सार्वजनिक सेवा अधिकार अधिनियम (Public Service Rights Act – Act Arrangement of the Governance)

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महाराष्ट्र सरकार ने सार्वजनिक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2015 (आर. टी. एम. अधिनियम) का अधिनियमन किया है। यह नागरिकों को सरकार दव्ारा प्रदान की जाने वाली अधिसूचित सेवाओं की समयबद्ध आपूर्ति की गारंटी (जमानतदारी) देता है और पथभ्रष्ट लोक सेवकों के लिए दंड का प्रावधान करता है। यह अधिनियम इसी मुद्दे पर पहले प्रख्यापित अध्यादेश का स्थान ग्रहण करेगा।

इस विधेयक की विशेषताएं

• निर्धारित समय सीमा में सेवाओं का लाभ उठाने की वैधानिक गारंटी।

• यह भ्रष्टाचार, लालफीताशाही की रोकथाम करेगा और पारदर्शिता लाएगा।

• यह पथभ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों को दंडित करने हेतु 500 रूपए से लेकर 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान करता है।

• यह, इस अधिनियम के अंर्तगत शिकायतों से निपटने के लिए शीर्ष पर ′ सेवा का अधिकार आयोग तथा अन्य दो स्तरों (प्रथम अपीलीय और दव्तीय अपीलीय प्राधिकरण) पर अपीलीय प्रणाली स्थापित करता है। इन निकायों के पदाधिकारी सरकारी अधिकारी होंगे।

• यह राज्य सार्वजनिक सेवा आपूर्ति समिति का प्रावधान करता है। यह समिति अधिसूचित सेवाओं की कुशल आपूर्ति के लिए सरकारी एजेंसियों (कार्यस्थानों) दव्ारा उठाए जाने वाले कदमों की संस्तुति करेगी।