Science and Technology MCQs in Hindi Part 13 with Answers

Get unlimited access to the best preparation resource for CTET-Hindi/Paper-1 : get questions, notes, tests, video lectures and more- for all subjects of CTET-Hindi/Paper-1.

(1) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ दीर्घ रेडियों तरंगे पृथ्वी के आयनमंडल से परावर्तित होती हैं।

  • कोस्मिक किरणें चुम्बकीय स्पेक्ट्रम (वर्णक्रम) का सबसे महत्वपूर्ण भाग है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा⟋से सही है⟋हैं?

अ) केवल 1

ब) केवल 2

स) 1 और 2 दोनों

द) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (अ)

व्याख्या:

  • दीर्घ रेडियों तरंगे पृथ्वी के आयनमंडल से परवार्तित होती हैं। आयनमंडल की उंचाई 80 से 400 किलोमीटर है। यह सौर विकीरण दव्ारा आयानित होती है, इसिलिए इन्हे आयानमंडल या थर्मोस्फीयर भी कहते है।
  • कास्मिक किरणें चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का सबसे महत्वपूर्ण भाग नही है। ये किरणें सूर्य से उत्पन्न होती है। इनकी तरंग दैर्ध्य बहुत कम होती है ये उच्च उर्जा से आवेशित कण होते हैं जिनकी गति प्रकाश के समान होती है।

(2) निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है

दो उत्तरोत्तर श्रृंग successive क्रमिक crests चढ़ाई अथवा दो उत्तरोत्तर गर्त successive क्रमिक troughs उतार के मध्य की दूरी को आवृत्ति कहतें हैं।

ब) एक्स- किरणों के विवर्तन दव्ारा क्रिस्टलों की संरचना का अध्ययन किया जाता है।

स) राडार में रेडियो तरंगे की सहायता से स्थिर तथा गतिमान दोनों प्रकार की वस्तुओं का पता लगाया जा सकता है।

द) अवरक्त तरंगों विदुयत चुम्बकीय तरंगों का एक प्रकार हैं।

उत्तर: (अ)

व्याख्या: दो उत्तरोत्तर successive crests अथवा दो उत्तरोत्तर गर्त successive troughs के मध्य की दूरी को तरंग दैर्ध्य कहते हैं। अत: कथन अ गलत है। अन्य सभी कथन सही है।

3 निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ दूरसंचार के लिए सुक्ष्म तरंगों का प्रयोग किया जाता है।

  • यूवी -सी विकिरण ओजोन परत दव्ारा सर्वाधिक प्रभावित होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा⟋से सही है⟋हैं?

अ केवल 1

ब) केवल 2

स) 1 और 2 दोनों

द) न तो 1 और न ही 2

उत्तर (स)

व्याख्या: उपर्युक्त दोनों कथन सही है।

  • दूरसंचार के लिए सुक्ष्म तरंगों का प्रयोग किया जाता है।
  • यूीव -सी विकिरण ओजोन परत दव्ारा सर्वाधिक प्रभावित होता है।
Illustration: Science and Technology MCQs in Hindi Part 13 with Answers

4 ध्वनि के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ ध्वनि तरंगे अनुप्रस्थ तरंगे हैं।

  • किसी माध्यम में ध्वनि का संचरण (propagation) (प्रचार) माध्यम के कर्णों के (particles) (कण) संचरण के कारण हाता है।
  • प्रबलता ध्वनि के लिए कानों की संवेदनशीलता की माप है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा⟋से सही नही है⟋हैं?

अ) केवल 1 औ 2

ब) केवल 2 और 3

स) केवल 3

द) 1,2 और 3

उत्तर: (अ)

व्याख्या:

  • ध्वनि तरंगे अनुदैर्ध्य तरंगे हैं। अत: कथन 1 गलत है।
  • ध्वनि संचरण में, माध्यम के कण आगे नहीं बढ़ते, केवल विक्षोभ ही संचरित होता है। अत: ध्वनि वस्तुओं के कंपन के कारण उत्पन्न होती है, परन्तु किसी माध्यम में ध्वनि का संचरण माध्यम के कणों के विक्षोभ के संचरण के कारण होता है। अत: कथन 2 गलत है।
  • ध्वनि तरंगे यांत्रिक तरंगे हैं। ये निर्वात में संचरित नहीं हो सकतीं। इन्हें संचरण के लिये माध्यम की आवश्यकता होती है। किसी एकांक क्षेत्रफल से एक सेकेण्ड (क्षण) में गुज़रने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की तीव्रता कहते हैं, जबकि प्रबलता ध्वनि की तीव्रता के लिये कानों की शारीरिक अनुक्रिया अथवा संवेदनशीलता है। यद्यपि दो ध्वनियाँ समान तीव्रता की हो सकती हैं, फिर भी हम एक को दूसरे की अपेक्षा अधिक प्रबल ध्वनि के रूप में सुन सकते हैं, क्योंकि हमारे कान इसके लिये अधिक संवदेनशील हैं। अत: कथन 3 सही है।

5 निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ ध्वनि बूम पराध्वनिक गति के कारण उत्पन्न प्रघाती तरंगों से संबद्ध वायुदाब में परिवर्तन से उत्पन्न बहुत तेज़ और प्रबल ध्वनि है।

  • किसी ध्वनि की स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिये मूल ध्वनि तथा परावर्तित ध्वनि के बीच कम-से-कम 0.1 सेकेंड का समयांतराल आवश्यक है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा⟋से सही है⟋हैं?

अ केवल 1

ब) केवल 2

स) 1 और 2 दोनों

द) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (स)

व्याख्या: उपर्युक्त दोनों कथन सही है।

  • किसी वस्तु की पराध्वनि गति के कारण वायु में प्रघाती तरंगे उत्पन्न होती हैं। इन तरंगों में बहुत अधिक ऊर्जा होती है। इन्हीं तरंगो से संबद्ध वायुदाब में परिवर्तन से एक बहुत तेज़ और प्रबल ध्वनि उत्पन्न होती है, जिसे ध्वनि बूम कहते हैं। पराध्वनिक वायुयान से उत्पन्न ध्वनि बूम में इतनी मात्रा में ऊर्जा होती है कि यह खिड़कियों के शीशों को तोड़ सकती है और भवनों को भी क्षति पहुँचा सकती है।
  • हमारे मस्तिष्क में ध्वनि की संवदेन लगभग 0.1 सेकेंड तक बनी रहती है। इसी कारण किसी ध्वनि की स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिये मूल ध्वनि तथा परावर्तित ध्वनि के बीच कम-से-कम 0.1 सेकेंड का समयांतराल आवश्यक है।

6 ध्वनि की श्रव्यता के परिसर के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ पांँच वर्ष से कम आयु के बच्चे पराश्रव्य ध्वनियों को नहीं सुन सकते हैं।

  • हृेल तथा हाथी अवश्रव्य जबकि डॉलफिन और चमगादड़ पराश्रव्य ध्वनियाँ उत्पन्न करने में सक्षम हैं।
  • सामान्य मनुष्य के लिये ध्वनि की श्रव्यता का परिसर लगभग 20 Hz से 20,000 Hzतक होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा⟋से सही है⟋हैं?

अ) केवल 1 और 2

ब) केवल 2

स) केवल 1 और 3

द) 1,2, और 3

उत्तर: (ब)

व्याख्या:

  • सामान्य मनुष्य में ध्वनि की श्रव्यता का परिसर लगभग 20 Hz से 20,000 Hzतक होता है। 20Hz से कम आवृत्ति की ध्वनियों को अवश्रव्य तथा 20KHz से अधिक की ध्वनियों को पराश्रव्य ध्वनि या पराध्वनि कहते हें। पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चे तथा कुछ जंतु जैसे कुत्ते 25 KHz तक की ध्वनि सुन सकते हैं परन्तु जैसे-जैसे व्यक्तियों की आयु बढ़ती है, उनके कान उच्च आवृत्तियों के लिये कम सुग्राही होते जाते हैं। अत: कथन 1 गलत हैं।
  • राइनोसिरस (गैंडा) 5 Hz तक की आवृत्ति की अवश्रव्य ध्वनि का उपयोग करके संपर्क स्थापित कर सकता है। हृेल तथा हाथी अवश्रव्य ध्वनि परिसर की ध्वनियाँ उत्पन्न करते हैं। अत: कथन 2 सही है।
  • भूकंप आने से पूर्व कुछ जंतु परेशान हो जाते हैं। भूकंप मुख्य प्रघाती तरंगों से पहले निम्न आवृत्ति की अवश्रव्य ध्वनि उत्पन्न करते हैं, जो संभवत: इन जंतुओं को सावधान कर देती हैं। अत: कथन 3 सही है।

7 निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ सोनार एक ऐसी युक्ति है, जिसमें वायु में स्थित पिंडों की दूरी, दिशा तथा चाल मापने के लिये पराध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है।

  • चमगादड़ गहन अंधकार में भोजन की खोज के लिये पराध्वनि तरंगे उत्सर्जित करता हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा⟋से सही है⟋हैं?

अ केवल 1

ब) केवल 2

स) 1 और 2 दोनों

द) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (ब)

  • सोनार (Sound (ध्वनि) Navigation (नौवहन) And (और) Ranging (कार्यक्षेत्र) -SONAR) में जल में स्थित पिंडों की दूरी, दिशा तथा चाल मापने के लिये पराध्वनि तरंगों का उपयाेेग किया जाता है। ये प्रेषित पराध्वनि तरंगो का अवरोध से टकराकर लौटना तथा लौटने पर उनका संसूचन के सिद्धांत पर कार्य करती हैं। अत: कथन 1 गलत है।
  • चमगादड़ गहन अंधकार में भोजन की खोजने के लिये उड़ते समय पराध्वनि तरंगे उत्सर्जित करता हैं तथा अवरोध (कीट) से टकराकर परावर्तन के पश्चात्‌ इनका संसूचन करता है। इससे चमगादड़ को पता चलता है कि कीट कहाँ पर है और यह किस प्रकार का है। अत: कथन 2 सही है।

8 पराध्वनि तरंगों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये।

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ पराध्वनि तरंगो से मानव शरीर के आंतरिक अंगो का प्रतिबिंब बनाया जा सकता है।

  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी तथा अल्ट्रासोनोग्राफी में पराध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा⟋से सही है⟋हैं?

अ केवल 1

ब) केवल 2

स) 1 और 2 दोनों

द) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (स)

व्याख्या: उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं।

  • पराध्वनि संसूचक यंत्र का प्रयोग करके मानव शरीर के आंतरिक अंगो का प्रतिबिंब प्राप्त किया जा सकता है। इस तकनीक में पराध्वनि तरंगे शरीर के ऊतकों में गमन करती हैं तथा उस स्थान से परावर्तित हो जाती हैं, जहाँ ऊतक के घनत्व में परिवर्तन होता है। इन परावर्तित तरंगों को विद्युत संकेतों में परिवर्तित करके अंग का प्रतिबिंब बना लिया जाता है। यह संसूचक शरीर की असमानताएँ जैसे- पित्ताशय तथा गुर्दे की पथरी और विभिन्न अंगों में अर्बुद (टयूमर) (फोडा) का पता लगाने में सहायता करता है।
  • इस तकनीक को अल्ट्रासोनोग्राफी कहते हैं। अल्ट्रासोनोग्राफी का उपयोग गर्भकाल में भ्रूण की जाँच एवं जन्मजात दोषों तथा उसकी वृद्धि की अनियमितताओं का पता लगाने में किया जाता है।

9 निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ रिमोट (दूरस्थ) कंट्रोल (नियंत्रण) में अवरक्त तरंगों का प्रयोग किया जाता है।

  • रेडियों तरंगे विद्युत चुंबकीय प्रकृति की होती हैं।
  • ध्वनि तरंगे निर्वात में चल सकती हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा⟋से सही है⟋हैं?

अ) केवल 1 और 2

ब) केवल 2 और 3

स) केवल 3

द) 1,2, और 3

उत्तर: (अ)

व्याख्या:

  • रिमोट कंट्रोल में अवरक्त तरंगों का प्रयोग किया जाता है। अत: कथन 1 सही है।
  • रेडियों तरंगे विद्युत चुंबकीय प्रकृति की होती हैं। अत: कथन 2 सही है।
  • ध्वनि तरंगे निर्वात में नहीं चल सकती हैं। अत: कथन 3 गलत है।

10 मानव कर्ण (कान) के संदर्भ में कौन-सा कथन सही हैं?

अ) श्रवणीय आवृत्तियों दव्ारा वायु में होने वाले दाब परिवर्तनों को विद्युत संकेतों में बदलता है।

ब) अश्रवणीय आवृत्तियों दव्ारा वायु में होने वाले दाब परिवर्तनों को विद्युत संकेतकों में बदलता है।

स) वायु में होने वाले विद्युत चुंबकीय परिवर्तनों को श्रवणीय आवृत्तियों में बदलता है।

द) वायु में होने वाले विद्युत चुंबकीय चुंबकीय परिवर्तनों को अश्रवणीय आवृत्तियों में बदलता है।

उत्तर: (अ)

व्याख्या: मानव कर्ण श्रवणीय आवृत्तियों दव्ारा वायु में होने वाले दाब परिवर्तनों को विद्युत संकेतकों में बदलता है जो श्रवण तंत्रिका से होते हुए मस्तिष्क तक पहुँचती हैं। बाहरी कान (कर्ण पल्लव) परिवेश से ध्वनि को एकत्रित करते हैं। इस ध्वनि से श्रवण नलिका के सिरे पर उपस्थित कर्ण पटह झिल्ली कंपन करती है। मध्य कर्ण विद्यमान तीन हड्डियाँ (मुम्दरक, निहाई तथा वलयक) इन कंपनों (दाब परिवर्तनों) को कई गुना बढ़ाकर आंतरिक कर्ण में संचारित कर देती हैं। आंतरिक कर्ण में कर्णावर्त दव्ारा जब परिवर्तनों को विद्युत संकेतों में परिवर्तित कर दिया जाता है। ये विद्युत संकेत श्रवण तंत्रिका दव्ारा मस्तिष्क तक पहुँचा दिये जाते हैं और अंत में मस्तिष्क इनकी ध्वनि के रूप में व्याख्या करता है।