भारत का पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा India Former Naval Officer K. Jadhav Case

प्रस्तावना:-पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर भारत-पाकिस्तान आमने-सामने आ गए हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में कहा जाधव को न्याय दिलवाने के लिए सरकार आउट (बाहर) ऑफ (का) वे जाने को भी तैयार है। अगर जाधव को फांसी दी गई तो पाकिस्तान को दव्पक्षीय संबंधों को लेकर गंभीर अंजाम भुगतने होंगे। जवाब में पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने कहा, हमारी सेना हर खतरे से लड़ने के लिए तैयार है।

India՚s former naval officer Kulbhushan Jadhav
  • जीवन:- कलुभूषण जाधव का जन्म 16 अप्रैल 1970 में महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। इनके पिता का नाम सुधीर जाधव है। वे सन्‌ 1987 में नेशनल (राष्ट्रीय) डिफेन्स (रक्षा) अकादमी (विध्यापीठ) में प्रवेश लिया तथा 1991 में भारतीय नौ सेना में शामिल हुए। उसके बाद सेवानिवृत्ति के बाद ईरान में अपना व्यापार शुरू किया।

गिरफ्तारी-

  • 29 मार्च 2016 को कूलभूषण जाधव को पाकिस्तान के अनुसार बलूस्तािन से गिरप्तार किया गया जबकि सरकार ने दावा किया है की उनका अपहरण ईरान से हुआ है। 11 अप्रेल 2017 को पाकिस्तान के मिलिट्री (सैन्य) कोर्ट (न्यायालय) द्वारा मौत की सजा सुनाई गई जिसका भारतीय केंद्र सरकार व भारतीय जनता द्वारा विरोध किया जा रहा है।
  • जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में गिरफ्तार किए गए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी के वीडियो (चित्रमुद्रण) पर किए गए कबूलनामे को भारत सरकार के सूत्रों ने सिरे से खारिज करते हुए पठानकोट हमले में अपनी जिम्मेदारी से बचने की पाकिस्तान की कोशिश करार दिया है।

भारत की क्रिया:-

  • भारत ने पाकिस्तान के हाईकमिश्नर अब्दुल बासित को तलब किया। उन्हें डिमार्शे डिप्लोमैटिक कूटनीतिक डिमांड माँग लेटर पत्र सौंपा। इसमें कहा गया-अगर सजा पर अमल होता है तो ये कानून के बुनियादी नियमों के खिलाफ होगा। इसे सोचा समझा कत्ल कहा जाएगा।
  • डिमार्शे में आगे कहा गया-ये ध्यान रखा जाना चाहिए कि पाकिस्तान में इंडियन (भारतीय) हाईकमीशन (ऊँचा आज्ञापत्र) को ये बताने की जरूरत भी नहीं समझी गई कि कुलभूषण पर केस चल रहा है। भारत के लोग और सरकार इसे सोचा-समझा कत्ल ही मानेंगे। इस बीच, भारत सरकार ने पाकिस्तान के रिहा किए जाने वाले 11 कैदियों की रिहाई रोक दी है।

एमनेस्टी की तल्ख टिप्पणी:- एमनेस्टी (सार्वजनिक क्षमादान) इंटरनेशनल (अंतरराष्ट्रीय) ने पाकिस्तान के इस फैसले पर तल्ख टिप्पणी की। कहा- पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट्‌स (सैन्य न्यायालय) में आरोपी के खिलाफ क्या आरोप लगाए जाते हैं या सबूत पेश किए जाते हैं, इनको कभी पब्लिक (लोग) नहीं किया जाता।

पाक डिफेंस मिनिस्टर (रक्षा मंत्री) ने कहा:-

  • ये दुश्मनों को चेतावनी है जाधव को फांसी सजा सुनाए जाने पर पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर (रक्षा मंत्री) ख्वाजा आसिफ ने कहा, वो लोग जो पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रचते हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। आसिफ के मुताबिक-आर्मी (फौज) चीफ (मुखिया) जनरल कमर जावेद बाजवा, जाधव की सजा पर मुहर लगा चुके हैं।
  • पाकिस्तानी सेना के कानून के तहत आए इस फैसले पर 90 दिनों के भीतर अमल होना तय है। बाजवा इसे मंजूरी दे चुके हैं। ऐसे में इसके खिलाफ अपील की कोई गुंजाइश नहीं रहती। ऐसे में जाधव को फांसी की सजा से बचाना मुश्किल होगा।

वीडियो (चित्रमुद्रण) : -

  • भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि अगर जाधव के मामले में कानून और इंसाफ के बुनियादी मानदंडों को नजरअंदाज किया गया है, तो सरकार और भारत की जनता इसे सोची-समझी हत्या मानेगी।
  • मार्च 2016 में पाकिस्तान आर्मी ने जाधव के कथित कबूलनामे का वीडियो जारी किया था। आर्मी ने कहा था-कुलभूषण जाधव ने कबूल किया कि वह रॉ के लिए बलूचिस्तान में काम रह था और टेररिस्ट (आतंकवादी) एक्टिविटीज (सक्रिय करना) में शामिल रहा। भारत ने इस वीडियो को खारिज कर सवाल उठाया था। भारत ने शक जताया था कि जाधव को ईरान से किडनैप (अपहरण) किया गया है।
  • पाकिस्तान ने आरोप लगाया था जाधव इंडियन (भारतीय) नेवी (नौसेना) सर्विंग (सेवा) अफसर है। उसे सीधे रॉ चीफ (मुखिया) हैंडल (नियंत्रित करना) करते हैं वो एनएसए के भी टच (स्पर्श) में है। आपका मंकी (जासूस) हमारे पास है। उसने वो कोड (कूट भाषा) भी बताया है, जिससे वह रॉ से कॉन्टैक्ट (संपर्क) करता था। जाधव अब भी इंडियन (भारतीय) नेवी (नौसैनिक) का अफसर है। वह 2022 में सेवानिवृत्त होने वाला है।
  • एक पासपोर्ट (पारपत्र) (न. एल 9630722) भी जारी किया गया था। जिसके बारे में कहा गया था कि यह बलूस्तािन में गिरफ्तार भारतीय शख्स का ही है। पासपोर्ट में उसका नाम हुसैन मुबारक पटेल लिखा है। जन्मस्थान महाराष्ट्र का सांगली बताया गया है। पाकिस्तान ने उसके पास ईरान का वैध वीजा (अन्य देश में आने जाने की अनुमति) होने का भी दावा किया था।

वीडियों में जाधव ने क्या कहा था? -

  • जाधव के मुताबिक, वे दिसंबर 2001 तक इंडियन (भारतीय) नेवी (नौसेनिक) में रहे। पार्लियामेंट अटैक (संसद, हमला) के बाद डोमेस्टिक (आंतरिक) इंटेलिजेंस (खुफिया जानकार) जुटाई। 2003 में इंडियन (भारतीय) इंटेलिजेंस (खुफिया जानकार) सर्विस (सेवा) ज्वाइन (शामिल) की। अफसर यह भी कहता है कि वह ईरान से बलूस्तािन में टेररिस्ट (आतंकवादी) एक्टिविटीज (सक्रिय करना) को बढ़ावा दे रहा था। जाधव के बयान के मुताबिक, वे 2013 में रॉ में आए। ईरान के चाबहार इलाके में 10 साल पहले रॉ का बेस बनाया। कराची और बलूचिस्तान का दौरा किया।

दोस्त:-

  • जाधव के बचपन के दोस्त तुलसीदास पवार कहते हैं, “उन्हें बचाने के लिए मुहिम छेड़ेंगे। बातचीत में कभी नहीं लगा कि वह रा एजेंट (प्रतिनिधि) हैं। वह नेवी (नौसेना) से कब सेवानिवृत्त हुए या कब नौकरी छोड़ी, इसकी हमें उन्होंने कभी जानकारी नहीं दी।” वहीं, मुंबई के पनवेल स्थित हाई (ऊँचा) प्वांइट (केंद्र) बिल्डिंग (ईमारत) के सी विंग (पंख) फ्लैट (समतल) नंबर 3 कुलभूषण की मां अवंती जाधव का है। 10 साल पहले यहां हुसैन पटेल नामक व्यक्ति रहता था। अभी घर बंद है। हालांकि, साल के आखिर में मेंटेनेन्स (रख-रखाब) के पैसे चेक () से मिल जाते हैं।

विशेषज्ञ व्यू (विचार⟋नज़र) :

  • कर्नल यूएस राठौर:- जाधव के मामले पर सेवानिवृत्त कर्नल यूएस राठौर ने दैनिक भास्कर डोट (बिन्दु) कॉम (सह) से कहा, कुलभूषण जाधव इंडयन (भारतीय) नेवी (नौसेनिक) से सेवानिवृत्त होने के बाद ईरान में कारोबार करते थे। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों (कोई सरकारी विभाग) ने उन्हें वहां से किडनैप (अपहरण) किया। बलूस्तािन से उनकी गिरफ्तारी दिखा दी। पाकिस्तान के मुताबिक, जाधव ने कबूला है कि वो इंडियन (भारतीय) नेवी (नौसेना) का वर्किंग (सेवारत) अफसर है। हमारे यहां ऐसे काम नहीं होता। जाधव का वीडियों (चित्रमुद्रण) फर्जी है। उन पर दबाव डालकर बयान दिलवाया गया है। जाधव का ट्रायल (मुकदमा) मिलिट्री कोर्ट (सैन्य न्यायालय) में हुआ, जो वहां बहुत बदनाम है। पिछले दिनों पाक मिलिट्री (सैन्य) कोर्ट (न्यायालय) का एक डाटा (अंक संबंधी) आया था। इसके मुताबिक, वहां 90 प्रतिशत लोग अपने गुनाह कबूल कर लेते हैं। वहां मिलिट्री (सैन्य) कोर्ट (न्यायालय) के 274 केसों में से 161 केसों में फांसी दी गई। यानी 59 प्रतिशत लोगों को फांसी दी गई। इस बारे में वकीलों और फांसी पाए लोगों को भी ये बाद में पता लगा कि उनके लोग अब दुनिया में नहीं हैं। पिछले दिनों तो एक नाबालिग को फांसी दी गई। इसका पाकिस्तान में विरोध भी हुआ था।
  • “भारत को इसका कड़ा विरोध करना चाहिए नही ंतो पाकिस्तान उसे फांसी दे देगा। पाकिस्तान ह्यूम ट्रैजडी (दुर्घटना) को बढ़ा रहा है। भारत में हर साल हजारो पाकिस्तानी वीजा (अन्य देश में आने जाने की अनुमति) जंप (उछाल) करते हैं, हम उन्हें आसानी से पाकिस्तानी जासूस ठहरा सकते है। इसलिए इस तरह की हरकते ठीक नहीं हैं।”
  • खुद सरताज अजीज ने सीनेट (मंत्री सभा) में स्वीकार किया था कि उनके पास कुलभूषण जाधव के खिलाफ कोई सबूत नही हैं। वो बिना सबूतों के ही एक निर्दोष को फांसी दे रहा है।
  • कमांडर्स कॉन्फ्रेंस: - जाधव को सुनाई फांसी की सजा पर पाकिस्तानी सेना अड़ गई है। सेना के टॉप कमांडरों ने दो टूक कह दिया है कि जाधव के मामले में समझौता नहीं देगा। यह फैसला रावलपिंडी में कोर कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में हुआ। सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा की अध्यक्षता में हुई बैठक में टॉप कमांडरों को जाधव के बारे में बताया गया। सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस की विज्ञप्ति के अनुसार इस दौरान फैसला हुआ कि देश विरोधी गतिविधियों पर कोई समझौता नहीं होगा। कोर कमांडर्स कॉन्फ्रेंस पाकिस्तानी सेना का महत्वपूर्ण और उच्चस्तरीय मंच है। सभी कोर कमांडर और प्रमुख स्टाफ अधिकारी इसमें भाग लेते हैं। संक्षिप्त विज्ञप्तियों में बताए जाने वाले इसके फैसलों पर बहुत गंभीरता से अमल होता है।

संसद:-

  • जाधव के मुद्दे पर मोदी सरकार में पहली बार संसद के दोनों सदनों में सियासी दल एकजुट दिखे। लोकसभा में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, जाधव को नहीं बचाया तो केंद्र की कमजोरी होगी। राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पाक ने भारत को नीचा दिखाने के लिए साजिश के तहत जाधव को फंसाया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और गृह मंत्री राजनाथ ने कहा कि यह भारत के खिलाफ साजिश है। आतंक के मुद्दे पर अलग-थलग पड़ा पाक भारत को बदनाम करने के हथकंडे अपना रहा है।
  • सांसदों ने इस मुद्दे पर लंबे समय बाद राजनीतिक दल एकजुट नजर आए। उन्होंने इसे भारत के खिलाफ पाक की साजिश बताया। इसी बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि फांसी की सजा के फैसले के खिलाफ अपील के लिए जाधव के पास 60 दिन हैं। पाक संसद में दिए गए बयान में आसिफ ने बताया कि जाधव के खिलाफ कुछ भी गैरकानूनी नहीं हुआ। भारत का दावा खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि जाधव के खिलाफ 3 महीने तक सुनवाई चली थी।
  • यह फैसला दोनों देशों का तनाव और बढ़ाएगा। सेना ने सख्त सजा दी है, जो पाक कानून के मुताबिक है। लेकिन अब हमें देखना होगा कि पाक इसके राजनीतिक और कूटनीतिक दुष्प्रभाव झेल सकता है या नहीं।

द नेशन (यह राष्ट्र)

संपादकीय:-

  • पाकिस्तान से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है? आतंकवाद को बढ़ावा देने का मामला हो या मानवाधिकारों को कुचलने का, पाक हर जगह प्रथम आता है। ताजा मामला तो ओर भी चौंकाने वाला है। भारत के एक पूर्व नौसैनिक कुलभूषण जाधाव को ईरान से अगवा करके पाकिस्तान ने गुपचुप मौत की सजा सुना दी। आरोप ये कि जाधव भारतीय जासूस है। किसी को पता नहीं कि जाधव के खिलाफ कब ट्रायल (मुकदमा) चला? गवाह कौन थे? सजा कब सुनाई? आतंकवादियों को शह और पनाह देने के मामले में दुनिया के सामने रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद पाक इस तरह की नापाक करतूतें करके अपना बचाव करना चाहता है। दुनिया को यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि भारत उसके यहां जासूस भेज रहा है। जाधव को जिस तरह ईरान से पकड़कर गुपचुप मौत की सजा सुनाई, उसकी भारत के साथ एमनेस्टी (सार्वजनिक क्षमादान) इंटरनेशनल (अंतरराष्ट्रीय) ने भी निंदा की है। भारत सरकार के साथ तमाम राजनीतिक दलों ने भी पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में साफ कह दिया कि जाधव को फांसी हुई तो पाकिस्तान को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
  • पाक मीडिया ने भी अपनी सरकार को आगाह किया है। दूसरी तरफ पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ हमेशा की तरह गीदड़ भभकियों पर उतर आए हैं। शरीफ पाक को शांतिप्रिय देश बताने से भी नहीं चूके रहे। दुनिया जानती है, पाकिस्तान कितना शांतिप्रिय है। दुनिया के सबसे खतरनाक आतंककारी ओसामा बिन लादेन को अपने सैन्य इलाके में पनाह देने वाला पाक जब शांति की बात करता है तो हंसी के साथ गुस्सा भी आता है। जाधव को मौत की सजा सुनाकर पाकिस्तान ने अपनी काली करतूत फिर दुनिया के सामने रख दी है। भारत को अपने तरीके से इस घटना पर पाकिस्तान को दबाव में लेना चाहिए। फिर भी हमें प्रयास करते रहना चाहिए। साथ ही पाकिस्तान के स्थायी इलाज की तरफ भी गंभीरता से विचार करना चाहिए। हर बार मुंह की खाने के बावजूद वह बाज नहीं आना चाहता। ऐसी सूरत में एक ही रास्ता बचता है और वह ये कि वो जैसी भाष समझता है, जवाब उसी भाषा में दिया जाना चाहिए।

भारत व पाकिस्तान:-

  • पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई। इस फैसले को गलत बताते हुए संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जो कहा, उससे लगता है कि जाधव के संबंध में भारत और पाकिस्तान राजनयिक चैनलों (समचार, सूचना आदि प्रेषित करने का मार्ग या माध्यम) से पहले भी संपर्क में रहे हैं। उनमें बातचीत जाधव को वाणिज्यदूत से संपर्क मुहैया करवाने की भारत की मांग से शुरू हुई। इसकी मांग तब की गई थी जब पाकिस्तान ने जाधव के एक वीडियो (चित्रमुद्रण) का खूब जोर-शोर से प्रचार किया। कथित वीडियों (चित्रमुद्रण) में जाधव ने मार्च 2016 में स्वीकार किया था कि वे रिसर्च (खोज) एंड (और) एनालिसिस (विश्लेषण) विंग (पक्ष) एजेंट (प्रतिनिधि) हैं। पाकिस्तान का मानना है कि भारत बलूस्तािन में आतंक और कराची में अस्थिरता फैला रहा है। यही सिद्ध करने के लिए पाकिस्तान जाधव का इस्तेमाल कर रहा है। भारत की इस मांग के बदलने में कि पाकिस्तान जाधव को वाणिज्यदूत से संकर्प करने दे, उसने भारत के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ हास्यापद आरोप लगाते हुए उसके सबूत और अन्य सामग्री मांगी। इससे पुष्टि होती है कि पाकिस्तानव जाधव के मामले का फायदा उठा रहा है। वह भारत के बलूस्तािन मेें हस्तक्षेप को लेकर अपना पक्ष और मजबूत करना चाहता है जाधव की मौत की सजा पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के मुहर लगाने की घोषणा के तीन घंटे बाद पाकिस्तानी ने भारत से फिर कहा कि भारत सबूत और अन्य सामग्री मुहैया करवाए, तो वह जाधव का वाणिज्यदूत से संकर्प करवा सकता है। विदेश सचिव जयशंकर ने पाकिस्तान उच्चायोग को कहा था कि इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग को इसकी सूचना तक नहीं दी गई कि जाधव को सुनवाई के लिए लाया गया था। तो पाकिस्तान अब वाणिज्यदूत से संपर्क करवाने की शर्त क्यों रख रहा हैं?
  • सभी पार्टियों (राजनीतिक दलों) के सांसदों ने जाधव के मामले में पाकिस्तान के रवैये पर गुस्सा और आक्रोश जताया। सरकार ने इस मत से कोई असहमति नहीं थी कि जाधव के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हास्यास्पद थी। यदि उन्हें फांसी की सजा हुई, तो उसे पूर्व नियोजित हत्या माना जाएगा। इसका भारत और पाकिस्तान के दव्पक्षीय संबंधों पर विपरीत असर पड़ेगा। पाक ने उन तारीखों के बारे में नहीं बताया कि जाधव को सुनवाई के लिए कब सैन्य अदालत लाया गया। क्या पिछले कुछ दिनों में यह सब जल्दबाजी में किया गया? सुनवाई कितनी लंबी चली? अनुमान है कि पाकिस्तानी सेना ने इसलिए ऐसा किया क्योंकि उसे जानकारी मिली थी कि आईएसआई में काम कर चुके उनके एक सेवानिवृत्त अधिकारी को संभवत: अगवा कर लिया गया है। नेपाल में गायब हो गए थे। पाकिस्तान का मानना है कि ईरान में चाबहार से जाधव के अगवा किए जाने के विरोध मे भारतीय एजेेंसियों (कार्यस्थानों) ने इस अधिकारी को अगवा किया है। यदि यह सच है, तो जाधव की सजा जासूसों का खेल हो सकता है। यह सही कदम नहीं क्योंकि इससे स्थिति और जटिल होती है।
  • राज्यसभा का सुझाव था कि जब जाधव का मामला पाकिस्तान न्याय व्यवस्था पर भरोसा है? इस तरह का विश्वास जताना विदेश संबंधों के मामले में अनुभवहीनता कही जाएगी और यह भी अनुभवहीनता ही होगी कि इस मामले में चुनी गई सरकार सेना की इच्छा के खिलाफ जाएगी। जाहिर है, सेना अहम फैसले ले रही है। जनरल बाजवा ने सजा यह जताने के लिए दी है कि भारत बलूस्तािन और पाकिस्तान में अन्य जगहों पर अलगाववाद और आतंकवाद प्रोत्साहित कर रहा है। पाकिस्तानी जनरल महसूस कर रहे होंगे कि कई पाकिस्तानियों ने जाधव के फैसले का स्वागत किया है और कह रहे हैं कि पाकिस्तानी कानून सख्ती से लागू होना चाहिए। कुछ संजीदा लोगों का यह भी मानना है कि पाकिस्तान ने कोई भी जोखिम भरा कदम उठाया, तो इससे भारत-पाक संबंधों पर विपरीत असर पड़ेगा। लेकिन, लगता नहीं है कि जनरल इस आम भावना के खिलाफ जाएंगे। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि दोनों देशों ने जासूसी के आरोप में किसी को फांसी की सजा सुनाई हो। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने जाधव पर पाकिस्तान के आरोपों को गंभीरता से नहीं लिया, पर इससे जनरल (सामान्य) पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस संदर्भ में यह याद किया जाएगा कि तत्कालीन सेना प्रमुख राहील शरीफ ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी से जाधव के मामले में सीधी बात की थी। बाद में वे आधिकारिक रूप से तुरंत इस्लामाबाद के दौरे पर थे। राष्ट्रपति ने इन आरोपो को नहीं माना बल्कि उनका अपमान नहीं किया कि जाधव ईरान से पाकिस्तान विरोध गतिविधियों में संलग्न थे। पहले जब काबूल में भारतीय मिशन (दूतमंडल) और अफगानिस्तान की अन्य सुविधाओं पर पाकिस्तान के उकसाने पर हमला किया गया और भारत की कीमती जानें गई तब भारत, पाकिस्तान से कीमत नहीं वसूल सका। मोदी सरकार पाकिस्तानी जनरलों को सख्ती से कहे कि यदि पाक ने जाधव का मुद्दा हल नहीं किया तो पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
  • पाकिस्तान ने ईरान के चाबहार से गिरफ्तार कर जाधव को फांसी की सजा सुनाई। जवाब में भारत ने भी चेतावनी दी, ऐसा हुआ तो इसे पूर्व नियोजित हत्या माना जाएगा। जासूसी के आरोप में अभी तक दोनों देशों ने किसी को ऐसी सजा नहीं दी है। तो जाधव को क्यों दी गई जल्दबाजी में फांसी की सजा? क्या होगा दव्पक्षीय रिश्तों पर असर?
  • राज्यसभा का सुझाव था कि मामला पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय जाए, तो कुलभूषण जाधव को हर संभव कानूनी सहयोग दिया जाए। ऐसे में क्या यह माना जाए कि भारत को पाकिस्तानी न्याय व्यवस्था पर भरोसा है? इस तरह का विश्वास जताना अनुभवहीनता ही कहा जाएगा।

विवके काटजू, भारतीय विदेश सेवा के सेवानिवृत्ति अधिकारी काटजू अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत भी रहे।

पाकिस्तान:-

  • ने कहा है, जाधव बलूस्तािन में जासूसी कर रहा था, जिसके दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया गया। फिर जाधव कई महीनों तक जेल में रखा। इस दौरान उन पर झूठे मुकदमे चलाया गया, लेकिन उन्हें अपनी झूठी केस का डिफेंस (रक्षा) करने के लिए ना एक भी वकील उपल्ब्ध कराया और ना ही भारत को इसकी सूचना भी नहीं दी गई। बाद में इसके सबूत के तौर पर जाधव के बयान वाले वीडियों भारत को भेजा, जिसे साफ-तौर पर झलक रहा था कि भारी दबाव में जाधव रॉ का जासूस होने की बात कबूल रहा है। जबकि जब वीडियों को जांच किया गया तो उसमें 105 कट्‌स (अलग करना⟋काटना) मिले, जिससे साबित होता है वह वीडियों फर्जी था।

पाक रक्षा मंत्री:-

  • भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान तुरन्त सजा नहीं देगा। अभी वह तीन मंचों पर इस सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने अपने देश की संसद में यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ अपील के लिए जाधव के पास 60 दिन हैं। इसके बाद भी वह सेना प्रमुख और राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर कर सकते हैं। हालांकि, जानकारों की मानें तो पाकिस्तान आर्मी (फौज) एक्ट (शक्ति प्रदान करना) की धारा 131 के तहत सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ 40 दिन में ही अपील करनी होती है। पाक मीडिया (संचार माध्यम) के अनुसार आसिफ ने संसद को बताया, भारतीय खुफिया एजेंसी (कार्यस्थान) रॉ के लिए काम करने वाले नौसेना अधिकारी को पिछले वर्ष मार्च में पकड़ा गया था। न्यायालय में साढ़े तीन माह तक ट्रायल (मुकदमा) के बाद यह फैसला आया। उन्होंने कहा कि जाधव पर भारत के लिए जासूसी, पाकिस्तान की अखंडता के खिलाफ काम करने, देश में आतंकवाद प्रयोजित करने और देश को अस्थिर करने के प्रयास जैसे आरोप सिद्ध हुए हैं।

जायजा:-

  • जाधव को फांसी की सजा सुनाने के बाद भारत के सख्त रुख के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सेना प्रमुख से मिले। शरीफ ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से सेना की पेशेवर तैयारी, सुरक्षा एवं सीमा के हालात की जानकारी ली। यह बाजवा और शरीफ के बीच पहली सीधी बातचीत थी। भारत ने एक दिन पहले चेतावनी दी थी कि जाधव को फांसी देने की सूरत में पाकिस्तान अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
  • वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के अनुसार भारत को जाधव के खिलाफ सैन्य अदालत के फैसले की कॉपी (प्रतिलिपि) मांगनी चाहिए। इससे पता चलेगा कि किस आधार पर सजा सुनाई गई तभी पता चलेगा सजा सही है या गलत। अगर सजा का कोई ठोस आधार नहीं मिला तो भारत का केस (प्रकरण) और मजबूत होगा।

वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी

पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासीर जुंजुआ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान हमेशा दुश्मन बनकर नहीं रह सकते। दोनों को आपसी मुद्दे सुलझाने ही होंगे। कनाडाई उच्चायुक्त पैरी कैल्डरवुड से बातचीत के दौरान उन्होंने यह बात कही।

पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासीर जुंजुआ

पाकिस्तान के वकील:- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जाधव को बचाने के लिए बेेहतर वकील करने की बात कही है। लेकिन भारतीय विशेषज्ञ मान रहे हैं कि पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के खिलाफ शायद ही कोई वकील जाधव का केस पकड़े। हालांकि, पाकिस्तान में भी कुछ ऐसे वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं, जो जाधव की जान बचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं: जो निम्न है-

  • अस्मा जहांगीर- प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। पाकिस्तानी सुप्रीम (सर्वोच्च) कोर्ट (न्यायालय) बार एसोसिएशन (सहकारिता) की प्रमुख रह चुकी हैं।
  • अंसार बर्नी-प्रसिद्ध वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। मंत्री भी रह चुके हैं। कैदियों के अधिकारों के लिए काम करते रहे हैं। मृत्युदंड के खिलाफ भी मुखर हैं।
  • जिब्रान नासिर-युवा वकील हैं। पेशावर हमले के खिलाफ मौलवियों और धार्मिक आतंकवादियों के खिलाफ केस ठोस कर चर्चा में आए थे।
  • एनाज अहसान- सुप्रीम (सर्वोच्च) कोर्ट (न्यायालय) बार एसोसिएशन (सहकारिता) के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किए गए तत्कालीन जज इफ्तिखार चौधरी के समर्थन में वकीलों के आंदोलन के अगुवा रहे थे।

जाधव के मामले कई अनियमिताएं हैं। उन्हें वकील नहीं दिया। कोर्ट (न्यायालय) मार्शल (सेना का प्रधान अधिकारी) को भी रहस्य बनाकर रखा। हैरानी है कि जाधव के मामले में तो पाक ने इतनी तेजी दिखाई, लेकिन मुंबई हमले के आरोपियों पर केस आगे ही नहीं बढ़ रहा।

अलयर्सा ऐर्ज, स्टेट (राज्य) डिपार्टमेंट (विभाग) की पूर्व अधिकारी

पाक की कहानी रहस्य और अनिश्चितता से भरी है। वह भारत को कड़ा संदेश देना चाहता है। विश्व मंच पर खुद को अलग-थलग करने की भारत की कोशिशों के खिलाफ पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है। पाक चाहेगा कि जाधव का इस्तेमाल कर वह भारत से अहम बाते मनवा ले।

माइकल कुगेलमैन, वुडो विल्सन सेंटर (केंद्र) में दक्षिणी एशिया के डिप्टी (उप) डायरेक्टर (निदेर्शक)

नई दिल्ली:-

  • अमरीका के शीर्ष विशेषज्ञ ने ईरान से अगवा पूर्व भारतीय नौसैनिक जाधव को पाकिस्तान में मौत की सजा देने के फैसले पर चिंता जाहिर की है।
  • अमरीका विदेश विभाग के साउथ (दक्षिण) एंड (और) सेंंट्रल (केंद्र में स्थित) एशिया ब्यूरो (सरकारी विभाग) की पूर्व सीनियर (बड़े पद का) अधिकारी एलिसा आयरिस ने कहा कि सबसे ज्यादा हैरानी इस बात पर है कि 2008 में मुंबई हमले में शामिल आतंकियों के खिलाफ मुकदमा चलाने में पाकिस्तान टालमटोल कर रहा है। यह पिछले 9 सालों से टाला जा रहा है, जबकि जाधव के मामले में आनन-फानन में फांसी की सजा सुना दी गई।
  • पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय अफसर कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा दी जाएगी। पाक ने आरोप लगाया था कि जाधव भारतीय जासूस है। आईएसपीआर के अफसर मेजर जनरल (सेना का उच्च पदाधिकारी) आसिफ गफूर ने ट्‌विटर पर बताया कि पाकिस्तान आर्मी (फौज) एक्ट (काम करना) के तहत जाधव का फील्ड (भूमि) जनरल कोर्ट (न्यायालय) मार्शल (सेना का प्रधान अधिकारी) (एफजीसीएम) किया गया और फांसी की सजा सुनाई गई। दूसरी ओर, भारत ने पाकिस्तान के हाईकमिश्नर (ऊँचा, आयुक्त) को तलब कर उन्हें डिमार्शे सौंपा। कहा-अगर, जाधव को फांसी दी जाती है तो ये सोचा समझा मर्डर (हत्या) होगा।
  • भारत और पाकिस्तान हमेशा दुश्मन नहीं बने रह सकते हैं और दोनों पड़ोसी मुल्को को परस्पर संवाद से अपने विवादों को सुलझाने की आवश्यकता है।

नासिर जंजुआ, एनएसए पाक

फिल्मी कहानी:-

  • वॉशिंगटन स्थित शीर्ष अमरीकी थिंक (विचारना) टेक (रास्ता) अटलांअक काउंसिल (परिषद) में साउथ (दक्षिण) एशिया सेंटर (केंद्र) के डायरेक्ट (निर्देशक) भरत गोपालस्वामी का कहना है कि जाधव के खिलाफ पाक से पेश सबूत फिल्मी स्टोरी (कहानी) जैसे लगते हैं, जिनको पाकिस्तानी अधिकारियों ने गढ़ा वो भी बिना ठोस सबूत के जाधव को फांसी देने की असली वजह भारत की ओर से पाक के खिलाफ आतंकवाद को लेकर अपनाई आक्रामक रणनीति से निपटने का नतीजा है।

अखबार:-

  • कई पाक अखबारों ने अपने लेखों में चेतावनी दी है। डॉन ने लिखा कि जाधव को मौत की सजा देने के फैसले से नई तरह की जंग शुरू हो सकती है। वहीं, डेली टाइम्स ने सवाल उठाया कि पाक ने जाधव को फांसी की सजा सुनने में जल्दबाजी तो नहीं की है?
  • इसमें गंभीर अनियिमिताएं हैं। उन्हें कानूनी बचाव के लिए वकील भी नहीं दिया गया। उनके कोर्ट माशैल के इर्दगिर्द रहस्य बनाकर रखा गया। मुंबई हमले मामले की सुनवाई में इतनी देरी और फिर जाधव के मामलें में इतनी जल्दी फैसला निश्चित रूप से खामियों जाहिर करता है। अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान इस बहाने भारत के खिलाफ दुनिया में मजबूत संदेश देना चाहता है, क्योंकि पिछले कई महीनों से भारत ने पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग करने की मुहिम रखी है।
  • कथित भारतीय जासूस को तालिबान ने पकड़ा और बाद में उसे पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के हाथों बेच दिया।

डॉ. गुंटर मुलक, पाक में जर्मनी के पूर्व राजदूत

भारत ने खारिज किए थे आरोप:-

  • इंडियन (भारतीय) फॉरेन मिनिस्ट्री (मंत्रालय) ने कहा था, वीडियो (चित्रमुद्रण) में यह शख्स (जाधव) जो बाते कह रहा है, उनमें कोई सच्चाई नहीं है। उसने जो भी कहा है, प्रेशर (दबाव) में कहा है। हालांकि, भारत सरकार ने ये माना था कि जाधव भारतीय नागरिक ही है और नेवी (नौसेना) में अफसर रहा चुका है। मिनिस्ट्री (मंत्रालय) ने कहा था, जाधव कानूनी तौर पर ईरान में बिजनेस (करोबार) करता था। उसे कस्टडी (अभिरक्ष) में हैरेस (गिरफ्तार) किया गया है। पाकिस्तान में उसकी मौजदूगी सवाल खड़े करती है। इससे शक पैदा होता है कि कही उसे ईरान से किडनैप (अपहरण) तो नहीं किया गया? भारत ने एम्बेसी (दूतावास) के अफसरों की जाधव से मुलाकात कराने की इजाजत मांगी थी। पाकिस्तान ने भारत की मांग को ठुकरा दिया था।

भारत:-

  • भारत पाकिस्तान इन सभी बातों को सीरे से नकारता है, भारत के अनुसार जाधव महाराष्ट्र का व्यापारी है, जो काम के सिलसिले में ईरान गए थे। वहीं पर अपहरण करके उन्हें पाकिस्तान लाया गया और कई महीनों तक जेल में रखा गया।
  • इस दौरान उससे गलत बयान और गुपचुप तरीके से फर्जी मुकदमा चलाया गया और उन्हें कोई खास सहायता भी नहीं दी गई, जिससे जाधव अपने केस का डिफ़ेंस (रक्षा) कर से। असल में कुलभूषण यादव या जाधव का जन्म मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता सुधीर यादव हैं। जाधव को फांसी दिये जाने की सजा उनके परिवार को न्यूज (समाचार) चैनल्स (समचार, सूचना आदि प्रेषित करने का मार्ग या माध्यम) से पता चली। जिससे उनके परिवार में शौक का माहौल है।

अधिवक्ता:-

  • आतंकियों और अंडरवर्ल्ड (पाताल) से जुड़े अपराधियों को सजा दिलाने के लिए चर्चित अधिवक्ता उज्जवल निकम ने आंशका जाहिर कि है कि पूर्व भारतीय सैनिक कुलभूषण जाधव के साथ पाकिस्तान में इतनी क्रूरता बरती गई होगी कि संभवत: वह अब जीवित नहीं हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान उन्हें किसी से मिलवाने की हालत में नहीं है और बहाने बना रहा है।
  • निकम ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान एनएसए सरताज अजीज के उस बयान पर ताज्जुब है जिसमें उन्होंने कहा कि जाधव को किसी से मिलने नहीं दे सकते। इससे यह साबित होता है कि जाधव का इकबालिया बयान दबाव में लिया है।
  • निकम ने कहा है कि अगर नए सिरे से जाधव का केस की सुनवाई की गई तो वह खुद पाक जाकर उनका केस लड़ेंगे, क्योंकि वहां का कोई वकील (अधिवक्ता) उन्हें कानूनी मदद देने को तैयार नहीं। निकम को विश्वास है कि वो जाधव को निर्दोष साबित कर वापस लाएंगे क्योंकि पाक के पास जाधव के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि केस को नए सिरे से पाक न्यायालय में लड़ा जाए, ताकि इस पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि नजर रखें व जाधव का पक्ष रखा जा सके।
  • भारत एक साल में अब तक 14 बार कुलभूषण से मुलाकात करने की कोशिश कर चुका है, लेकिन पाक ने अनुमति नहीं दी। ऐसे में कहीं पाकिस्तान की पोल न खुल जाये, वह उन्हें किसी से मिलने नहीं देना चाहता।
  • पाक में भी निगम का कहना है कि पाकिस्तान का कानून, न्यायिक प्रक्रिया भारत के कानून व्यवस्था की जैसी है, इसलिए किसी भी व्यक्ति का बयान अगर मारपीट कर लिया गया है, तो कानून की भाषा में उसके कुछ मायने नहीं और इसलिए पाकिस्तान, जाधव से किसी को मिलने देने को तैयार नहीं हैं।
  • पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव तक जाने के लिए फिर भारत को इजाजत देने से मना कर दिया है। इस बार उसने बहाना बनाया कि कानून इसकी इजाजत नहीं देता। पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, कानूनन हम काउंसलर पहुंच दे सकते क्योंकि जाधव जासूसी में शामिल था। लेकिन दिल्ली में अफसरों ने बताया कि उन्हें पाकिस्तान की ओर कोई सूचना नहीं मिली है। यह भारत की 14वीं कोशश थी। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले ने पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ से मुलाकात की थी। उन्होंने जाधव मामले में दायर चार्जशीट और जाधव तक काउंसलर पहुंच की मांग की थी। आसिफ गफूर ने रावलपिंडी में कहा, जाधव जासूसी के मामले में पकड़ गया था, सेना ही उसे सजा दे सकती है उसे कोर्ट मार्शल का सामना करना ही होगा।
  • इस बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार को निर्देश दिए कवह जाधव को रिहा करवाने के लिए हर तरह के प्रयास करे। जस्टिस एपी साही और संजय हरकौली की बेंच ने इस संबंध में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
  • उपसंहार:-बिना कोई पुख्ता सबूत न होने के कारण पाकिस्तान को आखिकार भारत सरकार के आगे झुकना पड़ा। अब पाकिस्तान ने भारत के पूर्व नौसैनिक कुलभूषण जाधव के लिए मुकदमा लड़ने की इजाजत दे दी है। जिससे पूर्ण तया सच्चाई का पता चलेगा कि जाधव दोषी या निर्दोष हैं। इससे दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे या फिर संबंध बिगड़ते जाएगें।

Examrace Team at Aug 22, 2021