जीन एडिटिंग (Gene Editing – Science and Technology)

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सुर्ख़ियों में क्यों?

• हाल ही में यूनाइटेड संयुक्त किंगडम राजा या रानी से शासित राज्य या भौतिक जगत के तीन बड़े विभाजन के फ्रांसिस क्रिक संस्थान के वैज्ञानिकों को crispr⟋cas9 नामक जीनोम एडिटिंग प्रौद्योगिकी का उपयोग कर मानव भ्रूण पर शोध आरंभ करने के लिए अनुमोदान प्राप्त हुआ है।

जीनोम एडिटिंग क्या हैं?

• यह एक प्रकार की जेनेटिक इंजीनियरिंग (अभियंता) है, जिसमें एक जीव के जीनोम में डीएनए डाला जाता है, नष्ट किया जाता है या बदल दिया जाता है। इसके लिए इंजीनियर्ड न्युक्लिएजों या ‘आणविक कैंची’ का उपयोग किया जाता है।

• ये न्युक्लिएज़ या एंजाइम इच्छित स्थानों पर उस जगह की विशेषता के अनुसार डबल (दोहरा) -स्ट्रैंड (भूग्रस्त हो जाना⟋असहाय) ब्रेक्स (भेदन करना) का निर्माण करते हैं।

• डबल-स्ट्रैंड ब्रेक्स को सिरों को जोड़ कर या पुनसंयोजन के माध्यम से त्रुटिमुक्त किया जाता है, जिससे लक्षित उत्परिर्वतन हासिल होते हैं।

बतपेचतध्बें9 क्या हैं?

• यह एक क्रांतिकारी जीन एडिटिंग तकनीक है जिसे वैज्ञानिकों ने प्रकृति से लिया है।

• Crisprs (clustered regualarly interspaced short palindromic repeats) , डीएनए के हिस्से हैं, जबकि कैस-9 cas9 (CRISPR-ASSOCIATED PROTEIN9) एक एंजाइम है।

• बैक्टीरिया उनका उपयोग वायरस के हमलों को निष्क्रिय करने के लिए करते हैं।

यह किस प्रकार काम करता हैं?

• CRISPR जीनोम को स्कैन (ध्यान से परीक्षण करना) कर सही स्थान की तलाश करता है और फिर केस-9 प्रोटीन का आणविक कैंची के रूप में उपयोग कर डीएनए को काटता है।

• केस-9 endonuclease- गाइड मार्गदर्शन आरएनए इसको एक विशेष अनुक्रम की ओर निर्देशित करता है ताकि यह संपादित किया जा सके।

• जब केस-9 लक्षित अनुक्रम को काटता है, तब कोशिकाएं क्षति को पूरा करने के लिए एक बदले हुए संस्करण को मूल अनुक्रम से प्रतिस्थापित करती हैं।

• अन्य जीन-एडिटिंग विधियों के विपरीत, यह सस्ता, त्वरित, आसान, सुरक्षित और सटीक है, क्योंकि यह आरएनए-डीएनए बेस पेयरिंग पर आधारित है, न कि उन प्रोटीनों की इंजीनियरिंग पर आधारित है जो किसी विशेष डीएनए अनुक्रम से जुड़ते हैं।

जर्मलाइन एडिटिंग⟋संपादन

• “जर्मलाइन” से तात्पर्य अंडाणु और शुक्राणु से है, जो मिलकर एक भ्रूण का निर्माण करते हैं।

• जर्मलाइन एडिटिंग एक जीनोम एडिटिंग तकनीक है जिसे सिद्धांत: भ्रूणों में विशिष्ट और लक्षित अनुवांशिक परिवर्तन लाने के लिए विकसित किया जा सकता है। यह परिवर्तन जन्म लेने वाले बच्चे की सभी कोशिकाओं में संपन्न होगा और उसके उत्तराधिकारियों में भी जाएगा और मानव जीन पूल का एक हिस्सा बन जाएगा।

• जीनोम एडिटिंग की अन्य सभी तकनीकें जो अभी नैदानिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं में हैं, कायिक कोशिकाओं के अनुवांशिक तत्व को बदलने पर केन्द्रित हैं, जैसे: टी-कोशिका (एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका) ।

• ये शुक्राणु या अंडाणु को प्रभावित करने के लिए तैयार नहीं किये गए हैं।