एंटीबायोटिक्स पर भारत का लाल रेखा अभियान (India՚s Red Line on Antibiotics – Science and Technology)

Doorsteptutor material for CTET-Hindi/Paper-1 is prepared by world's top subject experts: get questions, notes, tests, video lectures and more- for all subjects of CTET-Hindi/Paper-1.

सुर्खियों में क्यों?

2014 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई ‘रोगाणुरोधी प्रतिरोध पर वैश्विक समीक्षा’ में भारत के इस अभियान की सराहना की गई।

लाल रेखा अभियान क्या हैं?

• भारत में एंटीबायोटिक दवाओं की खपत में तेजी से वृद्धि हुई है, जबकि बैक्टीरिया संक्रमण के उपचार के लिए इनकी प्रभावशीलता में तेजी से कमी आ रही है। विश्व में एंटीबायोटिक दवाओं की सबसे ज्यादा (13 अरब इकाई) खपत भारत ने की है।

• एंटीबायोटिक दवाओं के दुरुपयोग और गलत इस्तेमाल के खतरों को उजागर करने के लिए एक बहुत आवश्यक जन जागरूकता अभियान ‘मेडिसिन (चिकित्सा शास्त्र) विद (के साथ) द (हैं) रेड लाइन’ (लाल रेखा) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय दव्ारा शुरू किया गया था।

• अब कुछ निश्चित दवाओं के पैक में एक ‘लाल रेखा’ खिंची होती है जो अन्य दवाओं से अलग करती है।

आगे की राह

• असंगम तय-खुराक संयोजन दवाओं का निर्माण करने वाली दवा कंपनियों की जाँच की जानी चाहिए।

• सरकार को रोगाणुरोधी अपशिष्ट का पर्यावरण में निर्वहन करने वाली दवा कंपनियों और पशु चारे में एंटीबायोटिक के उपयोग को विनियमित करना चाहिए।