राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति (Appointment of Chairman of the National Human Rights Commission-Act Arrangement of the Governance)

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सुर्ख़ियों में क्यों?

• सरकार ने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एच. एल. दत्तु को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अगले अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति की घोषणा की है।

• प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक पैनल (नामावली) ने इस पद के लिए उन्हें चुना।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बारे में

• राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) भारत का एक स्वायत्त सार्वजनिक निकाय है। इसकी स्थापना 12 अक्टूबर 1993 को मानवाधिकार संरक्षण अध्यादेश के अंतर्गत की गयी है।

• इसे मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के दव्ारा सांविधिक आधार दिया गया है।

• इसका गठन मानव अधिकारों के संरक्षण और उन्हें बढ़ावा देने के लिए किया गया है।

संरचना

• एक अध्यक्ष, जो उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे हों।

• एक सदस्य, जो वर्तमान में उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश हो अथवा पूर्व में इस पद पर रहा हो।

• एक सदस्य, जो वर्तमान में किसी उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश हो अथवा पूर्व में इस पद पर रहा हो।

• दो सदस्य मानव अधिकारों से संबंधित मामलों का ज्ञान, या व्यावहारिक अनुभव, रखने वाले व्यक्तियों के बीच से नियुक्त किये जाते हैं।

• इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचति जाति आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचति जनजाति आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग के पदेन सदस्य होंगे।

अध्यक्ष की नियुक्ति

मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अंतर्गत, राष्ट्रपति एक समिति की अनुशंसा पर अध्यक्ष की नियुक्ति करता है। इस समिति में निम्नलिखित व्यक्ति शामिल होते हैं:

• प्रधानमंत्री (अध्यक्ष)

• गृह मंत्री

• लोकसभा में विपक्ष के नेता

• राज्यसभा में विपक्ष के नेता

• लोकसभा के अध्यक्ष

• राज्यसभा के उप सभापित

अधिनियम में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश को नियुक्त नहीं किया जाएगा, सिवाय कि यह नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श के बाद की गयी हो।