गैर-कर राजस्व ई-पोर्टल (प्रवेश दव्ार) (Non-Tax Revenue E-Portal – Economy)

Glide to success with Doorsteptutor material for CTET-Hindi/Paper-1 : get questions, notes, tests, video lectures and more- for all subjects of CTET-Hindi/Paper-1.

• वित्त मंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक (विद्युतीय) माध्यम से गैर-कर राजस्व वसूल करने के लिए गैर-कर रसीद पोर्टल (प्रवेशद्धार) की शुरुआत की।

• यह केंद्र सरकार को गैर-कर राजस्व का ऑनलाइन भुगतान करने के लिए नागरिकों या निगमों या अन्य उपयोगकर्ताओं के लिए एकल बिंदु प्लेटफार्म (मंच) प्रदान करता है।

• करों को काफी हद तक ई-पेमेंट (भुगतान) प्रणाली से जमा किया जाता है, जबकि गैर-कर राजस्व अधिकार बैंक (अधिकोष) ड्राफ्ट (प्रारूप) या चेक या नकदी जैसे भौतिक उपकरणों के माध्यम से जमा किया जाता है।

• ऑनलाइन भुगतान या तो क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग (महाजन) का उपयोग करके किया जाता है।

• एनटीपीसी ने सरकार को 989 करोड़ रुपए का अंतरिम लाभांश जमा करके पोर्टल पर प्रथम भुगतान किया।

महालेखा नियंत्रक

• महालेखा नियंत्रक भारत सरकार का प्रधान लेखा सलाहकार होता है और तकनीकी रूप से स्वस्थ प्रबंधन लेखा प्रणाली को स्थापित करने और बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है।

• वह व्यय, राजस्व, ऋण और घाटे पर वित्त मंत्री के लिए हर माह का समालोचनात्मक विश्लेषण तैयार करता है।

• वह संसद में प्रस्तुति के लिए वार्षिक विनियोग लेखा (सिविल) (नागरिक) और केंद्रीय वित्त लेखा भी तैयार करता है।

गैर-कर राजस्व क्या है?

• इसमें मुख्य रूप से लाभांश, ब्याज प्राप्ति, स्पेक्ट्रम (विविध वर्ण श्रेणी) शुल्क, रॉयल्टी (राससी सत्ता) , लाइसेंस (आज्ञा) शुल्क, सूचना को अधिकार अधिनियम के तहत फार्म तथा आवेदन शुल्क शामिल है।

• सरकार के लिए गैर-कर राजस्व का प्रमुख स्रोत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (संघों) , भारतीय रिजर्व बैंक आदि दव्ारा भुगतान किया गया लाभांश है।

• गैर-कर राजस्व की वार्षिक प्राप्ति 2 लाख करोड़ से भी ज्यादा की है।