भारत-अमेरिका

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प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की चौथी आधिकारिक यात्रा की। (India-US Prime Minister Modi Made the Fourth Official Visit of America – Governance and Governance) ~India-US Prime Minister Modi Made the Fourth Official Visit of America – Governance and Governance General Studies in Hindi

संयुक्त वक्तव्य के मुख्य बिंदु

Table Supporting: संयुक्त वक्तव्य के मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान भारत-अमेरिका संयुक्त वक्तत्वक्या भारत ने दियाक्या भारत को मिला
जलवायु और ऊर्जामॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (औपचारिक अवसरों के लिए नियमों की व्यवस्था) के तहत दुबई मार्ग का अनुसरण करते हुए “एक महत्वाकांक्षी चरणबद्ध अनुसूची के साथ” , वर्ष 2016 में एचएफसी संशोधन की दिशा में कार्यअमेरिका अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की सदस्यता प्राप्त करना चाहेगा।
अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन सभा में वार्ता को आगे बढ़ाते हुए अंतरराष्ट्रीय उड्डयन दव्ारा उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैस पर बातचीत के रूप में एक “सफल परिणाम” तक पहुँचनाछह एपी1000 रिएक्टरों का वेस्टिंगहाउस दव्ारा निर्माण किया जाएगा, भारत और अमेरिका निर्यात आयात बैंक परियोजना के लिए एक प्रतिस्पर्धी वित्तीय पैकेज (प्रस्ताव) हेतु एक साथ काम करेंगे।
दोनों देशों दव्ारा समान रूप से समर्थित एक 20 मिलियन (अत्यधिक विशाल मात्रा) डॉलर (फ्रासं, अमेरिका आदि की प्रचलित मुद्रा) की ″ यू-एस (अमरीकन आचरण) इंडिया (भारत) क्लीन एनर्जी (साफ ताकत) ″ फाइनेंस ″ (किसी कार्य में धन लगाना) पहल की घोषणा।
दोनों देशों दव्ारा समान रूप से समर्थित 40 मिलियन डॉलर वाले यूएस-भारत कैटेलिटिक सोलर (सूर्य संबंधी) फाइनेंस (किसी कार्य में धन लगाना) कार्यक्रम की घोषणा।
निर्यात नियंत्रण और रक्षा सहयोगअमेरिका भारत को “प्रमुख रक्षा साझेदार” में एक के रूप में नामित करेगा।अमेरिका ने एनएसजी, मिसाइल (प्रक्षेपास्त्र) तकनीक नियंत्रण व्यवस्था, आस्ट्रेलिया समूह और वासेनार व्यवस्था में भारत के प्रवेश के लिए समर्थन पुष्टि की। अमेरिका दव्ारा तकनीक साझा करने हेतु भारत को भी उसके करीबी सहयोगियों के समान स्तर पर रखा जाएगा। इस से यूएस की 99 प्रतिशत नवीनतम रक्षा तकनीकों तक भारत की पहुँच सुनिश्चित हो जाएगी। भारत दव्ारा अपने निर्यात नियंत्रण उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध रूप से उठाये गये कदमों के साथ उसे दोहरे उपयोग वाली लाइसेंस (अनुमति) मुक्त तकनीकों की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुँच प्राप्त होगी।

भारत की मेक इन इंडिया (भारत में बनाना) पहल को समर्थन एवं सुदृढ़ रक्षा उद्योगों का विकास और उनका वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एकीकरण।

पिछले एक दशक में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा व्यापार लगभग नगण्य से शुरू होकर 14 बिलियन (एक अरब) डॉलर से भी अधिक हो गया है। भारत के प्रमुख रक्षा आधुनिकीरण अभियान को देखते हुए इसके कई गुना बढ़ने के आसार हैं।

लॉजिस्टिक एक्सचेंज (विनिमय) समझौता ज्ञापन के लिखित स्वरूप को “अंतिम रूप” दिया गया।अमेरिका ने भारत दव्ारा 2018 में कोउंटरिंग वेपन्स (हथियार) ऑफ (के) मास डिस्ट्रक्शन (व्याकुलता) टेररिज्म (आंतकवादी) पर शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के प्रस्ताव का स्वागत किया है।
एशिया-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र के लिए अमेरिका व भारत के बीच का संयुक्त सामरिक दृष्टिकोण आने वाले वर्षों में सहयोग के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगा।भारत अमेरिकी कानून के अनुरूप “हुअल यूज़ (उपयोग) टेक्रोलॉजी” (तकनीकी विधियां) की विस्तृत श्रृंखला तक लाइसेंस (अनुमति) मुक्त पहुँच प्राप्त करेगा।
भू-प्रेक्षण उपग्रह आंकड़ो के आदान प्रदान के लिए समझौता ज्ञापन को “अंतिम रूप” दिया गया।
सइबरसूचना के मुक्त प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए एक “प्रतिबद्धता” ।साइबर अपराध से निपटने के लिए एजेंसियों (कार्यस्थानों) के बीच घनिष्ठ सहयोग
भारत आईसीटी के माध्यम से बौद्धिक संपदा सहित ट्रेड (व्यापार) सीक्रेट (रहस्य) या वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए अन्य गोपनीय व्यावसायिक जानकारी की चोरी के खिलाफ मानकों का समर्थन करता है।

साइबर सुरक्षा मानकों और सुरक्षा के परीक्षण पर अधिक से अधिक सहयोग

अमेरिका भारत में “महत्वपूर्ण इंटरनेट अवसंरचना” को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अपने क्षेत्र में से चलाई जा रही दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधि

निपटने के लिए मानक तय करना।

आतंकवाद का मुकाबलाअमेरिका दव्ारा “2008 के मुंबई हमले और (पहली बार) 2016 के पठानकोट आतंकवादी हमलो” के दोषी व्यक्तियों को सजा देने संबंधी पाकिस्तान की जिम्मेदारी को स्वीकार गया।

अमेरिका ने यूएन कॉम्प्रिहेंसीव कर्न्वेशन (व्यापक, सम्मेलन) ऑन (पर) इंटरनेशनल टेररिज्म (अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी) के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की।

व्यापारबौद्धिक संपदा अधिकार के मुद्दों पर ठोस प्रगति की दिशा में काम करना और दोनों देशों में “ड्राइवर्स (विविध) ऑफ इनोवेशन” (नवीन प्रक्रिया, के) के बीच दव्पक्षीय सहयोग बढ़ाना।

अफ्रीकी भागीदारों के साथ त्रिपक्षीय सहयोग की पुन: पुष्टि की, इसमें “कृषि, स्वास्थ्य, ऊर्जा जैसे क्षेत्र शामिल है” ।