इनजेक्टेबल पोलियो टीका (Injectable Polio Hinges-Science and Technology)

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पिलाये जाने वाले पोलियो टीके (आईपीवी) के मध्य अंतर यह है कि जहाँ पिलाये जाने वाला टीका दुर्बल या अशक्त पोलियों वायरस के दव्ारा तैयार किया जाता है वहीं इनजेक्टेबल पोलियो टीका निष्क्रिय पोलियों वायरस के दव्ारा तैयार किया जाता है। फलस्वरूप पिलाये जाने वाले टीके के माध्यम से टीका प्रभावित पोलियों रोग होने की संभावना होती है। जबकि इन्जेक्ट किए जाने योग्य टीका निष्क्रिय या मृत पोलियो वायरस के माध्यम से तैयार किया जाता है। अत: पोलियों रोग में उत्पन्न सभी तीन प्रमुख समस्याओं से यह उन्मुक्ति प्रदान करता है।

लाभ

• चुँकि इनजेक्टेबल पोलियो टीका एक जीवित टीका नहीं है। अत: टीके दव्ारा हाेेने वाले पोलियो रोग की संभावना को पूरी तरह समाप्त करता है।

• इस टीके के माध्यम से अधिकांश लोगों में विशिष्ट संरक्षणात्मक प्रतिरोधक क्षमता का विकास किया जा सकता है।

हानि

• इन्जेक्ट किये जाने वाले टीके से आतों में निम्न कोटि की प्रतिरक्षा उत्पन्न होती है। अत: परिणामस्वरूप पहले से ही आईपीची दव्ारा प्रतिरक्षित व्यक्ति जब पोलियो विषाणुदव्ारा संक्रमित होता है तों ऐसे व्यक्ति में यह वायरस आंतों में अपनी संख्या मेंं वृद्धि करने लगते है, और मल दव्ारा बाहर बहा दिए जाते हैं अत: रोग की संभावना निरंतर बनी रही है। क्योंकि त्यक्त मल से वायरस शीघ्रता से फेलकर पोलियों रोग उत्पन्न कर सकता है।

• आईपीवी पिलाए जाने वाले टीके की अपेक्षा पाँच गुना अधिक लागत वाला है।

• इस टीके के प्रयोग के लिए कीटाणु रहित स्वच्छ उपकरणों के अतिरिक्त, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता होती है।

भारतीय परिदृश्य

• अप्रैल 2016 से त्रिसंयोजक पोलियों टीके का स्थान संयोजन पोलियों टीके ने ले लिया। यह टीका व्युत्पन्न पोलियो विषाणु की संभावना को कम करेगा।

टीकाकरण बढ़ाने के लिए सुझाव

• नियमित टीकारण के लिए सूक्ष्म योजनाओं का निर्धारण करना।

• टीकारण को संपादित करने वाले स्वस्थ कार्यकर्ताओं का गहन प्रशिक्षण

• निरीक्षण और निगरानी तंत्र की स्थापना, ताकि समय पर सुधारात्मक कदम उठाए जा सके।