संचार उपग्रह जीसैट-15 का सफल प्रक्षेपण (The Successful Launch of Communication Satellite GSAT-15-Science and Technology)

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जीसैट क्या है?

जीसैट भूतुल्यकालिक उपग्रहों की एक श्रृंखला है, जिसे भूतुल्यकालिक कक्षा में प्रक्षेपित किया जाता है। इस कक्षा का परिक्रमण काल तथा पृथ्वी का घूर्णन काल समान होता है।

भूस्थेतिक उपग्रह, भूतुल्यकालिक उपग्रहों के विशेष वर्ग हैं, जो कि भूस्थैतिक कक्षा में परिक्रमण करते हैं। भूस्थैतिक कक्षा भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर स्थित एक वृत्तीय आकार की कक्षा है। इन उपग्रहों का प्रयोग संचार व्यवस्था के लिए किया जाता है।

भूतुल्यकालिक उपग्रह-भूतुल्यकालिक उपग्रह पृथ्वी के किसी विशेष स्थान से देखे जाने पर सदैव आकाश के एक विशेष क्षेत्र में विद्यमान दिखाई देते हैं।

भूस्थैतिक उपग्रह- इसकी विशेषता आकाश में सदैव एक निश्चित स्थान पर विद्यमान रहने की है, अत: इस उपग्रह की निगरानी नहीं रखनी पड़ती, अत: भू-तल स्थित एंटीनों को सदैव एक निश्चित दिशा में लगाया जाता है। संचार के उद्देश्य के लिए इस उपग्रह का प्रयोग निरंतर किया जाता है।

जी सैट-15

• जी सैट-15 भारत का आधुनिकतम संचार उपग्रह है। इसे दक्षिण अमेरिका में स्थित फ्रेंच गुयाना के कौरू प्रक्षेपण केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया।

• इसे कर्नाटक के हासन में स्थित इसरो के मास्टर (मालिक) कन्ट्रोल (नियंत्रण) फेसिलिटी (सुविधा) (एमसीएफ) दव्ारा नियन्त्रित किया जाएगा।

• जी सैट-15 अपने साथ 24 संचार ट्रांसपोन्डर के साथ एक गगन (gagan – gps-aided geo augmented navigation) (विमान संचालक) नामक अंतरिक्ष उपकरण भी ले गया है।

• जीसैट-15 के साथ भेजे गये 24 संचार ट्रांसपोन्डर सार्वजनिक एवं निजी डाइरेक्ट टू होम (सीधे घर) (डीटीएच) प्रसारण, वी सैट ऑपरेशन (शल्य क्रिया) तथा रेडियो नौसंचालन सेवाओं में प्रयुक्त होंगे।