Public Administration: India Development Gateway and State Service Supply Gateway
Get unlimited access to the best preparation resource for CTET-Hindi/Paper-1 : get questions, notes, tests, video lectures and more- for all subjects of CTET-Hindi/Paper-1.
भूख, निर्धनता व विकास से संबंधित मुद्दे (Issues Relating to Hunger, Poverty and Development)
भारत विकास गेटवे (India Development Gateway)
भारत विकास गेटवे, डीआईटी दव्ारा सहायता प्राप्त और सी-डैक हैदराबाद दव्ारा कार्यान्वित राष्ट्रव्यापी अभियान है। यह स्थानीय भाषा में विश्वसनीय सूचना उत्पाद और सेवाओं के प्रावधान के जरिये ग्रामीण सशक्तीकरण को सरल बनाता है जो गैर-पहुँच वाले व्यक्तियों, विशेषकर महिलाओं व गरीबों की वास्तविक और नैतिक जरूरतों के प्रति एक प्रतिक्रिया है। इस प्रक्रिया में यह विकास के स्टेकहोल्डरो में सहयोग और जानकारी का साझा करने के लिए आईसीटी के प्रयोग को उत्प्रेरित करती है। भारत विकास गेटवे वर्तमान में सेवा और उत्पादों से संबंधित निम्नलिखित सामग्री प्रदान कर रही है-
- 6 क्षेत्रकों यथा कृषि स्वास्थ्य, प्राथमिक शिक्षा, समाज कल्याण, ग्रामीण ऊर्जा और ई-प्रशासन में प्रदेष विनिर्धारित सामग्री।
- मूल्यवर्धित सेवाएँ जैसे विशेषज्ञ से पूछे, गतिशील बाजार सूचना क्रेता-विक्रेता मंच-वास्तविक समय में मौसम पूर्वानुमान, ई-लर्निंग पाठयक्रम आदि।
राज्य सेवा आपूर्ति गेटवे (एन. एस. डी. जी.) (State Service Supply Gateway (NSDG) )
ई-प्रपत्र, राज्य पोर्टल और राज्य सेवा आपूर्ति गेटवे योजना का उद्देश्य निम्नलिखित को सुनिश्चित करना:-
- सरकारी सेवाओं तक आसानी से कहीं भी और किसी भी समय पहुँच प्रदान करना।
- सरकार, नागरिकों और व्यापारों के लिए प्रशासनिक भार और सेवा पूर्णता के समय लागत में कमी लाना।
- सरकार के साथ नागरिक के प्रत्यक्ष मेलजोल में कमी लाना तथा पोर्टल के माध्यम से ई-मेलजोल और अधिक दक्ष संचार को प्रोत्साहन देना।
- सरकार और इसके घटक विभागों की छवि तथा अवबोधन में सुधार लाना।
- सरकार में एक समान वेब इंटरफेस को प्रोत्साहन देना तथा राष्ट्रीय सेवा आपूर्ति गेटवे का इस्तेमाल करते हुए भारतीय राष्ट्रीय पोर्टल (एनपीआई) के साथ सहक्रिया निर्मित करना।
- एनपीआई के साथ अनिवार्य समेकन हेतु मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार राज्य के विभागों की सभी जानकारियों तथा स्थैतिक आँकड़ों का प्रकाशन।
इसके कार्यान्वयन में सुविधा प्रदान करने और शीघ्रता लाने के लिए डीआईटी ने पाँच परामर्शी एजेंसियों और पाँच कार्यान्वयनकारी एजेंसियों को नामबद्ध किया है।
परियोजना में निम्नलिखित घटक हैं-
राज्य पोर्टल के माध्यम से आवश्यक मूलभूत कार्य इस प्रकार हैं:
- सूचना का प्रसार आधार पर।
- राज्य पोर्टल में राज्य के नागरिकों के लिए उपलब्ध विभिन्न सरकारी सेवाओं के लिए सभी इलेक्ट्रॉनिक प्रपत्र भी होंगे। एक नागरिक किसी भी समय अपने आवेदन/अनुरोध की स्थिति का पता लगाने में सक्षम होगा। पोर्टल के विकास में गंतव्य कार्यालय, मुद्रण, लेखा, स्थिति की रिपोर्टिंग, पूछताछ सेवा और भुगतान संबंधी प्रपत्रों की इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्ति के लिए संपूर्ण आवेदन का विकास शामिल होगा।
मिशन मोड परियोजनाएँ (Mission Mode Projects)
27 मिशन मोड परियोजनाओं (एम. एम. पी.) में 9 केन्द्रीय एम. एम. पी. ; 11 राज्य एम. एम. पी. और 7 समन्वित एम. एम. पी. शामिल हैं। इनका विवरण अंग्राकित है-
Mission Mode Projects
केन्द्रीय एम. एम. पी. (9) | राज्य एम. एम. पी. (11) | समन्वित एम. एम. पी. (7) |
बैंकिंग | कृषि | सीएससी |
केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क | वाणिज्यिक कर | ई-ब्रिज |
आयकर (आईटी) | ई-जिला | ई न्यायालय |
ब्मीा | रोजगार कार्यालय | ई-अधिप्राप्ति |
एमसीए 21 | भूमि अभिलेख | इलेक्ट्रॉनिक डाटा अंतरविनियम, /ई-व्यापार (ईडीआई) |
राष्ट्रीय नागरिक डाटाबेस | नगरपालिका | ई-ट्रेड हेतु ई. डी. आई. नेशनल ई-गेटवे शासन सेवा वितरण |
पासपोर्ट | ग्राम पंचायत | भारतीय पोर्टल |
आप्रवासन वीजा और विदेशियों का पंजीकरण और ट्रैकिंग | प्ुलिस | |
पेंशन | सड़क परिवहन | |
कोष | ||
ई-ऑफिस |
ई-अधिगम (E-Learning)
- एकीकृत अधिगम की सुविधा मुहैया कराने में है ई-अधिगम उच्च अधिगम सेवाओं और प्रौद्योगिकी का एक मिश्रित रूप है, जो किसी भी समय कभी भी किसी भी आधार पर उपलब्ध कराया जा सकता है। इसे बाजार स्थलों में प्रशिक्षण के एक आगामी चमत्कार और शिक्षा उद्योग के रूप में स्वीकर किया जा रहा है तथा यह डिजिटल क्रान्ति का अगला चरण साबित होगा।
- डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में हो रही नित नई प्रगति ने ई-अधिगम को यथा संभव सरल बनाया है क्योंकि डिजिटल डेटा को आसानी से एकत्र किया जा सकता है, तेजी से छाँटा जा सकता है, डेटा के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है और भंडारण के लिए कम स्पेस की आवश्यकता होती है। इन डिजिटल टूल्स का प्रभावी ढंग से प्रयोग मल्टीमीडिया विशेषताओं से युक्त ऑडियो, वीडियो, ग्राफिक्स, 3 डी कोएनिमेशन आदि सहित पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु को समृद्ध बनाने के लिए किया जा सकता है। परिणामस्वरूप विषय के संबंध में बेहतर ढंग से परिकल्पना की जा सकती है और अपेक्षाकृत अधिक सुगम तरीके से उसे समझा जा सकता है और इस प्रकार विषय का अभिधारण किया जा सकता है अर्थात उसे बोधगम्य बनाया जा सकता है।
- ई-अधिगम कार्यक्रम के चार चरण अर्थात प्रौद्योगिक, टूल्स (सॉफ्टवेयर) मानक और विषय वस्तु होते हैं। ई-अधिगम का प्रयोग कक्षाओं में अनुदेश देने के पारंपरिक तरीकों के पूरक के रूप में किया जा रहा है। यह आईसीटी टूल जैसे कम्प्यूटर, मल्टीमीडिया और वेब का प्रयोग करते हुए विषय वस्तु की गुणवत्ता में सुधार करने में भी सहायक है। ई-अधिगम अध्यापकों और विध्यार्थियों दोनों के लिए अधिगम और प्रक्रिया की सुपुर्दगी की दृष्टि से सुविधाजनक है।
- ई-अधिगम की पहचान एक एसे महत्व के रूप में की गई है जहॉ शैक्षणिक टूल्स और संचार मीडिया का प्रयोग करते हुए शिक्ष प्रदान करने की योजना बनाई गई है। ई-अधिगम कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य पारंपरिक शिक्षा प्रणाली से होने वाले लाभ को इष्टतम बनाने के लिए ई-अधिगम प्रौद्योगिकियों एवं पहलों को पारंपरिक शिक्षा प्रणाली के साथ प्रभावी डंग से एकीकृित करना, ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों की इस तक पहुॅच बढ़ाना और विद्यालयी परिवेश में सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित विषयों को अन्य विषयों के साथ जोड़ते हुए उनके अध्ययन-अधिगम का प्रचार प्रसार करना है
राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (National Knowledge Network)
- राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क के गठन हेतु सरकार के निर्णय की घोषणा बजट भाषा, 2008 - 09 में की गई थी। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्ष्ता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया, जिसे राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क की स्थापना का समन्वय और निगरानी करनी थी।
- मार्च, 2010 में सरकार ने राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन) की स्थापना का अनुमोदन किया।
- राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क का उद्देश्य विज्ञान, प्रोद्योगिकी, उच्चतर शिक्षा अनुसंधान और विकास तथा शासन में सभी पणधारियों को एक साथ लाना है।
राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क के तहत संकल्पित अनुप्रयोग क्षेत्र हैं:-
- कृषि
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- ई-शासन
- उच्च निष्पादन अभिकलन
- अनुमानित परिणाम
- राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क परियोजना के परिणामस्वरूप शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान स्तर पर उच्च क्षमता वाली देशव्यापीमूल संरचना निर्मित होगी, जो इन संस्थानों दव्ारा संकल्पित शिक्षा और अनुसंधान अनुप्रयोगों एवं अन्य अनुप्रयोगों को समर्थन देगी, जिन्हें अत्यंत उच्च बैंडविड्थ की आवश्यकता है। एक उच्च गति डेटा संचार नेटवर्क की स्थापना की जाएगी, जो उच्चतर अधिगम के संस्थानों को आपस में जोड़ेगी।
- राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क से बड़ी प्रतिभागी संस्थानों के बीच ज्ञान संसाधन के सृजन अधिग्रहण और आपस में बाँटने की सुविधा के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान आदि किए जाएँगें और देश को एक ज्ञान समाज के रूप में विकसित होने में सहायता मिलेगी।