वन अधिकार अधिनियम 2006-जनजातीय कार्य मंत्रालय दव्ारा कार्यान्वित (Forest Rights Act 2006-Executed by the Ministry of Tribal Affairs – Government Plans)

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उद्देश्यअपेक्षित लाभार्थीमुख्य विशेषताएं
• लाभार्थियों के वन अधिकार को मान्यता प्रदान करना

• 13 दिसंबर, 2005 से पूर्व वन भूमि पर काबिज अनुसचित जनजाति के सभी समुदायों को वनों में रहने और आजीविका का अधिकार देना।

• जंगल निवासी अनुसुचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी• जंंगल निवासी अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासियों को अधिकार दिए गए

• इस काूनन को एक “कैम्पेन (अभियान) मोड” (ढंग/रीति) में लागू किया गया और राज्यों को समयबद्ध तरीके से लाभार्थियों को वन अधिकार सौंपने और मान्यता देने की प्रक्रिया को पूरा करने हेतु विस्तृत मंत्रणा प्रदान की गयी

• ग्र्राम सभा दव्ारा गठित वन अधिकर समिति

• परस्पर विरोधी दावों पर ग्राम सभा, उप संभागीय स्तरीय समिति और जिला स्तरीय समिति दव्ारा निर्णय

वन अधिकार

• जंगलवासी अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासियों दव्ारा निवास या जीविका के लिए स्वयं खेती करने के लिए व्यक्तिगत या सामूहिक अधिभोग के अधीन वन-भूमि को धारित करने और उसमें रहने का अधिकार

• वन संसाधनों पर नियंत्रण का अधिकार जिसमें स्वामित्व अधिकार के साथ गौण वनोपज के संग्रह, उपयोग और निपटान का अधिकार शामिल है

• निस्तार जैसे सामुदायिक अधिकार;

• आदिम जनजातीय समूहों और ऐसे समुदायों जिन्हें अभी तक कृषि कार्य का ज्ञान नहीं है को आवास अधिकार;

• ऐेसे सामुदायिक वन संसाधन को संरक्षित, पुनजीर्वित या प्रबंधित करने का अधिकार, जिसकी वे सतत उपयोग के लिए परंपरागत रूप से रक्षा और संरक्षण कर रहे हैं।