NCERT Political Science Class 12 Chapter 2 Part 3 One Party Dominance YouTube Lecture Handouts

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कांग्रेस पार्टी की जीत का यह आँकड़ा और दायरा हमारी चुनाव-प्रणाली के कारणभी बढ़ा-चढ़ा दिखता है। चुनाव प्रणाली के कारण कांग्रेस पार्टी की जीत को अलग से बढ़ावा मिला। मिसाल के लिए, 1952 में कांग्रेस पार्टी को वुफल वोटों में से मात्रा 45प्रतिशत वोट हासिल हुए थे लेकिन कांग्रेस को 74 फीसदी सीटें हासिल हुईं।

सोशलिस्ट पार्टी वोट हासिल करने के लिहाश से दूसरे नंबर पर रही। उसे 1952 के चुनाव में पूरे देश में वुफल 10 प्रतिशत वोट मिले थे लेकिन यह पार्टी 3 प्रतिशत सीटें भी नहीं जीत पायी।

कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया Communist Party of India

1920 के दशक के शुरुआती सालों में भारत के विभिन्न हिस्सों में साम्यवादी-समूह; कम्युनिस्ट ग्रुपद्ध उभरे। ये रूस की बोल्शेविक क्रांति से प्रेरित थे और देश की समस्याओं के समाधन के लिए साम्यवाद की राह अपनाने की तरप़् ाफदारी कर रहे थे। 1

935 से साम्यवादियों ने मुख्यतया भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दायरे में रहकर काम किया। कांग्रेस से साम्यवादी 1941 के दिसंबर में अलग हुए। इस समय साम्यवादियों ने नाजी जर्मनी के खिलापफ लड़ रहे ब्रिटेन को समर्थन देने का प़् ौफसला किया।

दूसरी गैर-कांग्रेसी पार्टियों के विपरीत कम्युनिस्ट पार्टी ऑप़् ाफ इंडिया के पास आशादी के समय एक सुचारू पार्टी मशीनरी और समर्पित कॉडर मौजूद थे।

बहरहाल, आशादी हासिल होने पर इस पार्टी के भीतर कई स्वर उभरे। इस पार्टी के सामने मुख्य सवाल यह था कि आखिर जो आशादी देश को हासिल हुई है उसकी प्रकृति कैसी है? क्या हदुस्तान सचमुच आशाद हुआ है या यह आशादी झूठी है?

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख नेताओं में ए. के. गोपालन, एस. ए. डांगे, ई. एम. एस. नम्बूदरीपाद, पी. सी. जोशी, अजय घोष और पी. सुंदरैया के नाम लिए जाते हैं। चीन और सोवियत संघ के बीच विचारधरात्मक अंतर आने के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 1964 में एक बड़ी टूट का शिकार हुई।

सोवियत संघ की विचारधरा को ठीक मानने वाले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में रहे जबकि इसके विरोध् में राय रखने वालों ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी; मार्क्सवादीद्ध या सीपीआई; एमद्ध नाम से अलग दल बनाया।

भारतीय जनसंघ

भारतीय जनसंघ का गठन 1951 में हुआ था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी इसके संस्थापक-अध्यक्ष थे। इस दल की जड़ें आशादी के पहले के समय से सक्रिय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ; आरएसएसद्ध हदू महासभा में खोजी जा सकती हैं। जनसंघ अपनी विचारधरा और कार्यक्रमों के लिहाज से बाकी दलों से भिन्न है। जनसंघ ने ‘एक देश, एक संस्कृति और एक राष्ट्र’ के विचार पर जोर दिया।

इसका मानना था कि देश भारतीय संस्कृति और परंपरा के आधार पर आध्ुनिक, प्रगतिशील और ताकतवर बन सकता है।

जनसंघ ने भारत और पाकिस्तान को एक करके ‘अखंड भारत’ बनाने की बात कही। अंग्रेजी को हटाकर हिन्दी को राजभाषा बनाने के आंदोलन में यह पार्टी सबसे आगे थी। इसने धर्मिक और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों को रियायत देने की बात का विरोध किया। चीन ने 1964 में अपना आण्विक-परीक्षण किया था। इसके बाद से जनसंघ ने लगातार इस बात की पैरोकारी की कि भारत भी अपने आण्विक हथियार तैयार करे।

Illustration: भारतीय जनसंघ
Illustration: भारतीय जनसंघ

Mayank