भारत के राजनीतिक दल (Political Parties of India) Part 1 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

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भारत में राजनीतिक दलों के उदय के कारण ~NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.: भारत के राजनीतिक दल (Political Parties of India) Part 1

ब्रिटिश उपनिवेशवादी चुनौती के प्रत्युतर में भारत में दलीय व्यवस्था का आरंभ हुआ। इसकी शुरूआत 19वीं सदी के उतरार्द्ध में हुई। साम्राज्यवादी शासन के विरुद्ध एक लंबे समय के संघर्ष के दौरान इसने भारतीय जनता की दृढ़ राष्ट्रीय एकता का केवल विदेशी शासन के विरुद्ध मुक्ति आंदोलन का नेतृत्व ही नहीं किया अपितु अंतत: भारतीय लोकतंत्र के एक नए ढांचे के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण संघर्ष भी किया।

भारत में दलीय व्यवस्था की शुरूआत सनवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू 1885 में एक राजनीतिक मंच के रूप में कांग्रेस की स्थापना से मानी जाती है। इसके बाद अन्य दल एवं समूह अस्तित्व में आए। अंग्रेजों की बांटो और शासन करो की नीति के कारण मुस्लिम लीग, हिन्दू महासभा एवं अकाली दल जैसे सांप्रदायिक दलों एवं समूहों के निर्माण को प्रोत्साहन मिला। राजनीतिक व्यवस्था के सांप्रदायीकरण के कारण उपनिवेशी शासन के विरुद्ध राष्ट्रीय एकता विखंडित और कमजोर हुई। जनता को जाति और धर्म के आधार पर बांटने के कारण एक निरपेक्ष दल व्यवस्था का विकास अवरुद्ध हो गया। इसलिए जब भारत स्वतंत्र हुआ तब भारतीय दल व्यवस्था अस्त-व्यस्त थी। एक लोकतांत्रिक संविधान स्वीकार करने के पश्चातवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू 1952 में सार्वभौम व्यस्क मताधिकार पर आधारित प्रथम आम चुनाव की लहर में एक नई और भिन्न प्रकार की दलीय व्यवस्था का उदय हुआ।