Indian Geography MCQs in Hindi Part 13 with Answers
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1 भारत में कोयले के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ भारत में अधिकांश कोयला बिटुमिनस प्रकार का है।
- भारत में अधिकांश कोयले के निक्षेप-निम्न गोंडवाना समूह के क्षेत्रों में पाए गए हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा⟋से सत्य है⟋हैं?
अ) केवल 1
ब) केवल 2
स) 1 और 2 दोनों
द) न तो 1 और न ही 2
उत्तर: (स)
व्याख्या:
- कथन 1 सत्य है। भारत में पाया जाने वाला कोयला अच्छी किस्म का नहीं है। यहां अधिकतर कोयला बिटुमिनस प्रकार का है, इसमें भी अधिकांश गैर-कोकिंग ग्रेड (श्रेणी) का है।
- कथन 2 सत्य है। कोयले के भंडार दो भूगर्भिक समूहों-निम्न गोंडवाना समूह (20 करोड़) वर्ष पुराना; और टर्शियरी समूह (लगभग 5.5 करोड़ वर्ष पुराना) में निहित हैं। इनमें से देश के लगभग 96 प्रतिशत कोयला भंडार निम्न गोंडवाना समूह में हैं।
- उल्लेखनीय है कि गोंडवाना कोयला क्षेत्र चार नदी-घाटियों-दामोदर नदी घाटी, सोन नदी घाटी, महानदी घाटी और वर्धा-गोदावरी नदी घाटी में पाए जाते हैं। जबकि टर्शियरी कोयला असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और नागालैंड में पाया जाता है।
2 निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये:
Table of State and Its Sector
कोयला क्षेत्र | राज्य |
1 रानीगंज | झारखंड |
2 विश्रामपुर | छत्तीगढ़ |
3 सोहागपुर | मध्यपद्रेश |
उपर्युक्त युग्मों में कौन-सा⟋से सत्य है⟋हैं?
अ) केवल 1 और 2
ब) केवल 2 और 3
स) केवल 3
द) 1,2 और 3
उत्तर: (ब)
व्याख्या:
- युग्म 1 गलत है। रानीगंज पश्चिम बंगाल का प्रमुख कोयला क्षेत्र है। इसके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग में भी कोयले का उत्पादन होता है। झारखंड के कोयला क्षेत्रों में झरिया, बोकारो, गिरिडीह, करनपुरा, रामगढ़, डाल्टगंज, औरंगाबाद और हुतार हैं।
- युग्म 2 सत्य है। उत्तर छत्तीसगढ़ कोयला क्षेत्रों में चिरिमिरी, कुरसिया, विश्रामपुर, झिलमिली, सोनहाट, लखनपुर, सेंदुरगढ़, लखनपुरा-रामकोला आदि आते हैं। इसके अतिरिक्त दक्षिण छत्तीसगढ़ कोयला क्षेत्र में हासदो-अरंड, कोरबा, मांड-रायगढ़ शामिल हैं।
- युग्म 3 सत्य हैं। सिंगरौली, सोहागपुर, जोहिल्ला, उमरिया, (मध्यवर्ती कोयला क्षेत्र) एवं पेंच, कान्हन, पथखेड़ा (सतपुड़ा कोयला क्षेत्र) मध्य प्रदेश में स्थित हैं।
3 पेट्रोलियम उत्पादन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ 1959 से पूर्व भारत में केवल असम में ही तेल उत्पादन होता था।
- भारत में पहला अपतटवेधन गुजरात के अलियाबेट नामक स्थान पर किया गया।
- अंकलेश्वर खंभात क्षेत्र में भारत का महत्त्वपूर्ण तेल क्षेत्र हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा⟋से सत्य है⟋हैं?
अ) केवल 1 और 2
ब) केवल 3
स) केवल 1 और 3
द) 1,2 और 3
उत्तर: (द)
व्याख्या:
- कथन 1 सत्य है। 1959 से पूर्व तक केवल असम में ही तेल का उत्पादन होता था। भारत में पेट्रोलियम की खोज के लिये सर्वप्रथम 1866 ई. में ऊपरी असम घाटी में कुएँ खोदे गए थे। सन् 1890 में डिगबोर्ड क्षेत्र में तेल मिल गया था।
- कथन 2 सत्य है। अपतटीय वेधन की शुरूआत भारत में गुजरात के अलियाबेट नामक स्थान से की गई। बाद में सन् 1975 में मुंबई हाई (उच्च) की खोज हुई।
- कथन 3 सत्य है। 1958 में खंभात के तेल क्षेत्र की खोज हुई और इस क्षेत्र में अंकलेश्वर में 1960 में खोदे गए पहले इस कुएँ का नाम वसुधारा रखा गया था।
4 पेट्रोलियम क्षेत्रों के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये:
Table of States and its Pertoliam Sector
पेट्रोलियम क्षेत्र | राज्य |
1 बोरहोल्ला | नागालैंड |
2 निगरू | अरुणाचल प्रदेश |
3 ल्यूनेज | असम |
उपर्युक्त युग्मों में कौन-सा⟋से सत्य है⟋हैं?
अ) केवल 1 और 2
ब) केवल 2 और 3
स) केवल 3
द) 1,2 और 3
उत्तर: (ब)
व्याख्या:
- भारत में तेल क्षेत्रों के वितरण को चार व्यापारिक प्रदेशों में वर्गीकृत किया गया है- उत्तर-पूर्वी प्रदेश, गुजरात प्रदेश, मुंबई हाई और पूर्वी तट प्रदेश
- उत्तर-पूर्वी प्रदेश के अंतर्गत सबसे प्रमुख तेल क्षेत्र-डिगबोई (सबसे पुराना क्षेत्र 1866) , नहरकटिया, मोरान, रूद्रसागर, गालेकी और हगरीजन असम में, निगरू, तिरप ज़िला अरुणाचल प्रदेश तथा नागालैंड का बोरहोल्ला तेल क्षेत्र असम-नागालैंड सीमा के निकट स्थित है।
- गुजरात में अंकलेश्वर, कलोल, नवांगांव, कोसांबा, कठना, बरकोल, मेहसाना, संनद और ल्यूनेज महत्त्वपूर्ण हैं। भावननगर के पश्चिम में अलियाबेट दव्ीप में तेल मिला है।
- मुंबई हाई अरब सागर में स्थित एक अपतट क्षेत्र है। यह देश का सबसे महत्त्वपूर्ण तेल क्षेत्र है। यहां से निकाले गए कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस मुख्य भूमि के तट पर उरण में लाया जाता है। उल्लेखनीय है कि मुंबई हाई के दक्षिण में बसीन नामक क्षेत्र में तेल के भंडार मिले हैं।
- पूर्वी तट प्रदेश के अंतर्गत कृष्णा-गोदावरी और कावेरी की द्रोणियाँ शामिल हैं। नारीमनम और कोविलपल्ली कावेरी द्रोणी के प्रमुख तेल क्षेत्र हैं।
5 तेल परिष्करणशाला के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों को सुमेलित कीजिये। नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर दीजिये:
तेल परिष्करणशाला
अ तापीपाका
ब बीना
स मनाली
द नुमालीगढ़
राज्य
1 . असम
2. आंध्र प्रदेश
3. तमिलनाडु
4. मध्यप्रदेश
कूट:
अ ब स द
अ) 1 2 3 4
ब) 2 4 3 1
स) 4 2 1 3
द) 3 4 2 1
उत्तर: (ब)
व्याख्या:
युग्मों का सही सुमेलन निम्नलिखित है-
Table of Oil Factory and its state
तेल परिष्करणशाला | राज्य |
1 ततीपाका | आंध्र प्रदेश |
2 बीना | मध्यप्रदेश |
3 मनाली | तमिलनाडु |
4 नुमालीगढ | असम |
6 लौह-अयस्क के भंडारण के क्षेत्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ उच्च कोटि के लोह-अयस्क गोंडवाना शैल समूहों में पाया जाता हैं।
- भारत में उच्च कोटी के लोह-अयस्क के भंडार प्रायदव्ीपीय भारत तक सीमित है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा⟋से सत्य है⟋हैं?
अ) केवल 1
ब) केवल 2
स) 1 और 2 दोनों
द) न तो 1 और न तो 2
उत्तर: (ब)
व्याख्या:
- भारत में लौह -अयस्क के पर्याप्त भंडार हैं। यहां अधिकतर हैमेटाइट और मैगेटाइट के लौह -अयस्क पाए जाते हैं।
- कथन 1 गलत है। उच्च कोटी के लौह-अयस्क धारबाड़ शैल समुहों में पाया जाता है कारण है कि उच्च कोटी के लौह-अयस्क के भंडार प्रायदव्ीपीय भारत तक सीमित है। अत: स्पष्ट है कि कथन दो सत्य है।
7 लौह-अयस्क उत्पादन क्षेत्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ सहकालिम, संग्यूम, क्यूपेम, सतारी, पोंड़ा और बिचोलिम कर्नाटक की महत्त्वपूर्ण खानें हैं।
- तीर्थमल्लई पहाड़ियों, यादपल्ली और किल्लीमल्लई क्षेत्र तमिलनाडू में स्थित लौह-अयस्क क्षेत्र हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा⟋से सत्य है⟋हैं?
अ) केवल 1
ब) केवल 2
स) 1 और 2 दोनो
द) न तो 1 और न तो 2
उत्तर: (ब)
व्याख्या:
- कथन एक असत्य है। साहाकालिम, संग्युम, क्यूपेम, सतारी, पोंड़ा और बिचोलिम गोवा की लौह -अयस्क की खानें हैं।
- कथन 2 सत्य है। तीर्थमल्लई पहाड़ियाँ (सेलम) , यादपल्ली और किल्लीमल्लई क्षेत्र (नीलगिरि) तमिलनाडु में स्थित लौह-अयस्क की प्रमुख खानें हैं।
- उल्लेखनीय है कि चंद्रपुर, रत्नागिरि और भंडार महाराष्ट्र, गुरुमहिषानी, सुलई पत, बादाम, पहाड़, किरबुिरु, मेघाहतबुरु और बोनई उड़ीसा , बेल्लारी-हास्पेट, सुंदर कर्नाटक , नोआमुंडी और गुआ झारखंड तथा डल्ली-राजहरा और बैलाडिला छत्तीसगढ़ की प्रमुख लौह-अयस्क की खानें हैं।
8 निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ कटक का सुकिंदा क्षेत्र क्रोमाइट के लिये प्रसिद्ध है।
- हसन, कनार्टक में क्रोमाइट का खनन किया जाता है।
- मध्य प्रदेश का बालाघाट एवं मलजखंड तांबा उत्पादन के लिये प्रसिद्ध है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य है⟋हैं?
अ) केवल 1 और 3
ब) केवल 2 और 3
स) केवल 1 और 2
द) 1,2 और 3
उत्तर: (द)
व्याख्या:
- कथन 1 सत्य है। उड़ीसा भारत में क्रोमाइट का सबसे अधिक उत्पादक करने वाला राज्य है। कटक ज़िले में सुर्किंदा क्षेत्र क्रोमाइट खनन के लिये विख्यात है। केंदुझार व धेनकनाल में क्रोमाइट के भंडार हैं।
- कथन 2 सत्य है। हसन कर्नाटक , सेलम तमिलनाडु , खम्मम तेलंगाना तथा मणिपुर में भी क्रोमाइट का खनन किया जाता है।
- कथन 3 सत्य है। मध्य प्रदेश में बालाघाट एवं मलजखंड तांबा उत्पादन के लिये प्रसिद्ध है। उल्लेखनीय है कि झारखंड में सिंहभूम और राजस्थान में अलवर व झूंझनु में भी तांबे के भंडार हैं।
9 सूची -I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर चुने:
सूची-I
संख्या
अ) एन. एच-1
ब) एन. एच. -2
स) एन. एच. -28
द) एन. एच. -3
सूची-II
राष्ट्रीय राजमार्ग
1. आगरा-मुंबई
2. दिल्ली-कोलकाता
3. दिल्ली-लखनऊ
4. दिल्ली-अमृतसर
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर दीजिये:
कूट:
अ ब स द
अ) 4 2 3 1
ब) 4 3 1 3
स) 1 2 3 4
द) 2 4 1 3
उत्तर: (अ)
व्याख्या:
स्ूाचियों का सही सुमेलन निम्न प्रकार से है:
Table of National Highways
एन. एच-1 | दिल्ली -अमृतसर |
एन. एच-2 | दिल्ली-कोलकाता |
एन. एच-28 | दिल्ली-लखनऊ |
एन. एच-3 | आगरा-मुंबइ |
10 राज्यों में राष्ट्रीय राजमार्ग को लंबाई के संदर्भ में सही क्रम क्या होगा?
अ) उत्तर प्रदेश > महाराष्ट्र > आंध्र प्रदेश > राजस्थान
ब) महाराष्ट्र > आंध्र प्रदेश > उत्तर प्रदेश > राजस्थान
स) उत्तर प्रदेश > राजस्थान > आंध्र प्रदेश > महाराष्ट्र
द) उत्तर प्रदेश > आंध्र प्रदेश > महाराष्ट्र > राजस्थान
उत्तर: (स)
व्याख्या: राज्यों में राष्ट्रीय राजमार्गो की लंबाई का सही क्रम निम्नलिखित प्रकार से हैं?
Table of States and their National highways
उत्तर प्रदेश | 7,863.00 किमी. |
राजस्थान | 7,806.20 किमी. |
आंध्र प्रदेश | 7,068.15 किमी. |
महाराष्ट्र | 6,335.44 किमी. |
कर्नाटक | 6,294.29 किमी. |