फेसबुक के फ्री (नि शुल्क) बेसिक्स का ट्राई के साथ विवाद (Facebook (New: Free) Dispute with TRAI – Science and Technology)

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फ्री बेसिक्स क्या है?

• इंटरनेट बिन्दु ओरगनाइजेशन (संस्था) का सितंबर में फ्री बेसिक्स के रूप में पुन: नामकरण किया गया था।

• फेसबुक के अनुसार, यह एक खुला मंत्र है जो भारतीय डेवलपर्स (निर्माणकर्ता) को, उन लोगों के लिए जो इंटरनेट उपयोग शुल्क वहन नहीं कर सकते, उनकी वेबसाइट और अन्य सेवाएँ, मुफ्त करने का अवसर देता है।

• हालांकि यह मुफ्त उपयोग इसमें भागीदार वेबसाइटों और एप्लीकेशनों (आवेदनकर्ता) तक ही सीमित है।

• यह विश्व स्तर पर सैमसंग, एरिक्सन, मीडियाटेक, ओपेरा सॉफ्टवेयर, नोकिया और वकालकॉम के साथ साझेदारी में दो वर्ष पहले शुरू किया गया था।

फ्री बेसिक्स के साथ क्या समस्या हैं?

• यह सभी सेवाओं के लिए समान और निष्पक्ष पहुँच प्रदान नहीं करता है।

• फेसबुक इटरनेट सर्विस (सेवा) प्रोवाइडर्स (पूर्तिकर्ता) के साथ साझेदारी कर ऐप डेवलपर्स और सेवाओं के एक समुच्चय के लिए वरीयता आधारित एवं चयनात्मक पहुँच देना चाहता है।

• आलोचकों का तर्क है कि इंटरनेट स्वतंत्र और सभी उपयोगकर्ताओं के लिए बराबर होना चाहिए। यही नेट न्युट्रलिटी की आधारशीला भी हैं।

ट्राई का परामर्श पत्र

डाटा सेवाओं के भेदभावपूर्ण मूल्य निर्धारण पर ट्राई दव्ारा जारी परामर्श पत्र, शून्य टैरिफ रेटिंग मॉडल के संबंध में चिंता ज़ाहिर करता है- शून्य टैरिफ (होटल में भोजन, आवास आदि की दर सूची) रेटिंग मॉडल (नमूना) एक कार्यप्रणाली है, जिसमें सेवा प्रदाता उपयोगकर्ताओं को चयनित एप्लीकेशंस (प्रार्थनापत्र/आवेदन पत्र) और वेबसाइटों के लिए मुफ्त डेटा (आंकड़ा और तथ्य) की पेशकश करते हैं। इंटरनेट कार्यकर्ताओं के अनुसार, इस मॉडल से नेट न्यूट्रलिटी के सिद्धांत का उल्लंघन होता है, क्योंकि यह उपयोगकर्ताओं के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष इंटरनेट के उपयोग को प्रतिबंधित करता है। इस प्रकार यह परामर्श पत्र नेट न्यूट्रलिटी पर चल रही बहस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।