छत में अंतरिक्षीय तकनीक का प्रयोग-कास्पोल (Use of Space Technology in the Ceiling – Science and Technology)

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• विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने ‘सेरेमिक-पॉलीमर हाइब्रिड’ का निर्माण किया जोकि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था और घास-फूस से निर्मित कच्चे घरों में रहने वाले गरीब लोगों की आग लगने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेगा।

• पानी में घोलकर किसी भी सतह पर आसानी से इसका आवरण चढ़ाया जा सकता है। इसमें आग, पानी और गर्मी से बचाने की अद्भुत क्षमता है।

• यह उत्पाद रॉकेट (अग्निबाण) को अधिक तापमान से बचाने तथा उनके प्रक्षेपण के समय आग के खतरे से बचाने के लिए किया गया था।

कास्पोल के संभावित उपयोग

• कास्पोल 8000 सेल्सियस तक तापमान को सहने की क्षमता रखता है। इसका उपयोग कर वाहनों की सीट, रेलवे तथा सार्वजनिक परिवहन के साधनों को अग्रिरोधी बनाया जा सकता है।

• कपड़ों और दीवारों के अलावा फूस और लकड़ी को भी आग से बचाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

• अग्रिरोधी तथा उच्च तापमान से बचाव के साथ ही कास्पोल का प्रयोग सतह को जलरोधी बनाने में भी किया जा सकता है।