चीन का भूगोल (Geography of China) Part 4 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

Doorsteptutor material for CTET-Hindi/Paper-1 is prepared by world's top subject experts: get questions, notes, tests, video lectures and more- for all subjects of CTET-Hindi/Paper-1.

  • पठारी प्रदेश-
  • तिब्बत का पठार- यह हिमालय एवं कुनलुन पर्वत श्रेणियों के मध्य विस्तृत है। यह चिंघाई, तिब्बत, पश्चिमी जेचवान एवं पश्चिमी यूनान प्रदेशों में स्थित है। यह चीन का वृहत्तम पठार है। यह पठार हिमाच्छादित पर्वत शिखरों, हिमानियों एवं विषम धरातल वाला है। यह विश्व का सर्वोच्च पठार है। इसकी औसत ऊँचाई 4500 मीटर है। यहाँ पर विश्व में सर्वाधिक ऊँचाई पर नमक बनाने की झील है। लेक (झील) नोम टीएसओ -4718 मी.
  • यूनान -केयेड का पठार- यह पठार दक्षिणी चीन के पश्चिमी भाग में हिमालय की पूर्वी शाखा एवं दक्षिणी चीन के पर्वतीय चाप के मध्य स्थित है। यह पठार संपूर्ण केचेड प्रदेश में है। यह मुख्यत: चूना पत्थर के दव्ारा निर्मित है। इस पठार की औसत ऊँचाई 1500 मीटर से अधिक है। इस क्षेत्र में विशिष्ट कार्स्ट स्थलाकृति पायी जाती है।
  • आंतरिक मंगोलिया का पठार-चीन की विश्व विख्यात दीवाल/दीवार के उत्तर में स्थित यह पठार पूर्व की ओर वृहत्तर रिवेंगन पर्वत के दव्ारा आवेष्ठित है। तृणभूमि एवं मरुभूमि की अधिकता इस पठार की विशेषता है।
  • लोएस का पठार- चीन की दीवाल के दक्षिण में समस्त शान्सी पद्रेश, शेन्सी प्रदेश के अधिकांश भाग, दक्षिणी-पूर्वी कान्सू प्रदेश और उत्तर-पूर्वी होपे प्रदेश में यह पठार फैला हुआ है। यह पठार लोएस निक्षेप से निर्मित है जो मध्य एशिया के रेगिस्तान (गोबी) से पवन दव्ारा उड़ाकर लाई गयी है। चीन के स्टेपी भाग को घासे लोएस के निक्षेप में अत्यंत सहायक होती है। लोएस मिटवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू टी का रंग पीला है। यह अत्यंत कोमल एवं पारगम्य है। नदियों ने लोएस को काटकर ravines (नालों) में विभक्त करके उत्खात स्थलाकृति को जन्म दिया है। नदियाँ आसानी से लोएस को काटकर उसका परिवहन करके अपनी घाटियो में जमा करती है। चीन की प्रसिद्ध ह्यांग हो नदी इसी भाग से होकर गुजरती है।