वामपंथ एंव ट्रेड (व्यापार) यूनियन (संघ) आंदोलन (Leftcreed and Trade Union Movement) Part 4 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

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मेरठ षड़यंत्र मुकदमा ~NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.: वामपंथ एंव ट्रेड (व्यापार) यूनियन (संघ) आंदोलन (Leftcreed and Trade Union Movement) Part 4

मार्च, 1929 में ब्रिटिश सरकार ने श्रमिक वर्ग के महत्वपूर्ण नेताओं को गिरफ्तार किया और उन पर मुकदमा चलाने के लिए उन्हें मेरठ लाया गया। ट्रेड यूनियन नेताओं पर मुख्य अभियोग यह था कि उन्होंने ब्रिटिश क्राउन (ताज) को भारत की संप्रभुता से वंचित करने का षड़यंत्र किया। इस मुकदमे के परिणामस्वरूप मुजफ्फर अहमद, डांगे, जोगलकर, फिलिप, स्प्रैट, बैन ब्रैडली, हचिंगसन एवं अन्य को सजा दी गयी। 1929 - 31 का मेरठ मुकदमे का विश्व स्तर पर प्रचार हुआ। परन्तु मेरठ मुकदमे ने तात्कालिक रूप में श्रमिक आंदोलन को गहरा धक्का पहुंचाया।

नया चरण ~NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.: वामपंथ एंव ट्रेड (व्यापार) यूनियन (संघ) आंदोलन (Leftcreed and Trade Union Movement) Part 4

ट्रेड यूनियन आंदोलन का नया चरण 1935 के बाद प्रारंभ हुआ। ए. आई. टी. यू. सी की एकता पुर्नस्थापित कर दी गयी। 1937 में राज्यों में कांग्रेस सरकारों के गठन ने श्रमिकों की प्रेरणा एवं आकांक्षाओं को प्रोत्साहित किया। 1936 एवं 1939 के बीच ट्रेड यूनियन की संख्या में दोगुनी वृद्धि हुई और सदस्यों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई। हड़तालों की संख्या 1936 में 157 से बढ़कर 1939 में 406 हो गयी। आगे एम. एन. राय ने ‘इंडियन (भारतीय) फेडरेशन (महासंघ) ऑफ (के) लेबर (मजदूर) ’ नामक एक सरकार समर्थक यूनियन की स्थापना की। 1944 में सरदार बल्लभभाई पटेल ने भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस की स्थापना की। अत: स्वतंत्रता के पश्चातवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू राजनीतिक विचार के आधार पर ट्रेड यूनियन का ध्रुवीकरण हुआ। वास्तविक रूप में यह ट्रेड यूनियन आंदोलन के विस्तार का नया चरण था।