगिकी उत्पादों के निर्माण के लिये महत्वपूर्ण निवेश के साथ एक प्रमुख और सुव्यवस्थित मिशन (लक्ष्य) की शुरूआत करना।
  • भारत के बेमिसाल मानव संसाधनों को वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना।
  • अनुसंधान एवं विकास और व्यवसायीकरण के लिये एक मज़बूत बुनियादी ढांचा तैयार करना।
  • भारत को एक विश्व स्तर के जैव विनिर्माण केन्द्र के रूप में स्थापित करना।
  • एक कुशल कार्यबल और नेतृत्व की स्थापना करना।
  • बढ़ती हुई जैव अर्थव्यवस्था के अनुरूप ज्ञान के वातावरण को सशक्त बनाना।
  • बुनियादी, विषयी, अंतर-विषयी में अनुसंधान के अवसरों को बढ़ावा देना।
  • उपयोग से प्रोत्साहित खोज अनुसंधान को प्रोत्साहन देना।
  • समग्र विकास के लिये जैव प्रौद्योगिकी उपकरणों पर ध्यान केन्द्रित करना।
  • नवाचार, ट्रांसनेशनल (अंतरराष्ट्रीय) क्षमता और उद्यमशीलता को पोषित करना।
  • एक पारदर्शी, कुशल और विश्व स्तरीय रूप से सर्वश्रेष्ठ नियामक प्रणाली और संचारण रणनीति को सुनिश्चित करना।
  • जैव-प्रौद्योगिकी सहयोग-वैश्विक और राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।
  • पुन: तैयार किये गए प्रारूपों से युक्त संस्थागत क्षमता को मजबूत करना।
  • प्रक्रियाओं के साथ-साथ परिणामों के मापन के ढांचे को सृजन करना।

3 निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ फाइटो-फार्मा प्लांट (संयंत्र) मिशन (लक्ष्य) : नष्ट हो चुके पौधों के विषय में जानकारी एकत्र करना।

  • ब्रह्यपुत्र जैव विविधता और जीवविज्ञान बोट (बी 4) : यह एक प्रमुख पारिस्थितिकी हॉटस्पॉट (गर्म स्थान) है।

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा⟋से सही सुमेलित है⟋हैं?

अ केवल 1

ब) केवल 2

स) 1 और 2 दोनों

द) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (ब)

व्याख्या:

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) के जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मूलभूत परिवर्तन के लिये कई कदम उठाए हैं। समावेशी विकास के संदर्भ में डीबीटी ने कई कार्यक्रमों और मिशनों (लक्ष्यों) की घोषणा की है। डीबीटी ने ‘उत्तर पूर्वी क्षेत्र बायोटेक्नोलॉजी (जैवतकनीकी) प्रोग्राम (कार्यक्रम) मैनेजमेंट (प्रबंध) सेल (बिक्री) (एनईआर-बीपीएमसी) ’ का गठन किया है। इसका वार्षिक निवेश 180 करोड़ रुपए है। यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी शोध को गति प्रदान करेगा। इसके तहत निम्नलिखित प्रमुख परियोजनाएँ चलाने का निर्णय लिया गया है।
  • फाइटो-फार्मा प्लांट मिशन:- यह 50 करोड़ रुपए का मिशन है जिसका उद्देश्य लुप्तप्राय और लुप्त होने के खतरे को झेल रहे औषधीय पौधों का संरक्षण है। अत: युग्म 1 गलत है।
  • ब्रह्यपुत्र जैव विविधता और जीवविज्ञान बोट (बी 4) :- यह एक प्रमुख पारिस्थितिकी हाटॅस्पॉट है। यह पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के सभी घटकों के विश्लेषण के लिये सुसज्जित प्रयोगशाला है। बी 4 में मिट्‌टी, पानी, पर्यावरण, पौधे व पशु जीवन, मानव स्वास्थ्य और कृृषि घटक के विश्लेषण करने की क्षमता होगी। अत: युग्म 2 सही है।

4 फार्माकोजेनोमिक्स के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा कथन सही हैं?

अ) यह दवाओं के प्रति किसी व्यक्ति के आनुवंशिक स्वरूप के प्रभाव का अध्ययन करने में सहायता करती है।

ब) इसे पुनरुत्पादक चिकित्सा के नाम से जाना जाता है।

स) इसके माध्यम से कृषि प्रणालियों तथा खाद्य फसलों की गुणवत्ता में सुधार किया जाता है।

द) नैतिक आधार पर दो भ्रूणों को एक साथ विकसित करने की तकनीकी है।

उत्तर: (अ)

  • फार्माकोजेनोमिक्स दवाओं के प्रति किसी व्यक्ति के आनुवंशिक स्वरूप के प्रभाव का अध्ययन करने में सहायता करती है। इस तकनीक का लक्ष्य मरीजों के जीनोटाइप के लिये ड्रग (नशीली दवा) थेरेपी (चिकित्सा) का कम से कम प्रतिकूल प्रभाव के साथ अधिकतम प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिये तर्कसंगत साधन विकसित करना है।

5 हाल ही में चर्चा में रही जर्मलाइन एडिटिंग (संपादन) तकनीकी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ यह तकनीकी जीनोम एडिटिंग से संबंधित है।

  • इस तकनीकी दव्ारा जीन में किये जा रहे आनुवंशिक सुधारों को भावी पीढ़ियों तक स्थानांतरित किया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा⟋से सही है⟋ हैं?

अ) केवल 1 और 2

ब) केवल 2

स) केवल 1 और 3

द) 1,2, और 3

उत्तर: (स)

व्याख्या:

  • जर्मलाइन एडिटिंग तकनीकी जीनोम एडिटिंग से संबंधित है। अत: कथन 1 सही है।
  • सामान्यत: इस तकनीकी दव्ारा भ्रूण को किसी भी मानव में प्रत्यारोपित नहीं किया जाता, बल्कि इसके दव्ारा भ्रूण में लक्षित तथा विशिष्ट आनुवंशिक परिवर्तन के लिये इसका इस्तेमाल किया जाता है। अत: कथन 2 गलत है।
  • इस तकनीकी दव्ारा जीन में किये जा रहे आनुवंशिक सुधारों को भावी पीढ़ियों तक स्थानांतरित किया जा सकता है। अत: कथन 3 सही है।

6 नॉन-फोटोमिकल (गैर प्रकाश रासायनिक) केंवचिंग का आशय निम्नलिखित में से किससे हैं?

अ) यह तकनीक पौधों को बर्फ के अंदर जीवित रखने में मदद करती है।

ब) इस तकनीक के माध्यम से पौधे अपना भोजन सूर्य के प्रकाश के अभाव में बनाने में सक्षम है।

स) यह तकनीक जलीय तंत्र के पौधों को ऑक्सीजन प्रदान करती है।

द) यह तकनीक पौधों को प्रकाश की उच्च तीव्रता के प्रभाव से बचाने में सक्षम है।

उत्तर: (द)

व्याख्या:

  • नॉन-फोटोकेमिकल (गैर प्रकाश रासायनिक) क्रेंचिंग एक ऐसी तकनीक है जिसके अंतर्गत पौधे और शैवाल प्रकाश की उच्च तीव्रता के प्रतिकूल प्रभावों से स्वयं को बचाने के लिये स्वयं को सक्षम बनता है।
  • उल्लेखनीय है कि पौधों की पत्तियाँ ज़रूरत से ज्यादा सूर्य के प्रकाश को अवशोषित कर लेती हैं तो ऐसे में पत्ती के अंदर हुए रासायनिक परिवर्तन के माध्यम से अतिरिक्त ऊर्जा को ऊष्मा के रूप में क्षय होने देती है, इसी प्रक्रिया को ‘नॉन-फोटोकेमिकल क्रेंचिंग’ कहा जाता है।

7 कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र (एटिक अथवा एटीआईसी) की स्थापना के उद्देश्यों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ किसानों और प्रौद्योगिकी के प्रसार में नवाचार की एक प्रक्रिया के रूप में विभिन्न हितधारकों को एक एकल खिड़की वितरण प्रणाली के माध्यम से उत्पाद, सेवाएँ और सूचना प्रदान करना।

  • संस्थागत प्रौद्योगिकी सलाह, प्रौद्योगिकी उत्पादों आदि तक किसानों की सीधी पहुंच सुनिश्चित कर प्रौद्योगिकी प्रसार को बढ़ाना।
  • संस्थान के वैज्ञानिकों को उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया के लिये तंत्र विकसित करना।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा⟋से सही है⟋ हैं?

अ) केवल 1 और 2

ब) केवल 2 और 3

स) केवल 3

द) 1,2, और 3

उत्तर: (द)

व्याख्या: उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली ने किसानों के लाभ के लिये अनेक कृषि प्रौद्योगिकियों का सृजन किया है, लेकिन सूचना तक पहुँच की कमी के करण किसान इन तकनीकों का उपयोग करने में सक्षम नहीं हैं। इस सूचना गैप (अंतर) को कम करने के लिये देश में कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केन्द्र (एटीआईसी) की स्थापना की गई है। एटिक (Agricultural (कृषि) Technology (तकनीकी) Information (सूचना) Centre (केन्द्र) अथवा ATIC) की स्थापना 1999 में नई दिल्ली में की गई थी। एटिक कृषि सलाहकारी सेवाएँ प्रदान करता है और किसानों के बीच सूचना आधारित निर्णय लेने की सुविधा प्राप्त करता है। इसकी स्थापना के प्रमुख दद्देश्य निम्नलिखित र्हैं।

  • किसानों और प्रौद्योगिकी के प्रसार में नवाचार की एक प्रक्रिया के रूप में विभिन्न हितधारकों को एक एकल खिड़की वितरण प्रणाली के माध्यम से उत्पाद, सेवाएं और सूचना प्रदान करना।
  • संस्थागत प्रौद्यौगिकी सलाह, प्रौद्यौगिकी उत्पादों आदि तक किसानो की सीधी पहुंच सुनिश्चित पर प्रौद्यौगिकी प्रसार को बढ़ाना।
  • संस्थान के वैज्ञानिक को उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया के लिए तंत्र विकसित करना।

8 मेघ बीजन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ यह बादलों में नमी की मात्रा को प्रभावित करने की एक युक्ति है।

  • इससे मानसून की अनियमता से होने वाली समस्या को समाप्त किया जा सकता है।
  • इसके लिए पोटेशियम क्लोरेट का प्रयोग किया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा⟋से सही है⟋हैं।

अ) केवल 1 और 2

ब) केवल 2 और 3

स) केवल 3

द) 1,2 और 3

उत्तर: (अ)

व्याख्या:

  • मेघ बीजन अथवा क्लाउड (बादल) सीडिंग (बीज बोना) बादलों में नमी की मात्रा को प्रभावित करने की एक युक्ति है।
  • इस युक्ति के माध्यम से कृत्रिम वर्षा कराई जाती है। अत: कथन 1 सही है। इससे मानसून की अनियमितता से होने वाली समस्या को कृत्रिम वर्षा कराकर समाप्त किया जा सकता है। यह कृषि प्रद्यौगिकी में अति महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि फसल उत्पादन के लिए वर्षा का होना सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटकों में से एक है।
  • अत: कथन दो भी सही है। इसके लिए सिल्वर (चांदी) आयोडाइड, पोटेशियम आयोडाइड या ठोस कार्बन डाई ऑक्साइड का प्रयोग किया जाता है। इस क्रिया में पोटेशियम क्लोरेट का कोई कार्य नही है। अत: कथन तीन गलत है।
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9 एक्वापोनिक फार्म (खेत) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनो में से कौन सा कथन सही है।

अ) यह मत्स्यपालन और मधुमक्खी पालन का समायोजित रूप हैं।

ब) यह तालाबों में पौधे उगाने की एक तकनीक है।

स) यह मत्स्यपालन और बिना मिट्‌टी के सब्ज़ियों की खेती की तकनीक को सम्मिलित करती है।

द) यह समुद्र के खारे जल में बागवानी करने की एक तकनीक है।

उत्तर: (स)

व्याख्या:

  • एक्वापोनिक फार्म मत्स्यपालन और बिना मिट्‌टी के सब्जियों की खेती की तकनीक को सम्मिलित करती है। जिसकी सहायता से किसान मत्स्यपालन और पौधे उगाने का कार्य एक साथ ही कर सकते हैं। अत: विकल्प (स) सही उत्तर है।
  • इसके अंतर्गत पौधों को उगाने और मछलियों के पालने का कार्य एक ही टैंक (तालाब) में किया जाता है। जिस टैंक में मत्स्यपालन किया जाता है जिसके किनारों पर पौधे लगाए जाते हैं। मछलियों के अपशिष्ट के कारण टैंक के पानी में पोषकतत्व उपस्थित होते हैं जिसे पौधों दव्ारा ग्रहण किया जाता है।
  • इसकी परिचालन लागत बहुत कम है। इसमें ऊर्वरकों की कोई आवश्यकता नहीं होती है। यह ऑर्गेनिक फलों और सब्ज़ियों के उत्पादन और उनकी मांग को पूरा करने के लिये बहुत महत्वपूर्ण है।
  • उल्लेखनीय है कि भूमि के अंगार उगने वाली सब्ज़ियों को इस तकनीक के दव्ारा नहीं उगाया जा सकता।
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10 गोल्डन राइस (सुनहला चावल) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ यह जैव प्रौद्योगिकी एक ऐसी उपलब्धि है जो उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के लिये लाभप्रद है।

  • इसका पीलापन बीटा कैरोटीन की अधिक मात्रा को प्रदर्शित करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा⟋से सही है⟋हैं।

अ केवल 1

ब) केवल 2

स) 1 और 2 दोनों

द) न तो 1 और न ही 2

नोट:- उपरोक्त 10 न. प्रश्न का न तो उत्तर दे रखा है न व्याख्या।