Science and Technology: Household Robot and Mosquito Repellent

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दैनिक जीवन में विज्ञान (Science in Daily Life)

आवास एवं आवास संबंद्ध अवयव (Housing and Household Appliances)

हाऊसहोल्ड रोबोट (Household Robot)

  • वैसे स्वचालित रोबोट जिनका उपयोग घरेलू कार्यो में होता है हाऊसहोल्ड रोबोट कहलाते हैं। कुछ हाऊसहोल्ड रोबोट सामान्य तकनीकयुक्त होते हैं जबकि कुछ अन्य वाई-फाई से युक्त होते है। कुछ हाऊसहोल्ड रोबोट घर के आस-पास और घर के अंदर के काम-काजों में भागीदारी करते हैं। इनमें से कुछ रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर के रूप में तो कुछ फलोर वाशिंग रोबोट के रूप में कार्य करते हैं। कुछ सेक्यूरिटी रोबोट होते हैं जिनकी दृष्टि क्षमता उत्तम होती है ताकि वे किन्ही गतिविधियों का निरीक्षण⟋अवलोकन कर सकें।
  • रोबोटिक लॉन मोवर्स (Robotic Lawn Mowers) वैसे रोबोट होते है जो बिना किसी नियंत्रण की सहायता के घास काट सकते हैं। विंडो वाशिंग रोबोट खिड़कियों को साफ रखने के लिए दो चुम्बकीय मॉड्‌यूल्स का उपयोग करते हैं।

कुछ महत्वपूर्ण हाऊसहोल्ड रोबोट-

  • वाकामारू (Wakamaru) - मानव आकार का यह पहला ऐसा रोबोट है जो सहयोगी या केयरटेकर के रूप में कार्य करता है। इसका निर्माण जापान में किया गया। संकट की स्थिति में इसे इस प्रकार प्रोग्राम्ड किया जा सकता है कि यह किसी व्यक्ति को कॉल कर सके या उसे ई-मेल कर सके, किसी अस्पताल या सुरक्षा फर्म सें संपर्क कर सके। इससे आवाज़ और चेहरा पहचानने की क्षमता होती है।
  • द रूम्बा (The Roomba) - इस रोबोट का डिजाइन इस प्रकार किया गया है कि बिना मानवीय या अन्य रोबोट की सहायता के कमरे को खाली कर देता है। या स्वत: शोध तकनीक (Heuristics) दव्ारा नियंत्रित होता है। अत: यह कमरे के आकार का मानचित्रण स्वत: ही कर सकती है।
  • माई स्पून (My Spoon) - यह एक ऐसा रोबोट है जो विकलांग व्यक्ति को खाना खिलाने में सहायता करता है। यह अस्पताल के रोगियों को भी खाना खिलाने में सहायक होता है।

उल्लेखनीय है कि एक सक्षम हाऊसहोल्ड रोबोट निर्मित करने के लिए अनुसंधानकर्ताओं के समक्ष कुछ चुनौतियों में भी हे-

  • रोबोट को विद्युत ऊर्जा प्रदान करना।
  • वैसे रोबोट जो भारी सामान उठाने और अन्य कार्य करने में सक्षम है वे घर के लोगों के लिए नुकसानदेह भी हो सकते हें।
  • ये अभी व्यय साध्य है।

मस्कीटो रिपेलेंट (Mosquito Repellent)

  • मच्छर विभिन्न तरीकों से अपने मेज़बान (Host) की पहचान करता है और विभिन्न प्रकार के मच्छर विभिन्न उद्दीपकों के साथ अभिक्रिया करते हैं। अधिकांश मच्छर अंधेरा होने पर सक्रिय होते हैं तो कुछ दिन के समय में भी सक्रिय रहते हैं। इनमें से कुछ मच्छर जैसे एडिस एजिप्टी मानव शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं। ऐसे मच्छरों के काटने से बचने के लिए ‘मस्कीटो रिपेलेंट’ का उपयोग किया जाता है। मस्कीटो रिपेलेंट मच्छरों को मारते नहीं है। वे व्यक्ति को मच्छर काटने से बचाने में सहायक भूमिका निभाते हैं।
  • प्राकृतिक रूप से मस्कीटो रिपेलेंट के लिए थाई लेमन ग्रामस (Thai Lemon Grass) का उपयोग किया जाता है। इसकी गंध तीव्र होती है। इस कारण मच्छर का उस स्थान विशेष पर रह पाना संभव नहीं हो पाता है। मच्छर LED पीलें बग लाईट और सोडियम लैंप के समक्ष भी नहीं आते हैं क्योंकि ये इन उपकरणों से उत्सर्जित प्रकाश के प्रति आकर्षक नहीं होते हैं। लहसुन के रस और पानी के मिश्रण का छिड़काव करके भी मच्छरों को दूर भगाया जा सकता है।
  • रासायनिक रिपेलेंट के लिए डाई इथाइल कार्बेट, मेटोफ्लूथ्रिन, ऑयल ऑफ लेमन यूकेलिप्ट्‌स, पाइकारीडीन (Picardin) , इथाईल हेक्सानेडाइऑल आदि का प्रयोग किया जाता है। हाल में एक अन्य रिपेलेंट की खोज की गई है जिसे SS220 कहा जाता है।

जीवनशैली और परिवहन (Life Style and Transport)

कार परिचालन के सिद्धांत (Cars Working Principal)

सामान्यत: पेट्रोलियम कार इंजन पेट्रोलियम का दहन कर इंजन को गति प्रदान करते हैं। यह दहन क्रिया इंजन के अंदर संपन्न होती है। अत: कार इंजन इंटरजनल कम्बशन इंजन के उदाहरण हैं। इंटरनल कम्बशन इंजन के विभिन्न भेद होते हैं। एक है डीजल इंजन और दूसरे हैं गैस टरबाईन इंजन। कुछ और इंजन हैं- Hemi इंजन, रोटरी इंजन और टू-स्ट्रोक इंजन।

  • इंटरजनल कम्बशन इंजन- कार में लगे इस इंजन में आंतरिक दहन क्रिया के फलस्वरूप इंजन कार्य करता है जो कि कार के परिचालन में सहायक होता है। कम्बशन चैम्बर में ऑक्सीडाइजर की सहायता से ईंधन का दहन होता है। इंटरजनल कम्बशन इंजन में उच्च तापमान और गैसीय दाब में प्रसार के कारण इंजन के कुछ घटकों जैसे पिस्टन, टरबाइन ब्लेड या नोजल (Nozzle) पर सीधे बल आरोपित होता है। इस बल के कार्य करने से इंजन में यांत्रिक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
    • इस इंजन में घूर्णन गति होती है। इसमें पिस्टन की रेखीय गति क्रैंकशाफ्ट (Crankshaft) की सहायता से घूर्णन गति में परिवर्तित होती है। इंजन का कोर बेलनाकार होता है। पिस्टन इसी बेलनाकार भाग के ऊपर-नीचे गति करता है।
    • हालापकि अधिकांश कारों में एक से अधिक सिलिंडर (4,6, 8) होते हैं। मल्टी सिलिंडर इंजन में सिलिंडर निम्न में से किसी एक प्रकार से व्यवस्थित होते हैं- रैखीक (इन लाईन) , वी (V) या क्षैतिज इंजन में लगा स्पार्क प्लग वायु⟋ईंधन मिश्रण को प्रज्जवलित करता है। इससे दहन क्रिया संपन्न होती है। इनटेक (Intake) और एक्जास्ट (Exhaust) वॉल्व नियत समय पर खुलते हैं ताकि हवा और ईंधन प्रवेश कर सकें। संपीड़न और दहन के दौरान दोनों वॉल्व बंद रहते हैं। बेलनाकार पिस्टन सिलिंडर के ऊपर-नीचे घूमता है।
    • पिस्टन रिंग (Piston Ring) संपीड़न और दहन के दौरान ईंधन⟋हवा के रिसाव हो रोकते हैं। ये सम्प (Sump) से दहन क्षेत्र में हो सकने वाले तेल रिसाव को भी रोकते हैं। कनेक्टिंग रॉड पिस्टन को कैंक्रशाफ्ट से जोड़ता है। यह दोनों किनारों पर घूम सकता है। कैंक्रशाफ्ट पिस्टन को ऊपर-नीचे घूर्णित करता है।
    • सम्प (Sump) कैंक्रशाफ्ट के चारों ओर होता है। इसमें कुछ मात्रा में तेल होता है।

संपीडित प्राकृतिक गैस (Compressed Natural Gases)

  • CNG का उपयोग गैसोलीन (पेट्रोल) , डीजल ईंधन और एलपीजी के स्थान पर किया जाता है। CNG के दहन से अवांछित गैसें कम मात्रा में ही उत्सर्जित होती हैं। CNG तेल निक्षेप के ऊपर प्राप्त किया जा सकता है। प्राकृतिक गैस को संपीड़ित कर CNG निर्मित किया जा सकता है। प्राकृतिक गैस को मानक वायुमंडलीय दाब पर इस गैस के आयतन के 1 प्रतिशत से कम पर संपीड़ित करने से CNG निर्मित होता है।
  • CNG अन्य जीवाश्म ईंधनों की अपेक्षा प्रदूषणरहित गैस होता है। इस कारण इस गैस का प्रचलन बढ़़ा है। CNG पर्यावरण हितैषी ईंधन के रूप में कार्य करता है।

अनुसंधानों से जानकारी मिलती है कि CNG के दहन से हरित गृह गैसों का उत्सर्जन 40 प्रतिशत कम होता है। CNG के लाभ-

  • इसमें सीसे की उपस्थिति नहीं होती है। अत: स्पार्क प्लग के गंदा होने की संभावना नहीं रहती है।
  • इसका स्वत: ज्वलन ताप अधिक होता है।
  • इससे उत्सर्जित प्रदूषकों की मात्रा अल्प होती है।

CNG में मुख्यत: मीथेन गैस (CH) की उपस्थिति होती है। इसका कैलोरी मान 900 KJ प्रति मोल होता है। CNG पेट्रोल की तुलना में 1.6 गुणा अधिक ऊर्जा प्रदान करता है।

  • CNG को बड़े टंकी में भंडारित किया जाता है। इस टंकी में लगभग 3600 पाउंड दाब प्रति वर्ग इंच पर CNG को रखा जाता हैं। टंकी से गैस मुक्त किए जाने पर यह उच्च दाब से होते हुए रेगुलेटर तक पहुपचता है। तब यह वाहन के फ्यूल इंजेक्टी के जरिए निम्न दाब पर वाहन में प्रविष्ट कराया जाता है।
  • CNG को न्यूनतम प्रदूषण करने वाली गैस समझे जाने के बाद भी कुछ ऐसे उदाहरण मिले हैं जिनसे प्रतीत होता है कि यह गैस भी प्रदूषण में सहायक है। ऐसी जानकारी मिली है कि CNG तकनीक की वजह से हवा में ओजोन गैस की मात्रा बढ़ रही हैं। इस गैस से फेफड़े के उतक क्षतिग्रस्त होने, अस्थमा, हृदय रोग और जेनेटिक कोड बदलने की संभावना रहती है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ऐसी जानकारी संग्रहित की है।
  • वस्तुत: CNG के इंजन की तकनीक में कमी के कारण यह स्थिति सामने आती है। वाहन के उच्च दाब दहन इंजन (High Pressure Combustion Engine) में जलने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। हवा में उपस्थित नाइट्रोजन इंजन तक पहुपचकर गैसों की अभिक्रिया से नाइट्रोजन ऑक्साइड गैस बन जाती है। यह नाइट्रोजन ऑक्साइड सूर्य प्रकाश में अभिक्रिया कर ओजोन गैस बनाती है। अत: इंजन की तकनीक में वैज्ञानिक परिवर्तन कर इसमें सुधार किया जा सकता है।