राष्ट्रीय रेल योजना 2030 (National Railway Scheme) for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

Doorsteptutor material for NTSE/Stage-II-National-Level is prepared by world's top subject experts: get questions, notes, tests, video lectures and more- for all subjects of NTSE/Stage-II-National-Level.

सुर्ख़ियों में क्यों?

  • हाल ही में रेल मंत्री के दव्ारा राष्ट्रीय रेल योजना 2030 की वेबसाइट की शुरुआत की गयी।
  • यह राज्य सरकारों, जन प्रतिनिधियों तथा संबंधित मंत्रालयों समेत सभी हितधारकों दव्ारा राष्ट्रीय रेल योजना 2030 के विकास हेतु उद्देश्यपूर्ण अध्ययन में इनपुट प्रदान करने के लिए प्रयोग की जाएगी।

राष्ट्रीय रेल योजना के बारे में

  • एनआरपी 2030 रेलवे नेटवर्क (तंत्र) को बढ़ाने के लिए योजना निर्माण हेतु दूरगामी दृष्टिकोण प्रदान करेगा।
  • यह रेलवे नेटवर्क को यातायात के अन्य साधनों के साथ सुसंगत एवं एकीकृत करेगा तथा देश भर में निर्बाध मल्टी (बहु) मोडल (आदर्श) परिवहन नेटवर्क प्राप्त करने के लिए तालमेल बढ़ाएगा।
  • यह सुरंगों तथा ओवरमेगा (ऊपर बहुत बड़ा) ब्रिजो (पुल) में एक साथ नयी रेलवे लाइनें (रेखा) तथा राजमार्ग बनाकर परिवहन नेटवर्क में एकीकृत योजना और लागत अनुकूलन के स्वप्न को साकार करेगा।

राष्ट्रीय रेल योजना 2030 के उद्देश्य

  • माल तथा यात्रियों हेतु आसान आवागमन उपलब्ध कराना तथा विश्वसनीय, सुरक्षित और सुविधाजनक सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करना।
  • रेल परिवहन के आवश्यक बुनियादी ढांचे की स्थापना कर तथा इसे यातायात के अन्य साधनों के पूरक के रूप में विकसित आर्थिक वृद्धि को तीव्रता प्रदान करना।
  • अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सामरिक आवश्यकता को पूरा करना।
  • एक आर्थिक रूप से प्रतिस्पर्धी रेल परिवहन प्रणाली का निर्माण करना।

बंदरगाह

′ द (यह) मेजर (मुख्य) मोटवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू र्स (संचालन यंत्र) अथॉरिटिज (अधिकार) बिल (विधेयक) , 2016

सुर्ख़ियों में क्यों?

  • केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘मेजर (मुख्य) मोटवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू र्स (संचालन यंत्र) ट्रस्ट (संगठन) एक्ट (अधिनियम) , 1963’ के स्थान पर ‘द मेजर मोटवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू र्स अथॉरिटिज बिल, 2016’ को स्वीकृति दी है।

विधेयक की मुख्य विशेषताएं

  • नया विधेयक मेजर मोटवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू र्स ट्रस्ट एक्ट, 1963 की तुलना में अधिक सुगठित है जिसमें 134 सेक्शन (अनुभाग) की जगह सिर्फ 65 सेक्शन (अनुभाग) होंगे और इनमें कोई दोहराव और अप्रचलित सेक्शन नहीं हैं।
  • नए विधेयक में बोर्ड (परिषद) ऑफ (का) पोर्ट (बंदरगाह) अथॉरिटी (अधिकार) (बीपीए) के ढांचे को सरल बनाने का प्रस्ताव है, जिसमें से 3 - 4 स्वतंत्र निदेशकों सहित केवल 11 सदस्य होंगे जबकि अभी विभिन्न हित समूहों के 17 से 19 सदस्य होते हैं।
  • नए विधेयक में टैरिफ (मूल्य) अथॉरिटी (अधिकारी) ऑफ (का) मेजी पोटवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू र्स (बंदरगाहों) की टैरिफ (मूल्य) रेगुलेट (विनियमित) करने की भूमिका को वापस लिया गया है। अब बीपीए को टैरिफ तय करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह पीपीपी परियोजनाओं में बोली लगाने के लिए रेफरेंस (संदर्भ) टैरिफ (मूल्य) के रूप में कार्य करेगा।
  • बीपीए को बंदरगाह से संबंधित प्रयोजनों हेतु 40 वर्षों के लिए तथा बंदरगाह से संबंधित कार्यो के अतिरिक्त अन्य उपयोग हेतु 20 वर्षों के लिए भूमि पट्टे पर देने हेतु अधिकृत किया गया है। बीपीए को बंदरगाह से संबंधित अन्य सेवाओं एवं परिसपंत्तियों (जैसे भूमि) की कीमत तय करने के लिए भी सशक्त किया गया है।
  • विधेयक में कंपनी (संघ) अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार सीएसआर गतिविधियों एवं लेखा परीक्षा का उल्लेख है। साथ ही इसमें पत्तन प्राधिकरण दव्ारा अवसरंचनात्मक विकास किए जाने के बारे में भी उल्लेख है।
  • एक स्वतंत्र समीक्षा बोर्ड (परिषद) आईआरबी प्रस्तावित किया गया है जो प्रमुख बंदरगाहों के लिए तत्कालीन टीएएमपी के पुराने मामलों को सुलझाएगा। इसमें यह बंदरगाहों और पीपीपी रियायतदारों के मध्य विवादों को सुलझाएगा, पीपीपी परियोजनाओं की समस्याओं की समीक्षा करेगा और परियोजनाओं से जुड़े पीपीपी संचालनकर्ताओं, बंदरगाह तथा निजी ऑपरेटरों (चालक) के बीच होने वाले विवादों से संबंधित शिकायतों पर सुझाव देगा।
  • आईआरबी निजी ऑपरेटरों दव्ारा प्रदत्त सेवाओं के संबंध में की गई शिकायतों की भी जांच करेंंगे।

लैंडलॉर्ड (मकान मालिक/भूस्वामी) पोर्ट (बंदरगाह) मॉडल (नमूना)

  • सार्वजनिक रूप से शासित पत्तन प्राधिकरण, एक नियामक निकाय के रूप में कार्य करते हैं, वहीं नौभार-संचालन का कार्य निजी क्षेत्र की कंपनियाँ करती हैं। हालाँकि, पत्तन प्राधिकरण बंदरगाह पर मालिकाना हक रखता है लेकिन बुनियादी ढाँचे का निर्माण निजी क्षेत्र दव्ारा ही किया जाता है। बदले में, पत्तन प्राधिकरण निजी कंपनियों (संघों) से राजस्व का एक हिस्सा प्राप्त करता है।

सर्विस (कार्य) पोर्ट (बंदरगाह) मॉडल (नमूना)

  • पत्तन प्राधिकरण, नियामक निकाय होने के साथ-साथ बंदरगाह पर मालिकाना हक भी रखता है और सभी तरह की चल और अचल संपत्तियों का मालिक भी होता है। पोर्ट (बंदरगाह) ट्रस्ट (संगठन) , लैंडलॉर्ड (भू-स्वामी) और कार्गों टर्मिनल (अंतिम) ऑपरेटर (चालक) होता है।