भारत-अफ्रीका (India – Africa – International Relations – India and the World)

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राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी दव्ारा हाल ही में तीन अफ्रीकी देशों का दौरा किया गया-घाना, कोट डी आइवर (आइबरी कोस्ट) और नामीबिया।

भारत-आइबरी कोस्ट

1960 में दोनों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से किसी भारतीय राष्ट्रपति की यह पहली यात्रा थी। भारत ने 1979 में आबिदजान में अपने दूतावास की स्थापना की थी, जबकि कोटे डी आइवर (जिसे आइवरी कोस्ट भी कहा जाता है) ने भारत में 2004 में अपना रेजिडेंट मिशन (नियोग) स्थापित किया।

यात्रा के मुख्य बिंदु

• राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को आइवरी कोस्ट के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड (व्यापक) क्रॉस (आर पार जाना⟋प्रतिकूल) नेशनल आर्डर (राष्ट्रीय आदेश) से सम्मानित किया गया।

• आबिदजान में एक्जिम बैंक के मुख्यालय को फिर से स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।

• व्यापार-2010 - 11 में $ 344.99 मिलियन का दव्पक्षीय व्यापार था जो 2014 - 15 में बढ़कर $ 841.85 मिलियन हो गया।

• आइवरी कोस्ट, कोको का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसने व्यापार संबंधों को मजबूत बनाने के लिए भारत के निजी क्षेत्र दव्ारा विशेष रूप से चॉकलेट के मुख्य घटक के प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की मांग की है।

• यह भारत के लिए काजू का सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत इसके कुल काजू का लगभग 80 प्रतिशत खरीदता है।

• भारत ने दक्षिण-दक्षिण सहयोग के तहत विविध क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं के लिए 156.3 मिलियन अमरीकी डॉलर का ऋण प्रदान किया है, जैसे-सार्वजनिक परिवहन, ग्रामीण विद्युतीकरण, चावल उत्पादन में आत्मनिर्भरता, काजू प्रसंस्करण, नारियल फाइबर (रेशे) प्रसंस्करण, आईटी और जैव-प्रौद्योगिकी पार्क।

भारत-घाना

किसी भारतीय राष्ट्रपति दव्ारा घाना की यह पहली यात्रा थी। भारत और घाना ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए तीन दव्पक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

समझौतों⟋समझौता ज्ञापनों की सूची

• राजनयिक और सरकारी पासपोर्ट (विदेशी यात्री का पार-पत्र जिसमें यात्री का विवरण दिया होता है।) धारकों के लिए वीजा (देश में आने या जाने की अनुमति) की आवश्यकता से छूट पर समझौता।

• एक संयुक्त आयोग की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन।

• यह आयोग समय पर बहु-आयामी संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेगा।

• विदेश सेवा संस्थान (भारत) और विदेश मंत्रालय (घाना) के बीच समझौता ज्ञापन।

परमाणु सहयोग

घाना पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए लागत में कटौती और स्वच्छ पर्यावरण पर आधारित संभावनाओं का पता लगाने के लिए भारत से असैन्य परमाणु सहयोग चाहता है।

व्यापार संबंध

• घाना में भारत का संचयी निवेश लगभग 1 अरब डॉलर है जबकि 2015 - 16 में दव्पक्षीय व्यापार 3 अरब डॉलर कर रहा।

• घाना के व्यापार में मुख्यत: सोने का आयात शामिल है। यह कुल व्यापार का लगभग 80 प्रतिशत है।

• भारत घाना में 700 से अधिक परियोजनाओं के साथ सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है। इनमें से 200 से अधिक विनिर्माण क्षेत्र में हैं।

• भारत अगले तीन साल में घाना के साथ अपने दव्पक्षीय व्यापार को 3 से 5 अरब डॉलर तक विस्तारित करना चाहता है।

अन्य क्षेत्रों में सहयोग

• भारत के घाना विश्वविद्यालय (अक्रा) में भारतीय अध्ययन केंद्र की स्थापना करेगा। इसका वित्तपोषण भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) दव्ारा किया जाएगा।

• भारत अनुदान और ऋण के माध्यम से कई प्रमुख सामाजिक-आर्थिक परियोजनाओं, जैसे-कोमेंडा चीनी संयंत्र और एल्मिना मछली प्रसंस्करण संयंत्र, में सहयोग कर रहा है।

• भारत ने एक विदेश नीति प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए ऑफ्र क्रेडिट को मंजूरी दी है।

भारत-नामीबिया

राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान निम्नलिखित समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

• सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता केन्द्र (सीईआईटी) की स्थापना पर समझौता ज्ञापन।

• सरकारी अधिकारियों में क्षमता निर्माण के लिए तकनीकी सहयोग विषय पर समझौता ज्ञापन।

परमाणु सहयोग

• नामीबिया ने 2009 में भारत के साथ यूरेनियम (क्रियाशील रेडियो उत्पादक एक धातु तत्व) आपूर्ति के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया था। हालांकि अफ्रीकी परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र संधि के एक सदस्य के रूप में यह भारत के साथ यूरेनियम का व्यापार नहीं कर सकता है क्योंकि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किया है।

• नामीबिया यूरेनियम का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक देश हैं।

• नामीबिया ने नई दिल्ली से अन्य देशों के साथ इसी तरह के समझौते करने के लिए कहा है ताकि यह एएनडब्ल्यूएफजेडटी सदस्यों को मनाने में सफल हो सके।

अफ्रीकी परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र संधि

• एएनडब्ल्यूएफजेडटी, पेलिन्दाबा की संधि के रूप में भी जाना जाता है, जो दक्षिण अफ्रीका के मुख्य परमाणु अनुसंधान केंद्र के नाम पर है। यह वह स्थान है जहाँ दक्षिण अफ्रीका के 1970 के दशक के परमाणु बम विकसित, निर्मित एवं भंडारित किए गए।

• पेलिन्दाबा संधि परमाणु प्रसार को रोकने और अफ्रीका के सामरिक खनिजों के मुक्त निर्यात को रोकने के उद्देश्य से 1996 में संपन्न हुई।

नामीबिया का महत्च

• नामीबिया दक्षिणी अफ्रीकी सीमा शुल्क संघ एसएएसयू का सदस्य है। एसएएसयू में बोत्सवाना, लेसोथो, नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका, और स्वाजीलैंड सदस्य राष्ट्र के तौर पर शामिल हैं।

• नामीबिया की अर्थव्यवस्था की ताकत खनिज उत्खनन क्षेत्रक है जो इसके घरेलू उत्पाद में करीब 11 प्रतिशत का योगदान देता है।

• भारत उत्खनन अभियांत्रिकी के व्यापार दव्ारा नामीबिया को सहयोग देने की पेशकश करेगा।

यात्रा का विश्लेषण

• राष्ट्रपति की अफ्रीकी राष्ट्रों की यात्रा विकास सहायता के माध्यम से दक्षिण-दक्षिण सहयोग को जारी रखने एवं अफ्रीकी राष्ट्रों के विकास हेतु संसाधन को साझा करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

• अक्टूबर 2015 को नई दिल्ली में तीसरे इंडिया (भारत) -अफ्रीका फोरम (विशेष गठन) समिट की मेजबानी करने के बाद भारत अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक योजना पर काम कर रहा है।

• विशाल खनिज संपदा संपन्न इस महादव्ीप में चीन की बुनियादी ढांचे और निवेश के क्षेत्र में तेजी से बढ़ती पैठ के कारण भारत अफ्रीका में अपनी पहुँच, जो ज्यादातर विकासपरक सहायता के रूप में है, में वृद्धि के प्रयास कर रहा है।

• अफ्रीका महादव्ीप दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने जा रहा है।

• अफ्रीका महादव्ीप प्राकृतिक संसाधानों से संपन्न है, अत: भारत अपनी अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए इसके विशाल संसाधनों को दोहन करने की कोशिश कर रहा है।