खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2016 (Mines and Mineral Resources Bill 2016 – Governance and Governance)

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सुर्खियों मेंं क्यों?

• खान और खनिज (विकास और विनिमन) संशोधन विधेयक, 2016 लोकसभा और राज्यसभा दोनों के दव्ारा अनुमोदित कर दिया गया है।

• गैर-कोयला खानों की नीलामी की व्यवस्था वर्ष 2015 में संशोधन के पश्चात्‌ नए कानून में की गयी। वर्ष 2015 से पूर्व भारत में सभी खानों का प्रबंधन राज्य सरकारों के दव्ारा किया जाता था किन्तु संशोधन के पश्चात्‌ अस्तित्व में आये नए कानूनी प्रावधानों के तहत राज्य अब केवल नीलामी के पश्चात्‌ पात्र घोषित व्यक्ति को ही खानों को हस्तांतरित कर सकेंगे।

किये गए प्रमुख संशोधन

• विधेयक खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 मेें संशोधन करता है जो भारत में खनन क्षेत्र को नियंत्रित करता है और खनन कार्यों के लिए लीज (स्वामीभक्त) प्राप्त करने और प्रदान करने संबंधी नियमों को निर्धारित करता है।

• खनन लीजों का स्थानांतरण-इसमें नीलामी के अलावा अन्य प्रक्रियाओं के माध्यम से दी गर्द कैप्टिव खानों के हस्तांतरण की अनुमति संबंधी प्रावधान शामिल हैं।

• लीज क्षेत्र निर्धारित-गैर खनिज क्षेत्र में कुछ परिभाषित गतिविधियों सहित लीज क्षेत्र को निर्धारित करता है।

लाभ

• यह बिना नीलामी के हासिल कैप्टिव लीजों के साथ खनन कंपनियों (जनसमूहों) के विलय और अधिग्रहण की प्रक्रिया को स्वीकृति प्रदान करेगा।

• अधिग्रहण करने वाली कंपनियों के लिए विलय की गयी कंपनी के माध्यम से हासिल लीजों के माध्यम से कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।

बैंको को लाभ-यह विधेयक जहां एक फर्म या उसकी कैप्टिव खानों के गिरवी की दशा में उसकी परिसंपत्तियों के मूल्यमान में वृद्धि करेगा। यह बैंको को किसी सशक्त खरीदार को लाइसेंस (अनुमति प्रदान) हस्तांतरण में समर्थ बनाएगा।