शत्रु संपत्ति अध्यादेश 2016 (Enemy Property Ordinance, 2016 – Law)

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सुर्ख़ियों में क्यों?

• हाल ही में राष्ट्रपति के दव्ारा शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 में संशोधन करने के लिए शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं मान्यता) अध्यादेश 2016 जारी किया गया।

अध्यादेश में निहित प्रावधान

• एक बार शत्रु संपत्ति का नियंत्रण संरक्षक को प्राप्त होने के बाद यह संरक्षक नियंत्रणाधीन बनी रहेगी, भले ही शत्रु से संबंधित वस्तु या फर्म को शत्रु की मृत्यु होने की स्थिति में अधिगृहीत कर लिया गया है।

• शत्रु संपत्ति के संबंध में उत्तराधिकार कानून लागू नहीं होंगे।

• एक शत्रु अथवा शत्रु विषयक अथवा शत्रु फर्म के दव्ारा संरक्षक/अभिरक्षक में निहित किसी भी संपत्ति का हस्तांतरण नहीं किया जा सकता और अभिरक्षक शत्रु संपत्ति की तब तक सुरक्षा करेगा जब तक अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप इसका निपटारा नहीं कर दिया जाता।

शत्रु संपत्ति क्या है?

• भारत रक्षा अधिनियम के अंतर्गत निर्मित भारत रक्षा नियमों के तहत भारत सरकार ने वर्ष 1947 में पाकिस्तान की नागरिकता ग्रहण कर चुके लोगों की संपत्ति का अधिग्रहण कर लिया था। शत्रु संपत्ति के कस्टोडियन (अभिरक्षण) के रूप में शत्रु संपत्तियों को केंद्र सरकार से संबद्ध कर लिया गया।

• शत्रु संपत्ति अधिनियम को भारत सरकार दव्ारा वर्ष 1968 में अधिनियमित किया गया था। अधिनियम के दव्ारा शत्रु संपत्ति का नियंत्रण सरंक्षक में निहित कर दिया गया।