सौर पवनों ने वायुमंडल को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई नासा (Solar Winds Played a Role in Ending the Atmosphere: NASA – Science and Technology)

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• नासा के अनुसार सौर पवनों ने मंगल के गर्म और नम वातावरण को ठंडी और शुष्क जलवायु में परिवर्तित कर दिया। इस प्रकार यदि सौर पवनों ने मंगल के वातावरण में परिवर्तन न किया होता तो वहा शुरुआत में गर्म और नाम जलवायु होती जिसमें जीवन का विकास संभव था।

• नासा के मावेन (mars atmosphere and volatile evolution-maven) (मंगल ग्रह वायुमंडल वाष्प शील जीवन विज्ञान विकास-मवन) और मिशन के आँकड़ो के आधार पर अनुसंधानकर्ताओं ने उस दर को निर्धारित किया जिस दर से मंगल ग्रह सौर पवनों के अवरोधन दव्ारा अपने वातावरण की गैस को खो रहा है।

• मंगल ग्रह के प्राचीन क्षेत्रों में बहुतायत जल की उपस्थिति के संकेत मिले है। इन संकेतों में नदियों दव्ारा निर्मित घाटियाँ तथा खनिज भंडार मिले हैं, जिनका निर्माण पानी की उपस्थिति में ही होता है।

सौर पवनें ~Solar Winds Played a Role in Ending the Atmosphere: NASA – Science and Technology - Science in Hindi

• सौर पवनें प्रमुखतया इलेक्ट्रान (भौतिकी, परमाणु में उपस्थित ऋण विद्युत आवेश युक्त द्रव्य) तथा प्रोटान आवेशित कणों से निर्मित उर्जायुक्त धारायें होती हैं। ये पवनें सूर्य से बाहर की तरफ बहती है। ये सौर प्रणाली से 900 किमी प्रति सेकंड की चाल से गतिमान हैं तथा इसका तापमान 10 लाख डिग्री (सेल्सियस) होता है।

• यह पदार्थ की चौथी अवस्था-प्लाज्मा की बनी होती है। इन पवनों के कण अपनी उच्च उर्जा के कारण सूर्य के गुरूत्व से बच निकलते हैं।

यह पृथ्वी को कैसे प्रभावित करती हैं? ~Solar Winds Played a Role in Ending the Atmosphere: NASA – Science and Technology - Science in Hindi

• ये पवनें पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र से टकराती है और इसके (चुम्बकीय क्षेत्र के) आकार में परिवर्तन लाती है। इनके कण पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र को बेधकर पार कर जाते हैं। ये उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव के क्षेत्र को प्रभावित करती हैं।

• पृथ्वी पर सौर पवनों का प्रभाव उत्तरी ध्रुव पर औरोरा बोरियालिस (उत्तरी प्रकाश) तथा दक्षिणी ध्रुव पर औरोरा आस्ट्रैलिस (दक्षिणी प्रकाश) के रूप में प्रकट होता है। यह नग्न आँखो से दिखता है।

• अंतरिक्ष यात्री यदि सौर पवनों के रास्ते में आते हैं तो उन्हें गंभीर विकिरण से स्वास्थ्य समस्यायें हो जाती है।

• सौर पवनों के विकिरण गुणसूत्र परिवर्तन तथा कैंसर का कारण होते हैं। ये स्थितियाँ ब्राह्य अंतरिक्ष में मनुष्य के लिए घातक होती है।

• रेडियो तथा दूरदर्शन संचार तथा उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवायें सौर्य पवनों दव्ारा बाधित होती है। सैन्य उपग्रह सौर पवनों दव्ारा सबसे बुरी तरह प्रभावित होती है।