Science and Technology: Communication and Meteorological Satellite System: Achievements

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स्चाांर, नौवहन/नौसंचालन तथा मौसमविज्ञानीय उपग्रह प्रणाली (Communication and Meteorological Satellite System)

उपलब्धियांँ (Achievements)

  • 1962: भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति का गठन और थुम्बा भूमध्यरेखीय रॉकेट प्रमोचन केन्द्र (टलर्स) की स्थापना का कार्य शुरू।
  • 1963: टलर्स से प्रथम परिज्ञापी रॉकेट का प्रमोचन (नवंबर 21,1963)
  • 1965: थुम्बा में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी केन्द्र (एस. एस. टी. सी.) की स्थापना।
  • 1967: अहमदाबाद में उपग्रह दूरसंचार भू-केन्द्र की स्थापना।
  • 1968: टर्ल्स, संयुक्त राष्ट्र संघ को समर्पित (फरवरी 2,1968) ।
  • 1969: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना (अगस्त 15,1969) ।
  • 1972: अंतरिक्ष आयोग और अंतरिक्ष विभाग की स्थापना। इसरो को अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत लाया गया। (जून 1,1972) ।
  • 1972 - 76: वायुयानित सुदूर संवेदन परीक्षणों का आयोजन।
  • 1975: इसरो का एक सरकारी संगठन के रूप में गठन (अप्रैल 1,1975) । प्रथम भारतीय उपग्रह आर्यभट्‌ट का प्रमोचन किया गया (अप्रैल 19,1975) ।
  • 1975 - 76: उपग्रह शैक्षिक दूरदर्शन परीक्षण (साइट) का आयोजन।
  • 1977 - 79: उपग्रह दूरसंचार परीक्षण परियोजना (स्टेप) आयोजित की गई।
  • 1979: भू-प्रेक्षण हेतु एक प्रायोगिक उपग्रह, भास्कर-1 का प्रमोचन (जून 7,1979) । रोहिणी प्रौद्योगिकी नीतभार सहित एस. एल. वी. -3 की प्रथम प्रायोगिक उड़ान (अगस्त 10,1979) । उपग्रह को कक्षा में स्थापित नहीं किया जा सका।
  • 1980: एस. एल. वी-3 की दव्तीय प्रायोगिक उड़ान। रोहिणी उपग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापना (जुलाई, 18,1980) ।
  • 1981: एस. एल. वी. -3 की प्रथम विकासात्मक उड़ान। आर. एस. डी। उपग्रह कक्षा में स्थापित (मई 31,1981) । एक प्रायोगिक भू-स्थिर संचार उपग्रह, एप्पल को सफलतापूर्वक प्रमोचित किया गया (जून 19,1981) । भास्कर-11 उपग्रह का प्रमोचन (नवंबर 20,1981)
  • 1982: इन्सैट-1 ए उपग्रह का प्रमोचन (अप्रैल 10,1982) 1 सितंबर 6,1982 को इसे निष्क्रिय बना दिया गया।
  • 1983: एस. एल. वी. -3 की दव्तीय विकासात्मक उड़ान। आर. एस. -डी2 उपग्रह कक्षा में स्थापित (अप्रैल 17,1983) । इन्सैट-1 बी, उपग्रह का प्रमोचन (अगस्त 30,1983)
  • 1984: भारत-सोवियत मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन (अप्रैल 1984) ।
  • 1987: ए. एस. एल. वी. की श्रोस-1 उपग्रह सहित प्रथम विकासात्मक उड़ान (मार्च 24,1987) । उपग्रह को कक्षा में स्थापित नहीं किया जा सका।
  • 1988: प्रथम प्रचालनात्मक भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह, आई. आर. एस. 1ए का प्रमोचन (मार्च 17,1988) । ए. एस. एल. वी. की श्रोस 2 सहित दव्तीय विकासात्मक उड़ान (जुलाई 13,1988) । उपग्रह को कक्ष में स्थापित नहीं किया जा सका। इन्सैट-। सी उपग्रह का प्रमोचन (जुलाई 22,1988) । नवंबर 1989 में उपग्रह को निष्क्रिय किया गया।
  • 1990: इन्सैट- 1 डी का प्रमोचन (जून 12,1990) ।
  • 1991: दव्तीय प्रचालनात्मक सुदूर संवेदन उपग्रह, आई. आर. एस-1बी का प्रमोचन (अगस्त 29,1991) ।
  • 1992: ए. एस. एल. वी. की श्रोस-सी सहित तृतीय विकासात्मक उड़ान (मई 20,1992) । उपग्रह कक्षा में स्थापित। स्वदेशी रूप में निर्मित दूसरी पीढ़ी के इन्सैट श्रृंखला के प्रथम उपग्रह, इन्सैट-2ए का प्रमोचन (जुलाई 10,1992) ।
  • 1993: इन्सैट-2 श्रृंखला के दव्तीय उपग्रह, इन्सैट-2 बी का प्रमोचन (जुलाई 23,1993) । पी. एस. एल. वी का आई. आर. एस. -1 ई सहित प्रथम विकासात्मक उड़ान (सितंबर 20,1993) । उपग्रह कक्षा में स्थापित नहीं किया जा सका।
  • 1994: ए. एस. एल. वी. की श्रोस-सी2 सहित चतुर्थ विकासात्मक उड़ान (मई 4,1994) । उपग्रह कक्षा में स्थापित। ए. एस. एल. वी. की आई. आर. एस. पी सहित दव्तीय विकासात्मक उड़ान (अक्टूबर 15,1994) । उपग्रह ध्रुवीय सूर्य-तुल्यकाली कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित।
  • 1995: इन्सैट-2 श्रृंखला के तृतीय उपग्रह, इन्सैट-सी का प्रमोचन (दिसंबर 7,1995) । तृतीय प्रचालनात्मक भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह आई. आर. एस. -1 का प्रमोचन (दिसंबर 28,1995) ।
  • 1996: ए. एस. एल. वी. की आई. आर. एस. पी3 सहित तृतीय विकासात्मक उड़ान (मार्च 21,1996) । उपग्रह की ध्रुवीय सूर्य तुल्यकाली कक्षा में स्थापना।
  • 1997: इन्सैट श्रृंखला में चतुर्थ उपग्रह इन्सैट-2 डी को प्रमोचित किया गया (जून 4,1997) । यह अक्टूबर 4,1997 को निष्क्रिय हो गया। (एक कक्षीय उपग्रह अरबसैट-1सी जिसे बाद में इन्सैट-2 डीटी कहा गया है, को इन्सैट प्रणाली के आंशिक संवर्धन के लिए नंवबर 1997 में प्राप्त किया गया) । आई. आर. एस. -1डी सहित पी. एस. एल. वी. का प्रथम प्रचालनात्मक प्रमोचन (सितंबर 29,1997) । उपग्रह कक्षा में स्थापित।
  • 1998: अरबसैट से प्राप्त किये गये इन्सैट-2 डीटी की तैयारी के साथ इन्सैट प्रणाली की क्षमता का विस्तार किया गया (जनवरी, 1998) ।
  • 1999: इन्सैट-2 श्रृंखला में अंतिम बहुउद्देशीय उपग्रह, इन्सैट-2 ई, को एरियाने दव्ारा कौरू, फ्रेंच गियाना से प्रमोचित किया गया (अप्रैल 3,1999) । ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचक रॉकेट (पी. एस. एल. वी. सी2) दव्ारा भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह, आई. आर. एस. -पी4 (ओशनसैट-1) को कोरिया के किटसैट-3 उपग्रह तथा जर्मनी के डी. एल. आर. -टबसैट के साथ श्रीहिरकोटा से प्रमोचित किया गया (मई 26,1999) ।
  • 2000: इन्सैट-3बी, इन्सैट-3 श्रृंखला की तीसरी पीढ़ी के प्रथम उपग्रह को एरियाने दव्ारा कौरू, फ्रेंच गियाना से प्रमोचित किया गया (मार्च 22,2000) ।
  • 2001: जीसैट- प्रयोगात्मक उपग्रह के साथ भूतुल्यकाली उपग्रह प्रमोचक रॉकेट (जी. एस. एल. वी) की सफल जाँच उड़ान (अप्रैल 18,2001) । भारत के टी. ई. एस. , बेल्जियम के प्रोबा और जर्मनी के बर्ड-तीनों उपग्रहों को ध्रुवीय सूर्य-तुल्यकाली कक्षा में स्थापित करते हुए पी. एस. एल. वी. सी3 का सफल प्रमोचन (अक्टूबर 22,2001) ।
  • 2002: एरियाने दव्ारा इन्सैट-3 सी का कौरू, फ्रेंच गियाना से सफलतापूर्वक प्रमोचित (जनवरी 24,2002) । एस. डी. एस. सी. , शार से इसरो के पी. एस. एल. वी. दव्ारा कल्पना-1 का सफलतापूर्वक प्रमोचन (सिंतबर 12,2002) ।
  • 2003: कौरू, फ्रेंच गियाना से एरियाने दव्ारा इन्सैट-3 ए का सफल प्रमोचन (अप्रैल 10,2003) । एस. डी. एस. सी. , शार से जीसैट-2 सहित जी. एस. एल. वी. की दूसरी विकासात्मक जाँच उड़ान (जी. एस. एल. वी. -डी2) का सफल प्रमोचन (मई 8,2003) । एरियाने दव्ारा कौरू फ्रेंच गियाना से इन्सैट-3 ई का सफल प्रमोचन (सितंबर 28,2003) । एस. डी. एस. सी. , शार से इसरो के पी. एस. एल. वी. -सी5 दव्ारा रिसोर्ससैट-1 का सफल प्रमोचन (अक्टूबर 17,2003) ।
  • 2004: एस. डी. एस. सी. , शार से इसरो के जी. एस. एल. वी (जी. एस. ए. वी. एफ. 01) की सफल प्रथम प्रचालनात्मक उड़ान। एडुसैट जी. टी. ओं. में स्थापित (सितंबर 20,2004) ।
  • 2005: एस. डी. एस. सी. , शार में हाल ही मेंं स्थापित दव्तीय प्रमोचन पैड से पी. एस. एल. वी. -सी 6 दव्ारा कोर्टोसैट-1 एवं हैमसैट का सफल प्रमोचन (मई 5,2005) । कौरू, फ्रेंच गियाना से एरियाने दव्ारा इन्सैट-4 ए का सफल प्रमोचन (दिसंबर 22,2005) ।
  • 2006: एस. डी. एस. सी. , शार से इन्सैट-4 सी के साथ जी. एस. एल. वी (जी. एस. ए. वी. एफ. 02) की दव्तीय प्रचालनात्मक उड़ान (जुलाई 10,2006) । उपग्रह को कक्षा में स्थापित नहीं किया जा सका।
  • 2007: पी. एस. एल. वी. -सी7 दव्ारा चार उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रमोचन-भारत के कार्टोसैट-2 और अंतरिक्ष कैप्सूल पुन: प्राप्ति परीक्षण (एस. आर. ई. -1) तथा इंडोनेशिया का लापान टबसैट और अर्जेन्टीना का फायिनसैट-1 (जनवरी 10,2007) । एस. आर. ई. -1 को, पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश करने और श्रीहरिकोटा के लगभग 40 कि. मी. पूर्व बंगाल की खाड़ी में उतरने हेतु युक्तिचालित करने के बाद उसकी सफलतापूर्वक पुन: प्राप्ति (जनवरी 22,2007) । मार्च 12,2007 को कौरू, फ्रेंच गियाना से एरियाने प्रमोचक रॉकेट दव्ारा इन्सैट -4 बी का सफल प्रमोचन। एन्ट्रिक्स कार्पोरेशन के साथ एक वाणिज्यिक ठेके के तहत अप्रैल 23,2007 को पी. एस. एल. वी. -सी8 दव्ारा सफलतापूर्वक एजिले उपग्रह का प्रमोचन।
  • सितंबर 2,2007 को एस. डी. एस. सी. , शार से इन्सैट-4सी. आर के साथ जी एस. एल. वी. (जी. एस. एल. वी. -एफ-04) का सफल प्रमोचन।
  • 2008: एन्ट्रिक्स कार्पोरेशन के साथ वाणिज्यिक ठेके के तहत जनवरी 21,2008 को पी. एस. एल. वी. -सी 10 दव्ारा टेक्सार उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रमोचन।
  • एन्ट्रिक्स कार्पोरेशन के साथ वाणिज्यिक ठेके के तहत अप्रैल 28,2008 को पी. एस. एल. वी. -सी9 दव्ारा दस उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रमोचन भारत का कार्टोसैट-2ए, भारतीय लघु उपग्रह-1 (आई. एम. एस. -1) और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए आठ नैनो उपग्रह। अक्टूबर 22,2008 को पी. एस. एल. वी. -सी11 दव्ारा चन्द्रयान-1 को उपग्रह सफलतापूर्वक प्रमोचन। दिसंबर 21,2008 को यूरोपीय एरियाने-5 प्रमोचक रॉकेट दव्ारा वाणिज्यिक आधार पर एन्ट्रिक्स/इसरो और ई. ए. डी. एस. एस्ट्रियम दव्ारा निर्मित डब्ल्यू. 2 एम उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रमोचन।
  • 2009: अप्रैल 20,2009 को पी. एस. एल. वी. -सी12 दव्ारा रिसैट-2 को अनुसैट का सफलतापूर्वक प्रमोचन।
  • एन्ट्रिक्स कार्पोरेशन के साथ वाणिज्यिक ठेके के तहत (सितंबर 23,2009) पी. एस. एल. वी. -सी14 दव्ारा ओशनसैट-2 व छ: नैनो उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रमोचन।
  • 2010: स्वदेशी क्रायोजनिक ऊपरीचरण सहित जी. एस. एल. वी. -मार्क 2 (जी. एस. एल. वी. -डी3) का प्रथम प्रमोचन जी. एस. एल. वी. -डी3 दव्ारा वहन किए जाने वाले जीसैट-4 को कक्षा में स्थापित नहीं किया जा सका (अप्रैल 15,2010) जुलाई 12,2010 को पी. एस. एल. वी. -के सत्रहवें प्रमोचन से (पी. एस. एल. वी. -सी15) भारत में कार्टोसैट-2बी तथा स्टुडसैट, अल्जीरिया अलसैट-2 बी, कनाडा का एन. एल. एस. । तथा एन. एल. एस. -2 का सफलतापूर्वक प्रमोचित किया गया।
  • नवंबर 27,2010 को यूरोपीयन एरियाने-5 प्रमोचक रॉकेट दव्ारा वाणिज्यिक आधार पर एन्ट्रिक्स/इसरो और ई. ए. डी. एस. एन्ट्रिक्स दव्ारा निर्मित हैलास उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रमोचन। जीसैट-5पी उपग्रह सहित जी. एस. एल. वी. के सातवें प्रमोचन दव्ारा उपग्रह को कक्षा में स्थापित नहीं किया जा सका। (दिसंबर 25,2010)
  • 2011: फरवरी 20,2011 को पी. एस. एल. वी. - के अठारहवें प्रमोचन (पी. एस. एल. वी. -सी16) दव्ारा भारत के रिसोर्ससैट-2 यूथसैट और सिंगापुर तकनीकी विश्वविद्यालय के एक्स-सेट का सफलतापूर्वक प्रमोचन किया गया। मई 21,2011 को कौरू, फ्रेंच गियना से एरियाने प्रमोचित्र दव्ारा जीसैट-8 संचार उपग्रह प्रमोचित। जुलाई 15,2011 को पी. एस. एल. वी. -सी17 ने अपनी लगातार अठारहवीं सफल उड़ान में जीसैट-12 संचार उपग्रह का प्रमोचन किया। सितंबर 4,2011 को जी. एस. एल. वी. -मार्क 3 में उपयोग किये जाने वाले एस 200 बूस्टर की दव्तीय सफल स्थैतिक जाँच। अक्टूबर 12,2011 को पी. एस. एल. वी. -सी18 दव्ारा मेघा-ट्रॉपिक्स और तीन सह पैंसेंजर उपग्रहों-आई. आई. टी. , कानपुर का जुगूनू एस. आर. एम. विश्वविद्यालय, चैन्नई का एस. आर. एम. सैट और लक्समबर्ग के वेसेलसैट-1 का प्रमोचन किया गया।