घातक शिथिलता युक्त पक्षाघात- (ए एफ पी) (SAG Containing Deadly Paralysis – Science and Technology)

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टीके से व्युत्पन्न पोलियो विषाणु का एक मामला हाल ही में नई दिल्ली में सामने आया यह पोलियो विषाणु लकवे का कारण होता है। इस लकवे/पक्षाघात को चिकित्सा की भाषा में घातक शिथिलता युक्त पक्षाघत कहते हैं। अचानक मांसपेशियों में कमजोरी आना तथा एक या एक से अधिक बाँह या टाँग में ज्वर होना इसका प्रमुख लक्षण है।

घातक शिथिलता युक्त पक्षाघात (ए. एफ. पी.) अनेक कारणों से होता है। इनमें से एक कारण टीके से संबंधित है।

घातक शिथिलता युक्त पक्षाघात (ए. एफ. पी.) के मामलों में वृद्धि क्यों हुई?

• मौखिक पोलियों टीके (ओपीपी) में एक सुषुप्त वैक्सीन विषाणु पाया जाता है। विषाणु के इस सुषुप्त रूप का प्रयोग शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय करने में किया जाता है। यह बच्चों की वैक्सीन आधारित पोलियों वायरस (डब्ल्यूपीवी) से सुरक्षा करता है।

• लेकिन जब बच्चों को मौखिक पोलियो टीके दव्ारा रोग से प्रतिरक्षित किया जाता है तब यह विषाणु आंत में प्रकट होता है तथा इस दौरान यह विषाणु मलत्याग की प्रकिया दव्ारा बाहर आ जाता है।

• अपर्याप्त स्वच्छता वाले क्षेत्रों में यह विमुक्त वैक्सीन-विषाणु उस समुदाय में तेजी से फैल जाता है तथा निम्न प्रतिरक्षा वाले बच्चों को संक्रमित करता है।

• यह वैक्सीन विषाणु आनुवांशिक परिवर्तनों की प्रक्रिया से गुजरता है तथा यह समुदाय में फैल जाता है।