एनसीईआरटी कक्षा 6 इतिहास अध्याय 2: आदिमानव निशान पर यूट्यूब व्याख्यान हैंडआउट्स for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.
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एनसीईआरटी कक्षा 6 इतिहास अध्याय 2: आदिमानव निशान पर
आदिमानव
- शिकारी: सावधान, तेज़ी से, बुद्धि त्तपरता (जानवर तेजी से दौड़ते थे)
- संग्रहकर्ताओं: पौधों के भागो को इकठा करना, फल कब परिरपक्व होते है वो जानना
- वे चले गए?
- संसाधन एक ही स्थान पर समाप्त हो जाएंगे
- शिकारी जानवरों के साथ चले जाएंगे
- पौधे मौसमी होते हैं इसलिए संग्रहकर्ता चले गए
- जल स्रोत कुछ बारहमासी थे, अन्य मौसमी थे|
- दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलें|
हम आदिमानव के बारे में कैसे जान सकते है?
- वे जो साधन उपयोग करते थे: पत्थर, लकड़ी, हड्डी
- मांस और हड्डी काटने के लिए
- छालको खरोंच के (पेड़ से) और छिपाने के लिए (जानवरों की खाल)
- फल और जड़ें काटने के लिए
- झोंपड़ी और औजार बनाने के लिए लकड़ी
पत्थरके औजार बनाना
- पत्थर पे पत्थर: एक पत्थर दूसरे पर हथौड़ा के रूप में उपयोग किया जाता था|
- दबाव से बहार निकलना: अन्तर्भाग पर स्थिर रखा हुआ सतह और हथोड़े से बने पत्थर का उपयोग गुच्छे हटाने के लिए किया जाता था|
आग
- जलाने के लिए
- खाना बनाने के लिए
- जानवरो के डर से बचने के लिए
पालन-पोषण के लिए शिकार
- 12,000 साल पहले – आबोहवा में परिवर्तन – गर्म आबोहवा और घास के मैदानों के विकास में परिवर्तन किया गया|
- पालन करने वाले जानवरों में वृद्धि हुई|
- जानवरों की खाने की आदत और प्रजनन के मौसम के बारे में जानना|
- गेहूं और जौ की तरह फसलें बढ़ी – अब तक कुदरती रूप से बढ़ती है|
पाषाण युग का समय
जगहकी स्थिति
✍ Manishika