जापान का भूगोल (Geography of Japan) Part 7 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

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जलवायु प्रदेश

डडले स्टाम्व ने जापान को जलवायु के आधार पर चार भागों में बाँटा है-

  • उत्तरी जापान- इसमें होकैडो दव्ीप का समस्त उत्तरी भाग सम्मिलित है। इस प्रदेश की विशेषता अत्यंत कठोर सर्दियाँ, सामान्य गर्मी तथा साधारण वर्षा है। शीत ऋतु कठोर तथा लंबी होती है, औसत तापमान 60 से. होता है। वर्षा गर्मियों की अपेक्षा सर्दियों में अधिक होती है। वर्षा अधिकांशत: बर्फ के रुप में होती है।
  • पश्चिमी जापान- इसके अंतर्गत होन्शू दव्ीप का पश्चिमी भाग तथा होकैडो दव्ीप का दक्षिणी-पश्चिमी भाग सम्मिलित है। ठंडी सर्दियाँ, मध्यम गर्मी तथा सामान्य वर्षा इसके लक्षण है। शीत ऋतु से औसत तापमान 30 से. रहता है, ग्रीष्म ऋतु में औसत तापमान 220 से. मिलता है। वर्षा शीत ऋतु में अधिक होती है। वर्षा का वार्षिक औसत 100 से. मी. है।
  • पूर्वी जापान- यह प्रदेश जापान के प्रशांत तट पर 350 नार्थ (उत्तर) अक्षांश से 450 नार्थ अक्षांश तक विस्तृत है, जिसके अंतर्गत होन्शू का पूर्वी तटीय भाग और दक्षिणी-पूर्वी होकैडो सम्मिलित है। शुष्क एवं ठंडी सर्दियां, साधारण गर्मी एवं सामान्य वर्षा इसकी मुख्य विशेषताएँ हैं। शीत ऋतु में औसत तापमान 00 से. के आसपास रहता है। ग्रीष्म ऋतु में औसत तापमान 200 से. रहता है। दक्षिणी भाग में अपेक्षाकृत अधिक वर्षा होती है। वर्षा का वार्षिक औसत 125 से. मी है।
  • दक्षिणी जापान- इसके अंतर्गत क्यूशू, शिकोकू तथा होन्शू का दक्षिणी भाग सम्मिलित है। साधारण सर्दी, तेज गर्मी तथा अत्यधिक वर्षा इसकी मुख्य विशेषताएँ हैं। शीत ऋतु में औसत तापमान 70 से. (सेन्टीग्रेड) तथा ग्रीष्म ऋतु में औसत तापमान 270 से. रहता है। वर्षा अधिकांशत ग्रीष्म ऋतु में दक्षिणी-पूर्वी मानसूनों दव्ारा होती है। औसत वर्षा 200 से. मी है। घनघोर वर्षा होती है। शीत ऋतु प्राय: शुष्क रहती है।

अपवाह तंत्र

जापान में मिलने वाली नदियों की लंबाई यद्यपि बहुत कम है, लेकिन उसका महत्व जापान के आर्थिक जीवन में बहुत अधिक है। नदियाँ यहाँ जलविद्युत उत्पादन के केन्द्र है।

जापान की नदियों के दो अपवाह तंत्र हें-

  • प्रशांत महासागर अपवाह क्षेत्र
  • जापान सागर अपवाह क्षेत्र

होकैडो की ईशीकारी नदी शीत ऋतु में बर्फ से जम जाती है, अत: इस क्षेत्र की नदियों का अधिक महत्व नहीं है। क्यूशू की तयुकुशी नदी की भी स्थिति अधिक महत्वपूर्ण नहीं हैं। जापान की सबसे लंबी नदी (369 कि. मी.) शिनानो है, जो जापान के हॉन्यू दव्ीप के उत्तरी भाग से निकलकर पर्वतीय भागों में तीव्र गति से बढ़ती हुई जापान सागर में गिरती है।