Public Administration: Disadvantaged Sections of Indian Society
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भारत में असुरक्षित, वंचित एवं उपेक्षित समूह/समुदाय (Vulnerable, Marginalized and Disadvantaged Groups/Communities in India)
भारत में असुरक्षित, हाशिए पर चले गए तथा उपेक्षित समूह (Vulnerable, Marginalized and Disadvantaged Groups in India)
भारत में सामाजिक-आर्थिक रूप से विभिन्न प्रतिकूल परंपरागत व्यवहार और सदियों पुराना शोषण प्रचलित है, जिसने समाज के विभिन्न वर्गों के विकास को अवरूद्ध किया है। तकनीकी प्रगति, वैज्ञानिक विकास और आर्थिक प्रगति के साथ-साथ मानव जीवन में जबर्दस्त परिवर्तन परिलक्षित हुए और नागरिक सुख-सुविधाओं में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हुई। लेकिन इन महत्वपूर्ण परिवर्तनों से परे भी भारतीय समाज के कुछ वर्ग अभी भी असुरक्षित, हाशिए पर, उपेक्षित, वंचित तथा अलाभकारी स्थिति में हैं और समाज की मुख्यधारा से काफी दूर हैं।
भारतीय समाज में शामिल असुरक्षित, हाशिए पर तथा उपेक्षित समूहों की वास्तविक सूची (Precise List of Vulnerable, Marginalized and Disadvantaged Sections of Indian Society)
- अनुसूचित जाति (SC)
- अनुसूचित जनजाति (ST)
- नृजातीय अल्पसंख्यक/धार्मिक अल्पसंख्यक
- महिला एवं बालिका शिशु
- भारत में बेघर लोग
- श्रमिक
- शराब और मादक द्रव्य के व्यसनी
- समाज में विस्थापित प्रवासी लोग
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की असुरक्षा के कारण हैं-
- नियमित आय का अभाव
- कुपोषित गरीब बच्चे
- विकास के साधनों का अभाव
- सामाजिक सुरक्षा की कमी
- कृषि श्रमिक
वे लोग जो स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखरेख सेवाओं के पात्र हैं लेकिन उन्हें ये सेवाएँ प्राप्त नहीं पा रही हैं क्योंकि-
- इनकी पहचान नहीं हो सकी है
- ये दूर-दराज के क्षेत्रों में रहते हैं
- इन्हें नीतियों की जानकारी नहीं है।
- वृद्ध लोगों की उनके बच्चों दव्ारा उपेक्षा की जाती है।
वे लोग जो सामान्यत: भेदभाव का शिकार होते हैं, पीड़ित होते हैं-
- एचआईवी/एड्स तथा अन्य यौन संक्रमिक रोगों से
- कैंसर रोगी
- मस्तिक आघात से
ऐसे कैदी या व्यक्ति जो अपनी सजा काट चुके हैं और समाज में उनके पुनर्वास में बाल अपराधियों की भाँति समस्याओं का सामना करना पड़ता रहा है।
जिन लोगों के साथ लैंगिकोन्मुखता के आधार पर भेदभाव किया जाता है, उन्हें लैंगिक अल्पसंख्यक के रूप में जाना जाता है। इनके लिए समेकित रूप में एक शब्द ‘क्वीर कम्यूनिटी’ (Queer Communities) कहा जाता है।
- लेस्बियन
- समलैंगिक
- उभयलिंगी
- ट्रांसजेंडर्स
परंपराओं और धार्मिक प्रयासों के कारण समाज के कुछ समूह सदियों से हाशिए पर रहे है और विभेद के शिकार हैं तथा समाज में उनका स्थान अभी भी सुनिश्चित नहीं हैं।
अन्य सभी असुरक्षित, उपेक्षित एवं वंचित समूहों तथा ऊपर बताए गए वर्गों के अतिरिक्त भी समाज में कुछ ऐसे समूह हैं, जिन्हें असुरक्षित अथवा वंचित समूह माना जा सकता है, जैसे मुस्लिमों, ईसाइयों, हिन्दू और बौद्धों में पिछड़े वर्ग। इसके अलावा पाकिस्तान के मछुआरे, भारतीय जेलों में बंद श्रीलंकाई शरणार्थी, एकल अभिभावक, घरेलू कामगार तथा तेजाब हमले की पीड़ित महिलाएँ इत्यादि।