मूलभूत आय की आवश्यकता (Basic Income Requirement – Social Issues)

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• हाल ही में स्विटजरलैंड में हुए एक मतदान में वहां के नागरिकों ने ‘मूलभूत आय’ के विरोध में अपना मत दिया। लगभग तीन-चौथाई लोगों ने इसके विरुद्ध अपना मत दिया।

• इस प्रकार का मतदान करवाने वाला स्विटजरलैंड पहला देश बना।

क्या है सार्वभौमिक मूलभूत आय?

§ यह आय समस्त नागरिकों को बिना कोई कार्य किये व्यक्तिगत रूप से उपलब्ध करवाई जाती है।

§ यह एक न्यूनतम आय गांरटी है, जो किसी भी व्यक्ति को अन्य स्रोतों से होने वाली आया के अतिरिक्त प्रदान की जाती है।

भारत में इसकी प्रासंगिकता

§ भारतीय कल्याणकारी ढांचे में, विभिन्न सब्सिडी (आर्थिक सहायता) अलग-अलग प्राधिकारियों दव्ारा उपलब्ध करवाई जाती हैं। जैसे-खाद्य, गृह, यात्रा, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदत्त सब्सिडी जो विभिन्न लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रदान की जाती हैं।

§ इस संदर्भ में प्रश्न उठाने का यह सही समय है कि क्यों न भारत में दी जा रही विभिन्न सब्सिडियों, जो बहुधा लोगों की आवश्यकताओं के संबंध में संपूर्ण जानकारियों के आधार पर वितरित होती हैं, के स्थान पर समस्त नागरिको को ‘एक सार्वभौमिक मूलभूत सब्सिडी’ के रूप में एकमुश्त आय प्रदान की जाए ताकि लोग इस राशि का उपयोग अपनी आवश्यकता के अनुरूप कर सकें।

§ इससे गरीबी को कम करने में भी मदद मिलेगी तथा प्रशासन को अन्य आवश्यक कार्यों के लिए भी समय मिल पाएगा।

§ गरीब व्यक्ति की आवश्यकताओं की पूर्ति होगी तथा उसे दैनिक चिंताओं जैसे- खाने तथा विद्यालय फीस की चिंता से मुक्ति मिलेगी।

§ निश्चित मूलभूत आय के होने से लोगों का जीवन बेहतर होगा तथा वे अपने बच्चों व व्यापार में अधिक कुशलता से निवेश कर पाएंगे।