1857 का विद्रोह (Revolt of 1857) for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc. Part 1 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

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भूमिका

भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति असंतोष की चिंगारियाँ पहले से ही सुलग रही थीं, जो यदा-कदा प्रज्वलित हो उठती थीं। मुख्य बात यह थी कि भारतीयों ने कभी स्वेच्छा से ब्रिटिश साम्राज्य को स्वीकारा नहीं किया था। अनेक भारतीय नरेशों तथा सरदारों में ब्रिटिश-विरोधी भावना मौजूद थी। इसके पहले छोटे पैमाने पर देश के विभिन्न भागों में छिटपुट विद्रोह होते रहे थे। 1781 ई. में वारणसी के चैत सिंह का विद्रोह, 1799 ई. में वजीर अली का षडवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू यंत्र, 1816 ई. में बरेली का विद्रोह, 1832 - 33 में छोटानागपुर के कोलों का विद्रोह, 1845 - 46 में पटना षडवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू यंत्र, 1849 ई. में भोपाल-विद्रोह और 1855 - 56 में संथालों के विद्रोह हुए। ब्राह्य रूप से 1857 ई. की क्रांति एक आकस्मिक घटना थी। इसका आरंभ एक सैनिक विद्रोह के रूप में हुआ था। इसके पीछे कई कारण थे, जो उस समय की परिवर्तित परिस्थिति से संबद्ध थे।