NCERT Political Science Class 12 Chapter 1 Part 2 Challenges of Nation Building YouTube Lecture Handouts

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NCERT एनसीईआरटी राजनीति विज्ञान Class 12 Chapter 1 Part 2 Challenges of Nation Building

रजवाड़ों का विलय Merger of Kingdoms

  • ब्रिटिश इंडिया दो हिस्सों में था। एक हिस्से में ब्रिटिश प्रभुत्व वाले भारतीय प्रांत थे तो दूसरे हिस्से में देसी रजवाड़े। ब्रिटिश प्रभुत्व वाले भारतीय प्रांतों पर अंग्रेजी सरकार का सीध नियंत्राण था। दूसरी तरप़्ाफ छोटे-बड़े आकार के कुछ और राज्य थे। इन्हें रजवाड़ा कहा जाता था। रजवाड़ों पर राजाओं का शासन था।
  • राजाओं ने ब्रिटिश-राज की अध्ीनता या कहें कि सर्वोच्च सत्ता स्वीकार कर रखी थी और इसके अंतर्गत वे अपने राज्य के घरेलू मामलों का शासन चलाते थे। अंग्रेजी प्रभुत्व के अंतर्गत आने वाले भारतीय साम्राज्य के एक-तिहाई हिस्से में रजवाड़े कायम थे। प्रत्येक चार भारतीयों में से एक किसी न किसी रजवाड़े की प्रजा था।
  • आशादी के तुरंत पहले अंग्रेजी-शासन ने घोषणा की कि भारत पर ब्रिटिश-प्रभुत्व के साथ ही रजवाड़े भी ब्रिटिश-अध्ीनता से आशाद हो जाएँगे।
  • इसका मतलब यह था कि सभी रजवाड़े; रजवाड़ों की संख्या 565 थीद्ध ब्रिटिश-राज की समाप्ति के साथ ही कानूनी तौर पर आजाद हो जाएँगे।
  • अंग्रेजी-राज का नजारिया यह था कि रजवाड़े अपनी मर्जी से चाहें तो भारत या पाकिस्तान में शामिल हो जाएँ या पिफर अपना स्वतंत्रा अस्तित्व बनाएँ रखें।
  • भारत अथवा पाकिस्तान में शामिल होने या स्वतंत्रा हैसियत बनाए रखने का प़् ौफसला रजवाड़ों की प्रजा को नहीं करना था। यह प़् ौफसला लेने का अध्किार राजाओं को दिया गया था। यह अपने आप में बड़ी गंभीर समस्या थी और इससे अखंड भारत के अस्तित्व पर ही खतरा मँडरा रहा था।

नए राज्यों का निर्माण Creation of New States

  • भाषावार राज्यों को पुनर्गठित करने के सिद्वांत को मान लेने का अर्थ यह नहीं था कि सभी राज्य तत्काल भाषाई राज्य में तब्दील हो गए। एक प्रयोग द्विभाषी राज्य बंबई के रूप में किया गया जिसमें गुजराती और मराठी भाषा बोलने वाले लोग थे। एक जन-आंदोलन के बाद सन् 1960 में महाराष्ट्र और गुजरात राज्य बनाए गए।
  • पंजाब में भी हिन्दी-भाषी और पंजाबी-भाषी दो समुदाय थे। पंजाबी-भाषी लोग अलग राज्य की माँग कर रहे थे। बहरहाल, बाकी राज्यों की तरह उनकी माँग 1956 में नहीं ही मानी गई।
  • दस साल बाद यानी 1966 में पंजाबी-भाषी इलाके को पंजाब राज्य का दर्जा दिया गया और वृहत्तर पंजाब से अलग करके हरियाणा और हिमाचल प्रदेश नाम के राज्य बनाए गए।
  • 1972 में एक बार फिर राज्यों के पुनर्गठन का एक बड़ा प्रयास पूर्वोत्तर में हुआ। असम से अलग करके 1972 में मेघालय बनाया गया। इसी साल मणिपुर और त्रिपुरा भी अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आए। मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश 1987 में वजूद में आए जबकि नागालैंड इससे कहीं पहले यानी 1963 में ही राज्य बन गया था।

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