मत्स्यन (Fisheries) for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc. Part 2 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

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डब्ल्यूटीओ में मत्स्य पालन सब्सिडी (सरकारी सहायता) का मुद्दा ~NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.: मत्स्यन (Fisheries) for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc. Part 2

  • भारत विश्व व्यापार संगठन के अन्य सदस्यों जैसे दक्षिण अफ्रीका और अन्य अफ्रीकी, कैरेबियाई तथा पैसिफिक (शांत) देशो के समूह के साथ विकासशील देशों तथा कम विकासशील देशों के लिए प्रभावी, विशेष और विशिष्ट (S&D) प्रबंधन का प्रयास कर रहा है।
  • इसके लिए विकास की आवश्यकताओं, गरीबी घटाने, आजीविका तथा खाद्य सुरक्षा जैसे मुद्दों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है।

विशेष और विभेदीकृत व्यवहार

  • डब्ल्यूटीओ समझौते में कुछ विशेष प्रावधान है जो विकासशील देशों के लिए विशेष अधिकार और शेष अन्य सदस्यों दव्ारा उन्हें और अधिक सहयोग करने की स्वीकृति देते हैं-
  • विशेष प्रावधानों में सम्मिलित है:
  • समझौतों और प्रतिबद्धताओं को लागू करने के लिए लंबी अवधि।
  • इन देशों के व्यापारिक अवसरों को बढ़ाने के उपाय।
  • सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों दव्ारा विकासशील देशों के व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए प्रावधान की आवश्यकता।
  • विकासशील देशों को डब्ल्यूटीओ के कार्यों का उत्तरदायित्व लेने, विवादों का निपटान करने तथा तकनीकी मानकों के क्रियान्वयन हेतु अवसरंचना निर्माण में मदद करना।
  • अत्यल्प विकसित सदस्य देशों (LDCs) से संबंधित प्रावधान।

कृषि उपज में विकल्प

सुर्ख़ियों में क्यों?

एसईबीआई ने हाल ही में कृषि उपज सहित चयनित वस्तुओं में विकल्प व्यापार की अनुमति प्रदान की है।

यह क्या है?

विकल्प एक वित्तीय डेरीवेटिव (यौगिक) होता है जिसमें एक पक्ष अपना अनुबंध दूसरे पक्ष को बेचता है। इसमें बेचनेवाला पक्ष क्रेता को बिना किसी बाध्यता के पूर्व निर्धारित मूल्य और तिथि पर प्रतिभूति खरीदने या बेचने का अधिकार प्रदान करता है।

समीक्षा

  • किसानों को इससे सुरक्षा प्राप्त होगी क्योंकि सरकार दव्ारा केवल गेहूं, चावल और गन्ने के लिए निश्चित कीमतें निर्धारित की जाती हैं। अत: ऐसे में वे स्थिर मूल्य व्यवस्था से लाभान्वित होंगे।
  • इसके अतिरिक्त, विकल्प किसानों को भविष्य में खरीदने और बेचने का अधिकार देता है, किन्तु ऐसा करने के लिए कोई बाध्यता नहीं है। अत: इससे निर्णय लेने में एक प्रकार का लचीलापन आएगा।

कृषि विपणन

सुर्ख़ियों में क्यों?

नए बजट में इलेक्ट्रॉनिक (विद्युतीय) राष्ट्रीय कृषि बाजार मंच का प्रयोग करके कृषि उत्पादों के स्पॉट (स्थान) और डेरीवेटिव (यौगिक) बाजार के एकीकरण का सुझाव दिया गया है।

स्पॉट (स्थान) मार्किट (बाजार) -यह एक इलेक्ट्रॉनिक (विद्युतीय) ट्रेडिंग (व्यापार) प्लेटफॉर्म (मंच) है जो निम्नलिखित को सुविधाजनक बनाता है-

  • ख़ास कमोडिटीज़ जैसे एग्रीकल्चरल (कृषि) कमोडिटीज (माल) ़, धातु तथा बुलियन के क्रय-विक्रय को
  • यह स्पॉट (स्थान) डिलेवरी (वितरण) कॉन्ट्रैक्ट (अनुबंध) उपलब्ध कराता है जो तात्कालिक अनुबंध होते हैं या जो 11 दिनों की अवधि में होते हैं।

डेरीवटिव (यौगिक) मार्किट (बाजार) -डेरिवेटिव्स वित्तीय अनुबंध होते है जो अपना मूल्य आधारभूत परिसंपत्ति से प्राप्त करते है।

  • ये स्टॉक (भंडारण) , सूचियां, कमोडीटीज (माल) ़, मुद्रा विनिमय दरे अथवा ब्याज दर हो सकते है।
  • यह आधारभूत परिसंपत्ति के भविष्य के मूल्य पर सटवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू टेबाजी के दव्ारा लाभ कमाने में मदद करते हैं।

महत्व-

स्पॉट और डेरीवेटिव बाज़ार के एकीकरण से निम्नलिखित लाभ होंगे:-

  • कमोडिटीज (वस्तु) की डिलिस्टिंग (असूचीयन) की अनिश्चिता का अंत।
  • यह किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने में मदद करेगा।