गूगल स्ट्रीट व्यू (सड़क दृष्टि) (Google Street View – Science and Technology)

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भारत ने मुख्य रूप से रक्षा मंत्रालय की आपत्तियों के कारण इंटरनेट की दिग्गज कंपनी की स्ट्रीट व्यू (जनसमूह सड़क दृष्टि) सेवा को सुरक्षा मंजूरी देने से मना कर दिया है।

• मुख्य चिंता का विषय संवदेनशील रक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा थी।

• पठानकोट हमले के बाद: जांच एजेंसियों (कार्यस्थानों) को संदेह है कि आतंकवादियों ने गूगल के मानचित्र का इस्तेमाल किया था क्योंकि उनके पास एयरबेस (एक तरक का हवाई जहाज) की स्थलाकृति की जानकारी थी।

गुगल स्ट्रीट व्यू (सड़क दृष्टि)

• स्ट्रीट व्यू इंटरनेट की दुनिया की महाशक्ति गुगल का वर्चुअल मैंपिंग (मानचित्र) टूल (कोई भी वस्तु जो कार्य में सहायक हो) है जिसके माध्यम से उपयोगकर्ता 65 से अधिक देशों में स्ट्रीट स्तर के पैनोरैमिक चित्रों को 360 डिग्री कोणों से देख सकते हैं।

• गुगल के दव्ारा आपदा प्रबंधन और पर्यटन आदि के क्षेत्र में स्ट्रीट व्यू को उपयोगी बताया गया है।

अन्य देशों में अपनाया गया मॉडल (आर्दश)

• अमेरिका में गुगल को संवदेनशील जानकारी को हटा देने के लिए कहा गया था तथा दृश्यों को कैमरे में कैद करने वाले वाहनों को सैनिक छावनियों जैसे संवदेनशील क्षेत्र से दूर रहने के लिए कहा गया।

• जर्मनी में परिवारों को अपने भवनों को धुंधला करने का विकल्प दिया गया था।

• जापान में जिस ऊंचाई से दृश्य लिए गए उसके आस पास के क्षेत्र को अत्यंत छोटा करके दिखाया गया तथा स्थानीय सरकारों को गुगल की फोटोग्राफी (छायाचित्रकारी) करने से पहले अधिसूचित किया जाना अनिवार्य किया गया।

• इजरायल की सरकार दव्ारा रियल टाइम (वास्तविक समय) दृश्यों की स्वीकृति नहीं दी गयी और केवल सभी के लिए खुले सार्वजनिक स्थलों की फोटोग्राफी की अनुमति दी गयी।

आगे की राह

• सरकार ने संकेत दिया है कि उसकी अस्वीकृति अंतिम नहीं है और मानचित्र सृजन और साझा करने को विनियमित करने वाले प्रावधानों को समाहित करने वाला जिओस्पेसिअल विधेयक के पास हो जाने के बाद मुद्दे को सुलझाया जा सकता है। इसके अलावा लंबे समय के लिए इस प्रौद्योगिकी से दूर रहना भारत के हित में उचित नहीं है।