समाज एवं धर्म सुधार आंदोलन (Society and Religion Reform Movement) Part 15 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

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प्रमुख विचार

  • हमारी अपनी मातृभूमि के लिए दो महानवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू धर्मों हिन्दुत्व तथा इस्लाम का संयोग ही एकमात्र आशा हैं।

-विवेकानंद

  • दुनिया के सभी दूसरे राष्ट्रों से हमारा अलगाव ही हमारे पतन का कारण है और शेष दुनिया की धारा में समा जाना ही इसका एकमात्र समाधान है। गति जीवन का चिन्ह है।

-विवेकानंद

  • हमारा ईश्वर भोजन के बर्तन में है और हमारा धर्म यह है कि हम पवित्र हैं हमें छूना मत। अगर यही सब कुछ एक शताब्दी और चलता रहा तो हममें से हर एक व्यक्ति पागलखाने में होगा।

-विवेकानंद

  • विचार और कर्म की स्वतंत्रता जीवन, विकास तथा कल्याण की अकेली शर्त है। जहां यह न हो वहां मनुष्य, जाति तथा राष्ट्र सभी पतन के शिकार होते हैं।

-विवेकानंद

  • मैं एक ही ईश्वर को मानता हूं जो सभी आत्माओं की एक आत्मा है और सबसे ऊपर है। मेरा ईश्वर दुखी मानव है; मेरा ईश्वर पीड़ित मानव है, मेरा ईश्वर हर जाति का निर्धन मनुष्य है।

-विवेकानंद

  • जब तक लाखों लोग भूख तथा अज्ञान से ग्रस्त हैं, मैं हर उस व्यक्ति को देशद्रोही कहूंगा जो उसके खर्च पर शिक्षा पाकर भी उन पर कोई ध्यान नहीं देता।

-विवेकानंद

  • हमारा मत यह नहीं है कि सत्य सभी धर्मों में पाए जाते हैं, बल्कि यह है कि सभी स्थापित धर्म सत्य है।

-केशवचन्द्र सेन

  • आपके दुखों को कोई इतनी अच्छी तरह दूर नहीं कर सकता जिस तरह आप कर सकते हैं और आप इन्हें तब तक दूर नहीं कर सकते जब तक कि राजनीतिक सत्ता आपके हाथों में न आए।

-डॉ. भीमराव अंबेडकर

  • अंग्रेजों ने भारत में शेष चाहे कुछ भी अच्छा अथवा बुरा किया हो वे भारत में पुनर्जागरण लाए

-पर्सिबल ग्रिफिथ

  • अंग्रेजो ने भारत को मुगलों के मध्य युग से आधुनिक संसार के विज्ञान तथा मानववाद में प्रवेश करने के लिए एक सेतु की भूमिका निभाई है।

-पर्सिवल स्पीयर

  • अगर ब्रिटिश राष्ट्र को वास्तविक ज्ञान से अनभिज्ञ रहना होता तो मध्यकालीन दार्शनिक तर्कमोह, जो उनके अज्ञान को बनाए रख सकता था की जगह बेकन दर्शनवाद कभी नहीं आता।

-राजा राम मोहन राय