103वां भारतीय विज्ञान कांग्रेस और प्रौद्योगिकी विजन दस्तावेज 2035 (103 Indian Science Congress Technology Vision Document 2035 – Science and Technology)

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सुर्ख़ियों में क्यों?

• मैसूर में आयोजित 103वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का केन्द्रीय विषय ‘भारत में स्वदेशी के विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी’ था।

• मसौदे को प्रौद्योगिकी सूचना, पूर्वानुमान एवं मूल्यांकन परिषद, (टीआईएफएसी) दव्ारा तैयार किया गया था।

प्रौद्योगिकी विजन (दृष्टि; कल्पना शक्ति) डॉक्यूमेंट (दस्तावेज) 2035 के उद्देश्य

इस ‘प्रौद्योगिकी विजन डॉक्यूमेंट 2035’ का उद्देश्य हर भारतीय की सुरक्षा, समृद्धि और पहचान बढ़ाना सुनिश्चित करना है।

प्रौद्योगिकी नेतृत्व-उदाहरण: परमाणु ऊर्जा अंतरिक्ष विज्ञान।

प्रौद्योगिकी स्वतंत्रता-उदाहरण: रक्षा क्षेत्र।

प्रौद्योगिकी नवोन्मेष-उदाहरण: क्लोरोफिल आधारित सिंथेटिक (कृत्रिम रीति से बना) पाथवे पर आधारित सौर बैटरी भविष्य में अक्षय ऊर्जा का एक शक्तिशाली स्रोत हैं।

प्रौद्योगिकी अभिग्रहण-उदाहरण: वर्षा जल संचयन, कृषि जैव प्रौद्योगिकी, विलवणीकरण, ऊर्जा दक्ष इमारतों के क्षेत्र मेें विदेशी सहयोंग।

प्रौद्योगिकी संबंधी बाधा-उदाहरण-आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें (जीएम) ।

विजन दस्तावेज सभी प्रमुख हितधारकों को ‘कार्रवाई के लिए आह्वान’ करता है।

• तकनीकी शिक्षा संस्थानों को नवाचार के लिए एक बड़े पैमाने पर अग्रणी एवं उन्नत अनुसंधान में संलग्न होना चाहिए।

• सरकार को इस क्षेत्र में वित्तीय सहायता बढ़ानी चाहिए। वर्तमान में देय सहायता सकल घरेलू उत्पाद का 1 प्रतिशत है जिसे बढ़ा कर 2 प्रतिशत कर दिया जाना चाहिए, जो लंबे समय से प्रस्तावित है।

• कोर अनुसंधान के क्षेत्र में पूर्णकालिक समकक्ष वैज्ञानिकों की वृद्धि होनी चाहिए।

• शैक्षणिक समुदाय-बुद्धिजीवी वर्ग-उद्योग समूह के बीच विचार विनिमयन होना चाहिए, नवोन्मेष आधारित नवीन पाठयक्रम तैयार किया जाना चाहिए जो उद्योगों की जरूरतों पर आधारित हो, उद्योगों दव्ारा प्रायोजित छात्र इंटर्नशिप तथा अन्य विषयों के साथ साथ अनुसंधान अध्येतावृत्ति (रिसर्च (खोज) फेलोशिप) (मैत्रीपूर्ण साहचर्य) प्रदान किया जाना चाहिए।

• एक अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जाना चाहिए जो अनुसंधान को तकनीक के उत्पाद/प्रक्रिया में बदलने में समर्थ हो। ऐसा छात्रों, शोधकर्ताओं और उद्यमियों को एकीकृत करके किया जा सकता है।