राष्ट्रीय राजमार्ग ग्रिड (National Highway Grid – Economy)

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यह क्यों आवश्यक हैं?

• भारत में कुशल सड़क नेटवर्क (जाल तंत्र) पैटर्न (प्रतिकृति) की कमी चालकों के समक्ष एक प्रमुख समस्या है, वे एक जगह से दूसरी जगह तक पहुँचने के लिए एक सीधा मार्ग नहीं अपना सकते। इसके लिए क्या किया जा रहा हैं

• भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने एक ‘राष्ट्रीय राजमार्ग ग्रिड’ प्रस्तावित की है, जिसमें देशभर में 27 क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर राजमार्ग गलियारे शामिल होंगे।

• ये गलियारें करीब 250 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित होंगे और आड़े-तिरछे (किस्क्रॉस) पैटर्न (प्रतिकृति) में एक दूसरे से जुड़े रहेंगे।

• कुल 36,000 किमी सड़क में, करीब 30,100 किमी पहले से ही राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में हैं, लेकिन उनमें से केवल 18,800 किमी ही चार लेन के हैं।

• बाकी सड़कें या तो राज्य राजमार्ग के अंतर्गत आती हैं या जिला सड़कों के तहत। ऐसी सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाया जाएगा और सभी राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन का बनाया जाएगा।

• कुल परियोजना 25,000 करोड़ रुपये की है और यह राष्ट्रीय राजमार्गों की पहचान आसान बनाने के लिए सरकार को राष्ट्रीय राजमार्गो को फिर से नामित करनें में मदद करेगी।

• पूर्व-पश्चिम वाले सभी राजमार्गों का नामकरण सम संख्या से और उत्तर-दक्षिण वाले सभी राजमार्गो का नामकरण विषम संख्या से किया जा सकता है।

• यह ग्रिड 12 महापतनों, राज्यों की राजधानियों और 45 से अधिक शहरों को जोड़ेगी तथा इस तरह त्वरित निकासी और एक छोर से दूसरे छोर तक माल परिवहन में मदद मिलेगी।