गाँधी युग (Gandhi Era) Part 10 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

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जिन्ना की 14 सूत्री माँग ~NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.: गाँधी युग (Gandhi Era) Part 10 [For Full Course Visit doorsteptutor.com]

लॉर्ड बर्कनहेड की चुनौती के जवाब में जब नेहरू रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया तो प्रारंभ में जिन्ना का समर्थन प्राप्त था। परन्तु जब इस रिपोर्ट की स्वीकृति के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई तो जिन्ना ने अपनी सहमति देने से इंकार करते हुए अपनी स्वतंत्र 14 सूत्री माँग रखी। जिन्ना की यही ‘14 माँगे’ बाद में गोलमेज सम्मेलन में मुस्लिम मांग का आधार बनी। ये मांगे थीं-

  • भारत का भावी संविधान संघात्मक हो जिसमें अवशिष्ट शक्तियां प्रांतों में निहित रहे।
  • सभी प्रांतों को समान रूप से स्वायत्तता प्राप्त हो।
  • सभी व्यवस्थापिकाओं और निर्वाचित संस्थाओं में मुसलमानों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व प्राप्त हो।
  • केन्द्रीय विधानसभा में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व कुल संख्या का 1⟋3 से कम नहीं हो।
  • सांप्रदायिक वर्गों का प्रतिनिधित्व पृथक निर्वाचन-व्यवस्था के अनुसार हो।
  • पंजाब, बंगाल और उत्तर-पश्चिमी सीमा प्रांतों के पुनर्गठन के समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि मुसलमान बहुमत में बने रहें।
  • सभी संप्रदायों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान की जाए।
  • विधानसभा कोई ऐसा कानून या प्रस्ताव पास नहीं करे, जिसका विरोध किसी संप्रदाय का 3⟋4 बहुमत करे।
  • सिंध को बंबई प्रेसीडेंसी (राष्ट्रपति) से अलग कर दिया जाए।
  • उत्तर-पश्चिमी सीमाप्रांत और बलूचिस्तान में सुधार योजनाएँ लागू हों।
  • सरकारी नौकरियों एवं अन्य स्वशासी इकाइयों में मुसलमानों को समुचित प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए संवैधानिक व्यवस्था हो।
  • मुसलमानों की संस्कृति, शिक्षा, भाषा और धर्म की रक्षा की व्यवस्था की जाए।
  • केन्द्रीय और प्रांतीय मंत्रिमंडलों में कम से कम 1⟋3 मुसलमान मंत्रि हो।
  • प्रांतों की अनुमति के बिना केन्द्रीय विधानसभा संवैधान में संशोधन न करें।