एलईडी दव्ारा उत्सर्जित नीला प्रकाश हानिकारक है (Blue Light Emitted by LED is Harmful – Science and Technology)

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• अमेरिकी मेडिकल (चिकित्सा संबंधी) एसोसिएशन (सभा) (एएमए) ने हाल में ही जारी अपनी एक रिपोर्ट (विवरण) में प्रकाश उत्सर्जक डायोड (एलईडी) दव्ारा उत्सर्जित अत्यधिक नीले प्रकाश को हानिकारक बताया है। विज्ञान और सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी विषयों के इस परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, एलईडी दव्ारा नीला प्रकाश सीधे हमारी नींद को प्रभावित करता है।

• यह हमारे सोने और जागने के चक्र में समन्वय स्थापित करने वाले मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को प्रत्यक्ष रूप से बाधिक (कम कर) कर नींद को प्रभावित करता है।

• रिपोर्ट के अनुसार, पारंपरिक सड़क प्रकाश व्यवस्था की तुलना में, सड़क के नीलवर्णी श्वेत प्रकाश निद्रा चक्र के लिए पांच गुणा अधिक खतरनाक हैं।

• यद्यपि इस क्षेत्र में अधिक अनुसंधान की आवश्यकता है, लेकिन उपलब्ध साक्ष्यों से यह संकेत अवश्य प्राप्त हो रहे हैं कि लंबे समय तक नीले प्रकाश के प्रभाव में रहने के कारण नींद में पड़ने वाले व्यवधान से कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और मोटापे की आशंका बढ़ जाती हैं।

• अत्यधिक नीले प्रकाश का तरंगदैर्ध्य इंसान की आँखो में अधिक प्रकीर्णन के कारण चकाचौंध उत्पन्न करता है।

• चकाचौंध रोशनी का एक आवरण बना कर कॉन्ट्रास्ट (सहज अंतर/अंतर स्पष्ट करने वाली वस्तु) को कम कर देती है जिसके परिणामस्वरूप लक्ष्य की दृश्यता घट जाती है।

• रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि स्रोत से सीधा आने वाला एलईडी प्रकाश पुतली के संकुचन का कारण बनता है, जिसके कारण, “प्रकाश उपकरणों की उपस्थिति में रात्रि काल में दृश्यता निकृष्टतम हो जाती है।” गहन नीला स्पेक्ट्रम (वर्णक्रम) रेटिना (दृष्टिपटल) को खराब कर सकता है।

• लोकप्रिय धारणा है कि उज्जवल एलईडी प्रकाश दृष्टि तीक्ष्णता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, इसलिए “सुरक्षा में कमी होती है और अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती है।”