Indian Geography MCQs in Hindi Part 10 with Answers

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1 निम्नलिखित प्राकृतिक आपदाओं पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ भूकंप

  • अवतलन
  • सूखा
  • हिमघाव
  • बाढ़

उपर्युक्त में से कौन-से भौमिक प्राकृतिक आपदा के अंतर्गत शामिल हैं?

अ) केवल 1,3 और 5

ब) केवल 1,2 और 4

स) केवल 2,3, 4 और 5

द) 1,2, 3,4 और 5

उत्तर: (ब)

व्याख्या: प्राकृतिक आपदाओं को सामान्यत: चार वर्गों में बाँटा जाता है। उदाहरण के लिये, वायुमंडलीय, भौमिक, जलीय और जैविक।

प्राकृतिक आपदाओं का वर्गीकरण

Table of Destribution of natural disasters

Table Supporting: Indian Geography MCQs in Hindi Part 10 with Answers
वायुमंडलीयभौमिकजलीयजैविक
बर्फानी तूफानभूकंपबाढपौधे वे जानवर उपनिवेशक के रूप में (टिड्‌डीयाँ इत्यादि)

कीट ग्रसन-फफूंद, बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण बर्ड

फ्लू, डेंगू इत्यादि।

तड़ितझंझाज्वालामुखीज्वार
तड़ितभू-स्खलनमहासागरीय धाराए
टॉरनेडाहिमघावतूफान महोमि
उष्ण कटिबंधीय चक्रवातअवतलनसुनामी
करकापातमृदा अपरदन
पाला, लू, शीतलहर

2 भारत में भूकंप के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ भारत को छ: भूकंपीय क्षेत्रों में बाँटा गया है।

  • पृथ्वी की ऊपरी सतह में विवर्तनिक गतिविधियों से निकली ऊर्जा से भूकंप उत्पन्न हाते हैं।

उपर्युक्त कथनों में कौन सा⟋से सत्य है⟋हैं।

अ) केवल 1

ब) केवल 2

स) 1 और 2 दोनों

द) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (ब)

व्याख्या:

कथन 1 गलत है। भारत को पाँच भूकंपीय क्षेत्रों में बाँटा गया है, जो निम्नलिखित है-

  • अति अधिक क्षति जोखिम क्षेत्र
  • अधिक क्षति जोखिम क्षेत्र
  • मध्यम जोखिम क्षेत्र
  • निम्न क्षति जोखिम क्षेत्र
  • अति निम्न क्षति जोखिम क्षेत्र

कथन 2 सत्य है। भूकंप पृथ्वी की ऊपरी सतह में विवर्तनिक गतिविधियों से निकली ऊर्जा से पैदा होते हैं। उल्लेखनीय है कि विवर्तनिक गतिविधियों से उत्पन्न भूकंप ज्वालामुखी विस्फोट, चट्‌टान गिरने, भू-स्खलन, ज़मीन के अवतलन (धँेसने) , बांधध व जलाशय के बैठने इत्यादि से आने वाला भूकंप अधिक क्षेत्रों को प्रभावित करता है।

3 भारत में भूकंपीय क्षेत्रों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा⟋से सत्य है⟋ हैं?

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ उत्तरी-पूर्वी प्रांत और बिहार में भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र अति अधिक जोखिम क्षेत्र वाले स्थल हैं।

  • उत्तराखंड, पश्चिमी हिमाचल प्रदेश, कश्मीर घाटी और कच्छ मध्यम अति जोखिम वाले क्षेत्र हैं।
  • दक्कन का पठार भारत में भूकंप से सुरक्षित माने जाने वाले स्थलों में शामिल हैं।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिये।

अ) केवल 1

ब) केवल 1 और 2

स) केवल 1 और 3

द) 1,2 और 3

उत्तर: (स)

व्याख्या:

  • कथन 1 सत्य है। भारत में कुछ क्षेत्रों में प्रचंड भूकंप अनुभव किये जाते हैंं। इनमें उत्तरी-पूर्वी प्रांत और बिहार में भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र के अतिरिक्त उत्तराखंड, पश्चिमी हिमाचल प्रदेश, कश्मीर घाटी और कच्छ क्षेत्र अति अधिक जोखिम क्षेत्र वाले स्थलों के अंतर्गत शामिल हैं।
  • उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड, पश्चिमी हिमाचल प्रदेश, कश्मीर घाटी और कच्छ का क्षेत्र अति अधिक जोखिम क्षेत्र वाले स्थलों के अंतर्गत शामिल हैं। अत: कथन 2 असत्य है।
  • कथन 3 सत्य है। भारत में भूकंप से सुरक्षित माने जाने वाले स्थलों में दक्कन के पठार का स्थिर भू-भाग भी शामिल है।

4 सुनामी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ महासागर में जल तरंग की गति जल की गहराई पर निर्भर करती है।

  • सुनामी के समय जल तरंगों की गति गहरे समुद्र में अत्यधिक हो जाती है।

उपर्युक्त कथनों में कौन सा⟋से सत्य है⟋हैं।

अ) केवल 1

ब) केवल 2

स) 1 और 2

द) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (स)

व्याख्या: उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।

  • महासागर में जल तरंग की गति जल की गहराई पर निर्भर करती है। इस तरह जल की गति उथले समुद्र में ज्यादा और गहरे समुद्र में कम होती है। इसी कारण महासागरों के अंदरुनी भाग इससे कम प्रभावित होते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि तटीय क्षेत्रों में ये तरंगे ज्य़ादा नुकसानकारी होती हैं और जान-माल को व्यापक क्षति पहुँचाती हैं। साथ ही गहरे समुद्र में सुनामी की लहरों की लंबाई अधिक होती है ऊँचाई कम होती है। इसलिये, समुद्र के इस भाग में सुनामी जलपोत को एक या दो मीटर तक ही ऊपर उठा सकती है।

5 सूखा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ मिट्‌टी आर्द्रता की कमी के कारण जब फसलें मुरझा जाती हैं तो इसे कृषि सूखा कहा जाता है।

  • लंबे समय तक अपर्याप्त वर्षा के कारण सामयिक और स्थानिक वितरण के अंसतुलन की स्थिति को जल विज्ञान संबंधी सूखा कहा जाता है।

उपर्युक्त कथनों में कौन सा⟋से सत्य है⟋हैं।

अ) केवल 1

ब) केवल 2

स) 1 और 2

द) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (अ)

व्याख्या: सूखा एक जटिल परिघटना है, जिसमें कई प्रकार के मौसम विज्ञान संबंधी तथा अन्य तत्व, जैसे-वृष्टि, वाष्पीकरण, वाष्पोत्सर्जन, भीम जल, मृदा में नमी, जल भंडारण व भरण, कृषि पद्धतियाँ विशेषत: उगाई जाने वाली फसलें, सामाजिक-आर्थिक गतिविधियाँ और पारिस्थतिकी शामिल हैं। सूखे को कई रूपों में वर्गीकृत किया गया है जैसे-मौसमविज्ञान संबंधी सूखा, कृषि सूखा, जलविज्ञान संबंधी सूखा और पारिस्थितिक सूखा।

  • कथन 1 सत्य है। मिट्‌टी में आर्द्रता की कमी के कारण जब फसलें मुरझा जाती हैं तो इसे कृषि सूखा कहा जाता है।
  • कथन 2 असत्य हैं। लंबे समय तक अपर्याप्त वर्षा के कारण जब फसलें मुरझा जाती हैं तो इसे कृषि सूखा कहा जाता है।
  • उल्लेखनीय है कि जलविज्ञान संबंधी सूखा तब उत्पन्न होता है, जब विभिन्न जल संग्रहण, जलाशय, जलभूत और झीलों इत्यादि का स्तर वृष्टि दव्ारा की जाने वाली जलापूर्ति के बाद भी नीचे आ जाए।
  • प्राकृतिक पारिस्थतिक तंत्र में जल की कमी के कारण उत्पादकता कम हो जाती है और फलत: पारिस्थितिक तंत्र में तनाव हो जाता है और यह क्षतिग्रस्त हो जाता है, यह स्थिति पारिस्थतिक सूखा कहलाती है।

6 मिश्रित कृष के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?

अ) चारे की फसल मिश्रित कृषि के मुख्य घटक हैं।

ब) मिश्रित कृषि में फसल उत्पादन के साथ पशुपालन भी किया जाता है।

स) मिश्रित कृषि विश्व के अत्यधिक विकसित भागों में की जाती है।

द) मिश्रित कृषि को ट्रक कृषि के नाम से भी जाना जाता है।

उत्तर: (द)

व्याख्या:

  • कथन द गलत है। उद्यान कृषि के अंतर्गत जिन प्रदेशों में कृषक केवल सब्जियाँ पैदा करते हें, वहाँ इसे ‘ट्रक कृषि’ के नाम से जाना जाता है।
  • मिश्रित कृषि के लिये उत्तरी-पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका का पूर्वी भाग एवं दक्षिणी महादव्ीपों के समशीतोष्ण अक्षांश वाले भाग आदि क्षेत्रों में की जाती है। इन क्षेत्रों को संसार में अत्यधिक विकसित भाग के रूप में जाना जाता है।
  • चारे की फसल मिश्रित कृषि के मुख्य घटक हैं। इसके अतिरिक्त इसमें फसल उत्पादन एवं पशुपालन को भी बराबर महत्व दिया जाता है।

7 भूमध्यसागरीय कृषि के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ अंगूर की कृषि भूमध्यसागरीय कृषि की महत्त्वपूर्ण विशेषता है।

  • भूमध्यसागरीय कृषि को कोलखहोज़ के नाम से भी जाना जाता है।
  • अंजीर एवं जैतून की खेती भूमध्यसागरीय कृषि के अंतर्गत नहीं की जाती है।

उपर्युक्त कथनों में कौन सा⟋से सही है⟋हैं।

अ) केवल 1

ब) केवल 1 और 2

स) केवल 2 और 3

द) 1,2 और 3

उत्तर: (अ)

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है। भूमध्यसागरीय कृषि एक विशिष्ट प्रकार की खेती है, इसका विस्तार भूमध्यसागरीय के समीपवर्ती क्षेत्र के साथ दक्षिणी कैलिफोर्निया, मध्यवर्ती चिली, दक्षिण अफ्रीका का दक्षिणी-पश्चिमी भाग एवं ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण व दक्षिण-पश्चिम भाग में है। अंगूर की कृषि भूमध्यसागरीय कृषि की महत्त्वपूर्ण विशेषता है। यहाँ अच्छी किस्म के अंगूरों से शराब एवं निम्न श्रेणी के अंगूरों को सूखाकर मुनक्का और किशमिश बनाई जाती है।
  • कथन 2 गलत है। सामूहिक कृषि को सोवियत संघ में कोलखहोज़ नाम दिया गया। उल्लेखनीय है कि सामूहिक कृषि में उत्पादन के साधनों का स्वामित्व संपूर्ण समाज एवं सामूहिक श्रम पर आधारित होता है।
  • कथन 3 गलत है। भूमध्यसागरीय कृषि के क्षेत्र खट्‌टे फलों की आपूर्ति करने में महत्त्वपूर्ण हैं। इसके अतिरिक्त अंजीर एवं जैतून का उत्पादन भी इन क्षेत्रों में होता है।

8 कपास की खेती के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ उच्च तापमान, हल्की वर्षा, पाला रहित मौसम और चमकीली धूप कपास की खेती के लिये आदर्श वातावरण के रूप में जाने जाते हैं।

  • भारत में दक्कन के पठार में पारंपरिक कपास की खेती वाली काली मिट्‌टी पाई जाती है।
  • तमिलनाडु और मध्य प्रदेश कपास उत्पादक राज्यों में शामिल हैं।

उपर्युक्त कथनों में कौन सा⟋से सही है⟋हैं।

अ) केवल 1 और 2

ब) केवल 1

स) केवल 2 और 3

द) 1,2 और 3

उत्तर: (द)

व्याख्या:

  • कथन 3 सत्य है। कपास की खेती के लिये उच्च तापमान, हल्की वर्षा या सिंचाई, पाला रहित मौसम और चमकीली धूप जैसी अनुकूल दशाओं की आवश्यकता होती है।
  • कथन 2 सत्य है। भारत में कपास की खेती पारंपरिक रूप से दक्कन के पठार की काली मिट्‌टी में की जाती रही है।
  • कथन 3 सत्य है। भारत मेें कपास उत्पादक क्षेत्रों में गुजरात के मैदान और काठियावाड़, महाराष्ट्र में पश्चिमी घाट के पूर्व में पठारी प्रदेश, पश्चिमी मध्य प्रदेश और नर्मदा घाटी, दक्षिणी कर्नाटक और पश्चिमी आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ तमिलनाडू भी महत्त्वपूर्ण हैं।

9 निम्नलिखित कारकों पर विचार कीजिये:

ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ कोष्ण और आर्द्र जलवायु

  • जल निकास वाली उपजाऊ मृदा

उपर्युक्त में से कौन-सा⟋से कारक जूट की खेती के लिये अनुकूल है⟋हैं?

अ) केवल 1

ब) केवल 2

स) 1 और 2 दोनों

द) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (स)

व्याख्या: उपर्युक्त दोनों कारक जूट की खेती के लिये अनुकूल हैं।

  • भारत में जूट का उपयोग टाट, बोरे आदि बनाने के लिए किया जाता है। इसके लिए कोष्ण और आर्द्र जलवायु तथा जल निकास वाली उपजाऊ मृदा उपयुक्त होती है।
  • भारत में जूट का उत्पादन पश्चिम बंगाल, असम घाटी, उत्तरी बिहार और ओडिशा के महानदी डेल्टा (नदीमुख-भूमि) में किया जाता है।

10 निम्नलिखित फसल समूहों में कौन-सा रोपण फसलों का समूह है?

अ) चाय, रबड़, कॉफी, धान, गन्ना

ब) चाय, रबड़, कॉफी, कहवा, चना

स) चाय, रबड़, कॉफी, कहवा, गन्ना

द) कॉफी, धान, गन्ना, केला, काजू

उत्तर: (स)

व्याख्या: रोपण कृषि वाण्िज्यिक कृषि का एक प्रकार है जहाँ चाय, केला, कहवा, काजू, रबड़, कॉफी अथवा कपास की एकल फसल उगाई जाती है। इसमें वृहत पैमाने पर श्रम और पूंजी की आवश्यकता होती है। रोपण कृषि के मुख्य क्षेत्र विश्व के उष्ण कटिबंधीय प्रदेशों में पाय जातें हैं।