राष्ट्रवाद का उदय (Rise of Nationalism) for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc. Part 2 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

Get top class preparation for CTET-Hindi/Paper-2 right from your home: get questions, notes, tests, video lectures and more- for all subjects of CTET-Hindi/Paper-2.

राजनीतिक जागरण में सहायक तत्व

अंग्रेजी शिक्षा

अंग्रेज प्रशासकों तथा ईसाई मिशनरियों की आकांशाओं की अपेक्षा अंग्रेजी शिक्षा के परिणाम अधिक व्यापक और दूरगामी रहे। इस शिक्षा के प्रसार से पश्चिमी देशों राजनीतिक विकास तथा चिंतन का ज्ञान सरलता से उपलब्ध हुआ। स्वतंत्रता, समानता और प्रतिनिधत्व के सिद्धांतों को लेकर आरंभ हुई फ्रांस और अमेरिका की क्रांतियों के विषय में ज्ञान उपलब्ध हुआ। विश्व के अन्य देशों में हो रहे आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन के विषय में जानकारी प्राप्त होने से भारतीय नेताओं को एक विस्तृत दृष्टिकोण विकसित करने में सहायता मिली। समस्त देश में एक ही शिक्षा पद्धति लागू होने से एकता और समान लक्ष्यों और आकांक्षाओं को प्रोत्साहन मिला। अंग्रेजी पढ़ा-लिखा वर्ग समस्त देश की जनसंख्या में अल्पमत से अधिक नहीं था लेकिन प्रभाव और नेतृत्व की दृष्टि से यह वर्ग उत्तरोत्तर व्यापक बनता गया। समस्त देश में अन्य कोई वर्ग ऐसा नहीं था जिसने अपने विचारों को दृढ़तापूर्वक व्यक्त किया हो। समाचार-पत्रों, शिक्षा संस्थाओं के संचालन और वकालत में इसी वर्ग का प्रभाव था। अन्य विचारधाराएं न तो इतनी व्यापक और न ही संगठित थीं।

20वीं सदी में कुछ अंग्रेज विद्धानों ने भी यह अनुभव किया कि पश्चिमी दार्शनिकों से व्यक्तिगत अधिकार और स्वतंत्रता के सिद्धांत सीखकर भारतीय नेताओं ने उन अधिकारों की मांग अंग्रेज सरकार के समक्ष प्रस्तुत की। भारतीय राजनीतिक लक्ष्य और चिंतन प्रणाली बहुत अधिक मात्रा में पश्चिमी चिंतन से प्रभावित थे। 19वीं सदी के अंत तक अंग्रेजी शिक्षा केवल उच्च और मध्यम वर्ग के सदस्यों तक ही सीमित था। इन वर्गो को समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त थी। उनके दव्ारा प्रस्तुत विचारों को लोकप्रियता भी प्राप्त हो सकी। मध्यकालीन तथा महत्व को व्यक्त कर धार्मिक पुनर्जागरण में सहयोग दिया।

इन समाज व धर्म सुधारकों के प्रयत्नों के फलस्वरूप भारत में राष्ट्रीयता की लहर फैली। जनता में देशप्रेम और देशभक्ति की भावना का संचार हुआ।