निर्दिष्ट राहत (स्पेसिफिक रिलीफ) अधिनियम (Specified Act – Governance and Governance)

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स्ुार्ख़ियों में क्यों?

• केंद्रीय सरकार दव्ारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में निर्दिष्ट राहत अधिनियम 1963 मेें परिवर्तन की सिफारिश की है।

अधिनियम में परिवर्तन की आवश्यकता

§ अधिनियम के प्रावधान के अनुसार ऐसे मामलों में अनुबंध के दायित्व को पूरा करने की कोई आवश्यकता नहीं जहाँ-

§ मौद्रिक क्षतिपूर्ति पर्याप्त है,

§ अनुबंध लगातार ऐसे प्रदर्शन को शामिल करता है जिसका निरीक्षण कोर्ट (न्यायालय) के दव्ारा नहीं किया जा सकता।

§ हालांकि, यह अदालत पर छोड़ दिया गया है कि किसी पार्टी (राजनीतिक दल) के दव्ारा दावा किये जाने पर निर्दिष्ट प्रदर्शन का निर्णय करे अथवा नहीं। इस प्रकार यह स्थिति अनिश्चिता को जन्म देती है।

§ अनुबंध में अनिश्चिता का अर्थ प्राय: निवेशकों के लिए कानूनी समस्याओं को बढ़ते जाना है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है की करोबार करना आसान हो अत: इस मार्ग की एक बड़ी बाधा निर्दिष्ट राहत अधिनियम है।

निर्दिष्ट राहत अधिनियम 1963 क्या है?

§ अधिनियम के अनुसार जब किसी अनुबंध के अनुपालन न हो पाने की स्थिति में, होने की स्थिति में होने वाली क्षति को मापा न जा सके या मौद्रिक क्षतिपूर्ति पर्याप्त ना हो तब एक पक्ष, दूसरे पक्ष दव्ारा अनुबंध की शर्तो को पूरा करवाने के न्यायालय में प्रार्थना कर सकता है।

§ इसे अनुबंध का निर्दिष्ट प्रदर्शन कहा जाता है।

§ यह आधारभूत परियोजनाओं जैसे हाउसिंग (आवास) सोसाइटी (समाज) का निर्माण या भूमि की खरीद और बिक्री आदि को समाहित करता है।

समिति की सिफारिशें

§ समिति ने सिफारिश की है कि विशिष्ट दायित्व निर्वहन को एक नियम बनाया जाना चाहिए न की एक अपवाद।

§ इसका मतलब यह होगा कि भले ही संविदात्मक दायित्वों को पूरा नहीं किया गया है, न्यायालय पक्षकारों को अनुबंध की शर्तो को पूरा करने के लिए कह सकता है। अनुबंध पूरा नहीं करने की स्थिति में मौद्रिक मुआवजा एक विकल्प के रूप मेंं ही प्रयुक्त किया जाना चाहिए।

§ इन मामलों में अदालतों को अपने विवेकाधिकारों के प्रयोग के दौरान प्रावधानों की व्याख्या में सहायता हेतु दिशा निर्देश सुझाये गए हैं।

§ यह भी कहा गया है कि लोक निर्माण में अदालतों का हस्तक्षेप कम से कम होना चाहिए था। प्रभाव

§ इससे बुनियादी ढांचे से संबंधित परियोजनाओं अथवा ऐसी परियोजनाएं जिनमें विशाल सार्वजनिक निवेश किया गया है, से जुड़ी अनिश्चिता कम हो जाएगी।

§ इन सिफारिशों का लक्ष्य लोक निर्माण संबंधी अनुबंधों का अनावश्यक देरी के बिना पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करना है।