Election Commission (Part 15 Articles 324 to 329) , Political Party, Official Language (Part 17)
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37 निर्वाचन आयोग (भाग 15, अनुच्छेद 324 से 329) (Election Commission (Part 15 Articles 324 to 329) )
- निर्वाचन आयोग का गठन मुख्य आयुक्त एवं ऐसे अन्य निर्वाचन आयुक्तों से किया जाता है, जिसकी संख्या निर्धारण और नियुक्ति राष्ट्रपति दव्ारा किया जाता है।
- 1993 से पूर्व चुनाव आयोग एक सदस्यीय था। 1993 में मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा अन्य निर्वाचन आयुक्त अधिनियम 1991 में संशोधन किया गया और तीन सदस्यीय चुनाव आयोग का प्रावधान किया गया।
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों के अधिकार समान होंगे तथा उसके दव्ारा कोई भी निर्णय बहुमत दव्ारा लिया जाएगा।
- मुख्य चुनाव आयुक्त की कार्यवधि 6 वर्ष या 65 वर्ष एवं अन्य आयुक्त की कार्यवधि 6 वर्ष या 62 वर्ष, जो पहले हो, तब तक होगा।
- मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्त का वेतन भारत की संचित निधि से दिया जाता है।
- मुख्य चुनाव आयुक्त को महाभियोग दव्ारा हटाया जा सकता है।
- निर्वाचन आयोग के कार्य-
- चुनाव मतदाता सूची तैयार करवाना।
- चुनाव क्षेत्रों का परिसीमन करना।
- राजनीति दलों को राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, गैर-मान्यता प्राप्त एवं पंजीकृत दल के रूप में मान्यता देना।
- राजनीतिक दलों को आरक्षित चुनाव चिन्ह प्रदान करना।
- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति संसद और राज्य विधान सभाओं का चुनाव करवाना।
- राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता तैयार करना।
- उम्मीदवारों दव्ारा किये जाने वाले चुनावी व्यय की राशि-निश्चित करना।
- चुनाव आयोग राष्ट्रपति को संसद सदस्यों की अयोग्यताओं के संबंध में और राज्यपाल को विधान मंडल की अयोग्यताओं के संबंध में परामर्श देता है।
Committees formed to study the electoral system in the election process
निर्वाचन प्रक्रिया में निर्वाचन तंत्र का अध्ययन करने के लिए गठित समितियाँ | |||
क्र | समिति | वर्ष | विषय-वस्तु |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | तारकुंडे समिति (अनौपचारिक समिति) | 1974 | निर्वाचन सुधार हेतु अध्ययन |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | दिनेश गोस्वामी समिति | 1990 | निर्वाचन सुधार |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | बोहरा समिति | 1993 | अपराध तथा राजनीति के बीच साठगांठ |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | इंद्रजीत गुप्ता समिति | 1998 | सरकारी खर्च पर चुनाव |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | टंका आयोग | 2010 | संपूर्ण निर्वाचन कानून तथा निर्वाचन के अध्ययन हेतु |
इसके अलावा निम्न आयोगों का उल्लेख महत्वपूर्ण हैं-
Committees formed to study the electoral system in the election process
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ निर्वाचन विधि पर आयोग की रिपोर्ट (1999) |
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- दलबदल अधिनियम 1985:- प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शासनकाल में दल-बदल रोकने के लिए 1985 में संविधान में 52वाँ संशोधन किया गया और संविधान में 10वीं अनुसूची का सजृन किया गया। दल-बदल का अंतिम निर्णय लेने का अधिकार संबंधित सदन के अध्यक्ष एवं सभापति को है। इसमें सुधार के लिए पुन: 2003 में 91वाँ संशोधन किया गया।
- इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन-इसका निर्माण भारत सरकार के दो उपक्रमों दव्ारा किया जाता है-भेल और भारत इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया।
- 1951 के जन प्रतिनिधित्व कानून में 1989 में धारा 61 (क) जोड़ी गई। जिससे मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीन के प्रयोग को वैधता प्रदान की गई।
- गोवा ऐसा पहला राज्य है जहाँ सर्वप्रथम पूरे राज्य में चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक मशीन का प्रयोग हुआ।
- इलेक्ट्रॉनिक मशीन का सर्वप्रथम प्रयोग 1982 में केरल के पारूर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के 50 मतदान केंद्रों पर किया गया था।
वीवीपीएटी
- मतदाता प्राप्ती रसीद यानी वोटर वेरिफायड पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) मतपत्र रहित मतदान प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए मतदाताओं को फीडबैक देने का तरीका है। इसका उद्देश्य इवीएम की स्वतंत्र पुष्टि है। यह व्यवस्था मतदाता को इस बात की पुष्टि करने की अनुमति देती है कि उसकी इच्छानुसार मत पड़ा है या नहीं। इसे वोट बदलने या वोटों को नष्ट करने से रोकने के अतिरिक्त उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- वीवीपीएटी के तहत प्रिंटर की तरह का एक उपकरण इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ जुड़ा होता है। जब वोट डाला जाता तब इसकी एक प्राप्ती रसीद निकलती है। इस प्राप्ती रसीद का क्रम संख्या, नाम तथा उम्मीदवार का चुनाव चिन्ह दर्शाया जाता है। यह उपरकण वोट डाले जाने की पुष्टि करता है तथा इससे मतदाता ब्यौरा की पुष्टि कर सकता है। रसीद एक बार दिखने के बाद ईवीएम से जुड़े कंटेनर में चली जाती है।
- यह प्रणाली पहली बार प्राप्त रसीद के आधार पर मतदाता को अपने वोटों को चुनौती देने की अनुमति देती है। ये नियम के अनुसार मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी को मतदाता की अस्वीकृति दर्ज करनी होगी तथा इस अस्वीकृति की गिनती के समय ध्यान में रखना होगा।
- भारत सरकार ने 14 अगस्त, 2013 की एक अधिसूचना के जरिए चुनाव कराने संबंधी नियम, 1961 को संशोधित किया। इससे निर्वाचन आयोग को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ वीवीपीएटी के इस्तेमाल का अधिकार मिला। सितंबर 2013 में नागालैंड के त्वेनसांग में नोकसेन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए ईवीएम के साथ वीवीपीएटी का प्रयोग किया गया।
- उच्चतम न्यायालय ने अक्टूबर 2013 में सुब्राह्यण्यम स्वामी बनाम भारत निर्वाचन आयोग मामले में व्यवस्था देते हुए कहा कि वीवीपीएटी स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनावों के लिए अपरिहार्य है तथा भारत निर्वाचन आयोग को वीवीपीएटी प्रणाली की सुनिश्चित करने के लिए ईवीएम को वीवीपीएटी से जोड़ने का निर्देश दिया। उच्चतम न्यायालयों ने निर्वाचन आयोग को 2014 के आम चुनावों के लिए चरणबद्ध तरीके से ईवीएम में प्राप्ति रसीद लागू करने तथा इसके लिए केन्द्र को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
- निर्वाचन आयोग ने दिल्ली विधान सभा चुनाव में 1,18, 596 पंजीकृत मतदाताओं वाले 186 मतदान केन्द्रों में वीवीपीएटी प्रणाली का इस्तेमाल पायलट परियोजना के रूप में शुरू किया। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा के चुनावों के दौरान वीवीपीएटी प्रणाली का इस्तेमाल मिजोरम के 10 और दिल्ली, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा राजस्थान के एक-एक निर्वाचन क्षेत्रों में भी लागू की गई।
Increase in election spending limit
निर्वाचन खर्च की सीमा में वृद्धि निर्वाचन प्रक्रिया संचालन अधिनियम 1961 के अंतर्गत केन्द्र सरकार ने बड़े राज्यों की लोकसभा सीटों के लिए निर्वाचन खर्च की सीमा बढ़ाकर 40 लाख रूपए कर दी है। अन्य राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में यह सीमा 16 लाख रूपए से 40 लाख रूपए तक रखी गई है। इसी तरह बड़े राज्यों के विधानसभा क्षेत्रों के लिए यह सीमा 16 लाख रुपए तक रखी गई है। अन्य राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए यह सीमा 8 लाख रुपए से 16 लाख रुपए के बीच रखी गई है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरूआत 25 जनवरी, 2011 को भारतीय निर्वाचन आयोग दव्ारा की गई थी। सन् 1950 में 25 जनवरी को ही निर्वाचन आयोग अस्तित्व में आया था जो कि आयोग का स्थापना दिवस हैं राष्ट्रीय मतदाता दिवस को चुनावी प्रक्रिया में प्रभावी भागीदारी के संबंध में मतदाताओं के बीच जागरूकता फैलाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। भारतीय निर्वाचन आयोग ने 25 जनवरी, 2014 को देश भर में चौथा राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया। इसका थीम नैतिक मतदान था। इस अवसर पर एक राष्ट्रीय समारोह को विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। |
38 राजनीतिक दल (Political party)
- राष्ट्रीय दल के लिए अनिवार्यता:- राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दल का दर्जा प्राप्त करने के लिए लोक सभा अथवा विधान सभा चुनावों में किन्हीं चार अथवा अधिक राज्यों में कुल डाले गये वैध मतों को 6 प्रतिशत मत प्राप्त करने के साथ किसी एक राज्य अथवा राज्यों से विधानसभा की कम से कम चार सीटें-जीतनी होंगी अथवा लोक सभा में 2 प्रतिशत सीटें (11 सीटें) जीतनी होगी, जो कम से कम 3 राज्यों से प्राप्त की गई हों।
- राज्य स्तरीय राजनीतिक दल के लिए अनिवार्यता- राज्य स्तरीय का दर्जा प्राप्त करने के लिए संबंधित दल को लोकसभा अथवा विधानसभा चुनाव में डाले गए कुल वैध मतों को कम से कम 6 प्रतिशत मत प्राप्त करने के साथ ही राज्य विधानसभा में कम से कम 2 सीटें जीतना आवश्यक है।
- 1952 में निर्वाचन आयोग दव्ारा 14 दलों को राष्ट्रीय दल के रूप में तथा 60 दलों को राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता दी गई थी।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र लद्दाख (जम्मू-कश्मीर) एवं सबसे छोटा दिल्ली सदर है।
39 राजभाषा भाग 17 Official Language Part 17
- संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी है।
- संविधान के आरंभ में 15 वर्ष तक अंग्रेजी भाषा का प्रयोग सरकारी कार्यो का निर्णय लिया गया। किन्तु संसद ने राजभाषा अधिनियम 1963 पारित किया जिसके अनुसार संघ के सरकारी कार्यो में अंग्रेजी काल तक जारी रहेगा।
Currently recognized national political party
वर्तमान में मान्यता-प्राप्त राष्ट्रीय राजनीति दल | ||
क्र. | पद | चुनाव-चिन्ह |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | भारतीय जनता पार्टी | कमल |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | प्जाां |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | भारतीय साम्यवादी दल | हौंसिया और बाली |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी | घड़ी |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | बहुजन समाज पार्टी | हाथी (असम को छोड़कर) |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | मार्क्सवादी साम्यवादी दल | हसियाँ, हथौड़ा एवं तारा |
- वर्तमान में 8वीं अनुसूची में 22 भाषाएँं सम्मिलित हैं।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद- 344 में राष्ट्रपति दव्ारा राजभाषा से संबोधित कुछ विषयों के संबंध में सलाह देने के लिए एक आयोग की नियुक्ति का प्रावधान है।
Currently recognized national political party
क्र. | छल | राज्य | चुनाव चिन्ह |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | जनता दल (यू) | बिहार झारखंड | तीर |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | लोक जनशक्ति पार्टी | बिहार | ब्गांला |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | झारखंड मुक्ति मोर्चा | झारखंड | तीर कमान |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | नेशनल काफ्रेंस | जम्मू-कश्मीर | हल |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | अकाली दल (बादल) | प्जाांब | तीर कमान |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | असम गण परिषद् | असम | हाथी |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम | तमिलनाडु | दो पत्ती |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | द्रविड़ मुनेत्र कड़गम | तमिलनाडु, पांडिचेरी | उगता सूरज |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | तेलगु देशम | आंध्र प्रदेश | साईकल |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | समाजवादी पार्टी | उत्तर प्रदेश | साईकल |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | शिवसेना | महाराष्ट्र | तीर कमान |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी | गोवा | शेर |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | मुस्लिम लीग | केरल | सीढ़ी |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ | राष्ट्रीय जनता दल | बिहार | लालटेन |
- अनुच्छेद 344 के तहत राष्ट्रपति ने 1955 में वी. जी. खरे की अध्यक्षता में प्रथम राजभाषा आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग ने अपना प्रतिवेदन 1956 में दिया।
- 1976 में राजभाषा आयोग को समाप्त कर दिया गया और दूसरा आयोग अर्थात् वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना की गई, जो अब भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन कार्य कर रहा है।
- राज्य की भाषा- संविधान के अनुच्छेद 345 के अधीन प्रत्येक राज्य के विधान मंडल को यह अधिकार दिया गया है कि वह आंठवी अनुसूची में अंतर्विष्ट भाषाओं में से किसी एक या अधिक को सरकारी कार्यों के लिए राज्य सरकारी भाषा के रूप में अंगीकार कर सकता है। किंतु राज्यों के परस्पर संबंधों में तथा संघ तथा राज्यों के परस्पर संबंधों में संघ की राजभाषा को ही प्रधीकृत भाषा माना जाएगा।
- उच्चतम और उच्च न्यायालयों तथा विधान मंडलों की भाषा- संविधान में प्रावधान किया गया है कि जब तक संसद दव्ारा कानून बनाकर अन्यथा प्रावधान न किया जाए तब तक उच्चतम यायालय और उच्च न्यायालयों की भाषा अंग्रेजी होगी और संसद तथा राज्य विधान मंडलों दव्ारा पारित कानून अंग्रेजी में होंगे। किसी का राज्यपाल राष्ट्रपति की अनुमति से उच्च न्यायालय की कार्यवाही को राजभाषा में होने की अनुमति दे सकता है।