जैव ग्लास (Organic Glass – Science and Technology)

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उपस्थि एक लचीला संयोजी ऊतक है जो कशेरुकी प्राणियों में जोड़ों में और रीढ़ की हड्‌डी के बीच पाया जाता है। अन्य प्रकार के संयोजी उत्तकों की तुलना में क्षतिग्रस्त उपास्थि सरलता से ठीक नहीं होती है।

सुर्खियों में क्यों?

• ब्रिटेन के इम्पीरियल महाविद्यालय लंदन और इटली में मिलानो बिकोआ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक जैव कांच सामग्री विकसित की है जो असली उपास्थि की तरह धक्का अवशोषित करने और भार उठाने के गुणों की नकल कर लेती है।

• यह पदार्थ उपास्थि की नकल भी कर सकता है और पुन: वृद्धि के लिए इसे प्रोत्साहित भी कर सकता है। इसमें कशेरुकियों की रीढ़ में क्षतिग्रस्त उपास्थि के प्रतिस्थापन में मदद मिलेगी।

• जैव कांच सिलिका और प्लास्टिक या पालीकैप्रोलैक्टोन नामक बहुलक के बने होते हैं।

विशेषताएं

• यह एक जैवनिम्नकरणीय स्याही के रूप में बनाया जा सकता है, ताकि सूक्ष्म एवं जैव निम्नकरणीय स्काफ्फोल्डस में इन्हें 3 डी प्रिंट (छाप) करने के लिए शोधकर्ताओं को सक्षम बनाया जा सके।

• यह क्षतिग्रस्त होने पर आत्म उपचार का गुण भी प्रदर्शित करता है जो एक अधिक विश्वसीय एवं लचीला प्रत्यारोपण बना सकता है। प्रत्यारोपण के बाद संरचना का संयोजन, कठोरता और जैव कांच का रासायनिक संघटन सूक्ष्म छिद्रों में से होकर उपास्थि कोशिकाओं की वृद्धि को उत्प्रेरित करेगा।

• इस प्रकार इसमें उपास्थित कोशिकाओं की घुटनों में वृद्धि को उत्प्रेरित करने की क्षमता है जो इसके पहले संभव नहीं थी।

• समय के साथ पाड़ का शरीर में सुरक्षित रूप से अपघटन होता है, जिसका स्थान मूल उपास्थि समान गुणों वाली नयी उपास्थि ले लती हे।

• इसके अलावा दवा वितरण में, जीवाणु रोधी एजेंट (कार्यकर्ता) के रूप में, पुनर्खानिजिकरण तत्व के रूप में तथा अस्थि उत्तक अभियांत्रिकी में भी जैव कांच के व्यापक अनुप्रयोग हैं।

उपास्थि एक लचीला संयोजी ऊतक है जो कशेरुकी प्राणियों में जोड़ो में और रीढ़ की हड्‌डी के बीच पाया जाता है। अन्य प्रकार के संयोजी उतकों की तुलना में क्षतिग्रस्त उपास्थि सरलता से ठीक नहीं होती है।