ब्राजील का भूगोल (Brazilian Geography) Part 4 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

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प्राकृतिक वन्स्पति-

  • उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन- ऐसे वन ब्राजील में भूमध्यरेखीय प्रदेशों में मिलते हैं। इन्हें अमेजोनस सेल्वा कहा जाता है। यहां पेड़ों की औसत लंबाई 60 - 75 मीटर तक होती है। दक्षिणी अमेरिका में विश्व के कुल ऐसे वनों का 51.3 प्रतिशत भाग पाया जाता है। ब्राजील के लगभग 30 प्रतिशत भाग में ऐसे वन फैले हैं। जुरुप्रा तथा मेरानोन नदियों के बेसिनों में हीबिया वृक्षों की बहुलता है। ऐसे क्षेत्रों को मन्टाना कहते हैं। हार्डवुड, महोगनी, सागौन, हीबिया, रोजवुड, ऐबोनी, केस्टीलोआ, कोका, सिनकोना, ब्राजील नट एवं बलाटा यहाँ के मुख्य वृक्ष हैं। (10000 किस्म के वृक्ष)
  • सवाना घास-सेल्वा के दक्षिणवर्ती एवं पूरब में विस्तृत क्षेत्र में सवाना वनस्पति पायी जाती है, जिसे ब्राजील में कंपोस कहते हैं। अल्प वृष्टि, शुष्क मौसम तथा अधिक वाष्पीकरण के कारण मिटवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू टी में आर्द्रता की न्यूनता मिलती है। अत: घास के मैदान मिलते है, कहीं-कहीं छोटे वृक्ष दिखाई पड़ते हैंं घास आधे मीटर से चार मीटर तक ऊँची होती है। आंतरिक निम्न भूमि एवं पठार के अधिकांश भाग पर वृक्ष चक्र सवाना घास जिसे केम्पो सेराड़ो कहते हैं, तथा कँटीली झाड़ियाँ पायी जाती हैं, जबकि कुछ क्षेत्रों में वन विद्यमान हैं। उत्तरी-पूर्वी अर्द्ध-शुष्क पठारी भाग में कटिंगा नामक कँटीली झाड़ियाँ पायी जाती हैं।
  • उष्ण कटिबंधीय पतझड़ वन- ब्राजील में सवाना वनस्पति क्षेत्र के दक्षिणवर्ती क्षेत्र में उष्ण कटिबंधीय पतझड़ वन पाए जाते हैं। इन वनों में एक ही जगह एक जाति के वृक्ष समूह पाए जाते हैं। यहाँ के वानस्पतिक भूदृश्य में सागौन, बाँस क्वेबाको, झाल एवं ताड़ के वृक्ष, घास के मैदान और दलदल दिखते है। अधिक आर्द्र क्षेत्रों में मनीहार, मनीकोबा और कार्नोबा वृक्ष हैं, पर सावों फ्रांसिक्का नदी बेसिन में शुष्कता सहन करने वाले पौधे मिलते हैं।
  • सदाबहार शीतोष्ण झाड़ी वाले वन-इस प्रकार के सदाबहार वन दक्षिण-पूर्वी ब्राजील तट पर मिलते हैं। मिटवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू टी प्राय: कम उपजाऊ है। ग्रीष्म काल में पानी की कमी के कारण वनस्पति छोटी-छोटी झाड़ियों या बौने वृक्षों के रूप में जानी जाती है, जिनकी छाल-मोटी एवं पत्तियाँ चौड़ी एवं जड़ें लंबी होती है। इनकी लंबाई 6 - 15 मीटर होती है। यहाँ अंजीर, यूकिलिप्टस (नीलगिरी) , पाइन (देवदार) , ओक, जैतून, सिडर तथा कार्क के पेड़ भी मिलते हैं। अनेक प्रकार की रसदार फल भी यहाँ उत्पन्न किये जाते है।
  • प्रेयरी घास-ब्राजील पठार के धुर दक्षिणी लघु क्षेत्र में उपोष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु पायी जाती है, जिसमें वर्ष भर वर्षा होती है। इस क्षेत्र के सागर तटीय निम्न मैदानी भागों में वृक्ष विहीन बड़ी घासों वाली वनस्पति को प्रेयरी के नाम से पुकारते हैं। इन घासों की ऊँचाई 3 मीटर तक होती है। इतनी लंबी होती हुई भी ये घासें मुलायम होती है। दक्षिणी ब्राजील के तट पर अल्फाल्फा घासों की बहुलता है। उच्च भूमियों पर उपोष्ण कटिबंधीय मिश्रित वन पाए जाते हैं, जिनमें नुकीली पत्ती वाले पराना पाइन वृक्षों की अधिकता है।