वर्ल्ड (विश्व) ट्रेड (व्यापार) आउटलुक (दृष्टिकोण) इंडिकेटर (सूचक) (World Trade Outlook Indicator) Part 1 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

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  • विश्व व्यापार संगठन ने वैश्विक व्यापार की प्रवृत्तियों पर “रियल (वास्तविक) टाइम (समय) ” में जानकारी प्रदान करने के लिए एक नया वर्ल्ड ट्रेड आउटलुक इंडिकेटर (डब्ल्यूटीओआई) प्रारंभ किया है।
  • डब्ल्यूटीओआई प्रवृत्ति के साथ प्रदर्शन करने हेतु एक हैडलाइन (मुख्य चरण) आंकड़े प्रदान करता है।
  • इसमें 100 की रीडिंग (अध्ययन) हालिया प्रवृत्तियों अनुरूप व्यापार वृद्धि का संकेत देती है, 100 से ऊपर की रीडिंग प्रवृत्ति से अधिक वृद्धि का संकेत देती है, जबकि 100 से नीचे की रीडिंग प्रवृत्ति से निम्न वृद्धि को इंगित करती है।
  • डब्ल्यूटीओआई को तिमाही आधार पर अपडेट (नवीनीकरण) किया जाएगा।

विश्व निवेश रिपोर्ट 2016

सुर्ख़ियों में क्यों?

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) ने विश्व निवेश रिपोर्ट 2016 जारी की है।

यूएनसीटीएडी के बारे में

  • यूएनसीटीएडी, व्यापार, निवेश और विकास के मुद्दों से निपटने हेतु संयुक्त राष्ट्र महासभा का एक प्रमुख अंग है। इस संगठन का लक्ष्य “विकासशील देशों के व्यापार, निवेश और विकास के अवसरों को बढ़ाना” है।
  • यह विश्व निवेश मंच का आयोजन करता है।
  • यह निम्न रिपोर्ट प्रकाशित करता है:
  • विश्व निवेश रिपोर्ट
  • प्रौद्योगिकी और नवाचार रिपोर्ट

ग्लोबल (विश्वव्यापी) रिटेल (खुदरा) डेवलपमेंट (विकास) इंडेक्स (सूचकांक)

  • ए. टी. कर्नी दव्ारा जारी ग्लोबल रिटेल डेवलपमेंट इंडेक्स (जीआरडीआई) में भारत की रैंकिंग में 13 स्थानों की बढ़त हुयी है। वर्ष 2016 में इसे खुदरा क्षमता में दूसरे स्थान पर रखा गया था।
  • 25 समष्टि अर्थशास्त्रीय और खुदरा-विशिष्ट चरों के आधार पर वर्तमान और भावी क्षमता से संपन्न आकर्षक बाजारों की पहचान करने के लिए 30 विकासशील देशों का विश्लेषण किया गया था।
  • इस प्रकार यह रिपोर्ट खुदरा व्यापारियों को बाजार निवेश के उभरते अवसरों की पहचान करने के लिए सफल वैश्विक रणनीति निर्मित करने में सहायता करती है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2013 और 2015 के बीच भारत में 8.8 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से खुदरा क्षेत्र का विस्तार हुआ, जिसका बड़ा हिस्सा स्वतंत्र और असंगठित खुदरा बाजारों के घरेलू वित्तपोषण से संचालित हुआ।
  • ई-कॉमर्स (वाणिज्य) भारत के विकास को बढ़ावा दे रहा है और यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाजार है।

विश्व बैंक का लॉजिस्टिक्स (संभार-तंत्र) परफॉरमेंस (प्रदर्शन) इंडेक्स (सूचकांक) (एलपीआई)

सुर्ख़ियों में क्यों?

  • विश्व बैंक समूह ने हाल ही में अपनी छह माही रिपोर्ट: “कनेक्टिंग (जोड़ने) टू कम्पीट (मुकाबला करना) 2016: ट्रेड (व्यापार) लॉजिस्टिक्स (संभार-तंत्र) इन (भीतरी) ग्लोबल (विश्वव्यापी) इकॉनमी (अर्थशास्त्र) ” जारी की।

लॉजिस्टिक्स परफॉरमेंस इंडेक्स (एलपीआई) क्या है?

  • एलपीआई वस्तुत: किसी देश में तथा उसके भीतरी भागों में उत्पादों की आवाजाही की सुगमता और क्षमता की तुलनात्मक स्थिति को मापता है।

मुख्य बिन्दु

  • भारत की रैंकिंग में 19 स्थानों का सुधार हुआ है, जो 2014 के अपने 54वें स्थान से बढ़कर 2016 में 35वें स्थान पर आ गई है।
  • एलपीआई देश की भीतर माल की आवाजाही की लागत और अक्षमता को दर्शाता है, विशेष रूप से राज्यों के आर-पार जहां आंतरिक बाधाएं अधिक होती हैं।